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Deepa Ruwali

writer u Tuber

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Deepa Ruwali

मेरे सिर पर  हमेशा गमों का साया रहा,
कितने खुशियों के उजाले न जाने तेरे पास आए।
मेरे हिस्से में तो सदा ही ये काली रात आई,
और तेरे हिस्से में न जाने कितने चांद आए।

©Deepa Ruwali #Glazing #sad #poeatry #Shayar #Shayari #shayri #शायरी #thought #write #treanding

Glazing sad poeatry Shayar Shayari shayri शायरी thought write treanding

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Deepa Ruwali

दर्द के बादल दिल में गरज रहे हैं
और बरसात आंखों से हो रही है
हमें तो अब जीना भी गवारा नहीं,
ये गुस्ताखी तो सांसों से हो रही है।

©Deepa Ruwali #treanding #Poetry #Shayar #shayri #shayari #thought #writer #sad_feeling #Life
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Deepa Ruwali

White  बुलंदियों को छूने की चाह लिए बैठे हैं,
   जो राह ठीक नहीं वही राह लिए बैठे हैं।
कहते हैं आसमां और हमारे बीच फासले बहुत हैं अभी,
    कैसे पहुचेंगे वहां जब दामन जमीं का थाम लिए बैठे हैं।

©Deepa Ruwali #sad_shayari #shayaari #poeatry #शायरी #thought #Shayar #sad #Life

sad_shayari shayaari poeatry शायरी thought Shayar sad Life

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Deepa Ruwali

अब लोग कहां किसी से कोई गुफ़्तगु किया करते हैं,
   बेजान हैं तभी तो शायद मुर्दों की तरह जिया करते हैं।
   मैं अपने ज़ख्मों को बयां करूं भी तो किसके दरपेश करूं?
   अब कहां इस जहां में कोई हमदर्द हुआ करते हैं ।

©D.R. divya (Deepa) #Shadow #sad #poeatry #shyari #Shayari #thought #
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Deepa Ruwali

White 
रईसी का गुमान

आज अपनी इस रईसी पर गुमान किया करते हो,
     और हमें सदा अपमान ही दिया करते हो।
लगता है तुम्हें तुम रहोगे अपने ही हाल में सदा,
और हमारी दरिद्रता भी कभी साथ न छोड़ेगी।
   इक दिन ज़रूर ये सब नहीं रहेगा,
     तुम  भले ही रहो अपने इसी हाल में 
लेकिन हमारा जरूर वक्त बदलेगा।
उस रोज़ तुम्हारा हृदय अवश्य आराम पाएगा,
   फिर कभी तुम्हारे भीतर ये रईसी का गुमान न आयेगा।
  
हमसे कोई भी नाता न रखने की चाहत है तुम्हारी,
    तुम्हारे इस अंदाज़ से हृदय ही नहीं,
      देह भी आहत है हमारी,
  तुम हर दफ़ा दूरियां ही खोजते हो हमसे,
  शायद सोचते हो कि कोई गंदी बू आती है हमारे तन से।
तुम्हारा बनाया ये फासला सदा के लिए न रह पाएगा,
  फिर कभी तुम्हारे भीतर ये रईसी का गुमान न आएगा।

  दिखावे के लिए तुम जरूर इक साथी भी बन जाओगे,
    भीतर से कभी कोई अपनेपन का भाव न बुन पाओगे।
तुम्हारा ये रईसाना इस झूठे नाते को भी न रहने देगा,
  हर मोड़ पर कैसे हमारा ये मन तुम्हारे इस दंभ के कांटे को सहने देगा?
    इक रोज़ अवश्य तुम्हारे इस दर्प की शमा बुझ जायेगी,
    उसी दिन से तुम्हारे मन की मदमस्तता भी शायद रुक जाएगी ।
      अमीरों की सूची में हमारा भी इक नाम आएगा,
      फिर कभी तुम्हारे भीतर ये रईसी का गुमान न आएगा।

©D.R. divya (Deepa) #Moon #kvita #poeatry #Shayar #write #writing #thought
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Deepa Ruwali

तुम आओगे इक रोज़ ...
   
ऋतुराज बसंत के फूलों के बीच से लेकर,
 सावन की हर बरसती बूंद में तुम्हें खोजा है,
   तुम आओगे इक रोज़ बेसुधों की तरह दौड़ते हुए,
     यही सोच कर इस व्याकुल हृदय को रोका है।
    तुम्हारी कमी ऐसे मालूम पड़ती है जैसे
 पर्वतों की तलहटी को सूरज की रोशनी का अभाव है,
  कोई चोट नहीं है इस हृदय में, 
  फिर भी न जाने ये कैसा घाव है।
तुम नहीं हो कहीं मेरी इन कल्पनाओं से बाहर, या इक रोज़ आओगे?
    आते ही मिलन को आतुर इन नीर भरे नेत्रों में खो जाओगे।
    मैंने इस हृदय में उपजती हुई हर निराशा को रौंदा है,
    तुम आओगे इक  रोज बेसुधों की तरह दौड़ते हुए,
    यही सोचकर इस व्याकुल हृदय को रोका है।

©D.R. divya (Deepa) #GateLight #kvita #poeatry #life #Love #treanding
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Deepa Ruwali

बस जिंदगी चलनी चाहिए..

उम्र हर कदम पर ढलती है, ढलनी चाहिए,
       किसी भी मोड़ पर रहें, बस जिंदगी चलनी चाहिए।
 कभी गम मिले, तो कभी मिले खुशियां,
     बस हर हाल में ये रीत चलनी चाहिए।
 संघर्षों की कितनी ही अंधियारी रातें हों,
     हर दफ़ा साहस और धैर्य की लौ जलनी चाहिए।
किसी भी मोड़ पर रहें,बस जिंदगी चलनी चाहिए।
 
रोते–बिलखते, हंसते–कूदते हरदम ये हसीं कायम रहे,
   इन रातों से अंधियारे की धूल मिटे न मिटे,
 इक ज्योत प्रकाश की जलनी चाहिए। 
 कभी खुशियों ने मुंह मोड़ भी लिया तो ये आंखें नम नहीं होनी चाहिए,
  किसी भी मोड़ पर रहें, बस जिंदगी चलनी चाहिए।

निर्बलता–सबलता,अमीरी–गरीबी इक दस्तूर हैं इस जहां में,
   इनकी ये तरतीब इसी भांति चलनी चाहिए।
   कभी निराशा के गर्त में न समा जाए,
   ये इंसानों की बस्ती फूलों की तरह खिलनी चाहिए ।
किसी भी मोड़ पर रहें बस जिंदगी चलनी चाहिए।

©D.R. divya (Deepa) #traintrack #life #poem #poeatry #kavita #kavya #jindagi
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Deepa Ruwali

मैंने अकेले रहते हुए भी ख़ुद को अकेला नहीं किया,
  इन अंधेरी गलियों में ख़ुद से रोशनाई की,
  कभी भी ख़ुद को इस जहां में पसरा हुआ मेला नहीं दिया।
   हर एक पल को अपनी ही मौजूदगी से खूबसूरत बनाया।
   किसी भी हाल में  ख़ुद को बेसहारा नहीं किया।

©D.R. divya (Deepa) #stilllife #love4life #SAD #sad_feeling #treanding #poeatry #shayaari
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Deepa Ruwali

जीवन का ये सफ़र न जाने कहां पर ख़त्म हो जाए,
 चलो जी लें जी भर,
    फिर कहीं ये रास्ता ही गुम न हो जाए।

©D.R. divya (Deepa) #hillroad #treanding #Life #Life_experience #safar #SAD #long_live
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Deepa Ruwali

मैं इस गम के सागर में कहीं डूब न जाऊं,
तुम माझी बनकर मुझे पार लगाओगे क्या?
 मैं किसी भी विपदा में रहूं,
तुम बेतहाशा दौड़ते हुए मेरे पास आकर मेरे
कांधे पर हाथ रखोगे क्या? 
   मेरी आंखों से बहती हुई अश्रुधाराओं को अपने हाथों से पोंछोगे क्या?
  मैं इस जीवन की राह में आगे बढ़ती हुई एक राही हूं,
    इन  कंटीले रास्तों में कहीं गिर न जाऊं,
  तुम मेरा हाथ थामकर मुझे संभालोगे क्या?
   किसी भी हाल में मैं ख़ुद को अशक्त न समझने लगूं,
  तुम मेरे हमराह बनकर मेरे साथ क़दम से क़दम मिलाओगे क्या?
  मैं निर्बल होकर गिरने न लग जाऊं,  
  जीवन के इस कठिन सफर में,
  तुम मुझे इस तरह गिरने से बचाओगे क्या?
मैंने कल्पनाओं का ये जो सागर निर्मित किया है,
 इक रोज़ तुम इसे यथार्थ में बदलोगे क्या?

©D.R. divya (Deepa) #Soul #Love #Life #Life_experience #poeatry #poem #SAD
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