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gokulsharma2958
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Gokul Sharma

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Gokul Sharma

Autumn *शुरुआती दिनों में* 


तब पता नहीं 
क्या लगता था घरवालों को! 

जब बंद कमरे में अकेले बैठकर 
तुम्हारी खामोशी पढ़ते-पढ़ते 
गुनगुनाने लगता कुछ पंक्तियाँ .....

फिर इसी क्रम में रचने लगती हैं
तुम पर कविताएँ..........

(इसी क्रम को आज भी क्रमशः निभाया जा रहा है)


मगर अब सबको लगता है
पढ़ना, लिखना, कविताएँ गुनगुनाना ...
ये सब शौक हैं हमारे ।

 *गोकुल*

©Gokul Sharma
  #autumn

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Gokul Sharma

लड़का:-सुनो! तुम बै'फिक्र रहो,

मैं तुमसे बात करना नहीं चाहता 
मैं तुम्हें जताना नहीं चाहता 
मेरा प्रेम........

मुझे पता हैं, तुम खुश हो, बहुत खुश हो !
यहीं काफ़ी है, मेरे लिए...

कभी-कभी,कहीं से जान लूं , हाल तुम्हारा!
यही काफ़ी हैं, मेरे लिए....❤️

बस उषा कि पहली किरणों में 
तुम्हें याद कर लूं,
और संध्या काल में लिख दूँ!
एक कविता...

इस एकान्तिक हुनर को हमसे 
दूर करने कि सलाह 
ना दो .... 
इतनी कठोर न बनो, यही एकमात्र इस रुग्णता की औषधि है ।❤️

लड़की:- नि:शब्द !



"गोकुल"

©Gokul Sharma #Dark

14 Love

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Gokul Sharma

लड़का:-सुनो! तुम बै'फिक्र रहो,

मैं तुमसे बात करना नहीं चाहता 
मैं तुम्हें जताना नहीं चाहता 
मेरा प्रेम........

मुझे पता हैं, तुम खुश हो, बहुत खुश हो !
यहीं काफ़ी है, मेरे लिए...

कभी-कभी,कहीं से जान लूं , हाल तुम्हारा!
यही काफ़ी हैं, मेरे लिए....❤️

बस उषा कि पहली किरणों में 
तुम्हें याद कर लूं,
और संध्या काल में लिख दूँ!
एक कविता...

इस एकान्तिक हुनर को हमसे 
दूर करने कि सलाह 
ना दो .... 
इतनी कठोर न बनो, यही एकमात्र इस रुग्णता की औषधि है ।❤️

लड़की:- नि:शब्द !



"गोकुल"

©Gokul Sharma #MoonShayari
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Gokul Sharma

लड़का:-सुनो! तुम बै'फिक्र रहो,

मैं तुमसे बात करना नहीं चाहता 
मैं तुम्हें जताना नहीं चाहता 
मेरा प्रेम........

मुझे पता हैं, तुम खुश हो, बहुत खुश हो !
यहीं काफ़ी है, मेरे लिए...

कभी-कभी,कहीं से जान लूं , हाल तुम्हारा!
यही काफ़ी हैं, मेरे लिए....❤️

बस उषा कि पहली किरणों में 
तुम्हें याद कर लूं,
और संध्या काल में लिख दूँ!
एक कविता...

इस एकान्तिक हुनर को हमसे 
दूर करने कि सलाह 
ना दो .... 
इतनी कठोर न बनो, यही एकमात्र इस रुग्णता की औषधि है ।❤️

लड़की:- नि:शब्द !



"गोकुल"

©Gokul Sharma #wait

13 Love

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Gokul Sharma

लड़की:-अगर इतना ही प्रेम है!                               
           तो देवदास या पागल क्यूँ नहीं हुए? तुम 


लड़का:-जिसके के सर पर मेरी "माँ"- सा हाथ हो!
       वो पागल या देवदास नहीं हो सकता 

उसे तो देवदास से भी अधिक प्रेम होगा!
वो प्रेम को भी भक्ति की भाँति निभाता है!

जेसे:-  माता सीता के वियोग में , श्री राम ने अपना साहस, स्वाभिमान, आत्मसम्मान, अपनी जिम्मेदारियाँ से नहीं चुके!
और सदेव माता सीता के प्रेम में लीन रहेे।

गोकुल

©Gokul Sharma #moonnight
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Gokul Sharma

New year Celebration quotes  मुरझाए फुल खिलने लगे..
हवाओं में खुशबु घुलने लगी...

बादल मंडराने लगे....
बारिश होने लगी.....

अमावस की रातें मुस्कुराने लगी!

मानो स्वम् स्वर्ग
इस शहर आया हो जेसे .......

लगता है, नन्ही परी के संग 'तुम' शहर आई हो!

गोकुल

©Gokul Sharma

15 Love

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Gokul Sharma

#LoveInstrumental
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Gokul Sharma

एक कमरा भरा हैं!
पूरा अंधेरे से.......

बहुत गर्म हैं, कमरा..

पंखे का बटन भी बंद पड़ा हैं!

लिख रहा हैं, बैठा एक लड़का , "कविता"

उस लड़की पर.....
जिसे एक पल देखते ही प्रण लिया स्वयं से..
आजीवन निरन्तर प्रेम का....

कविता कि एक-एक, पंक्ति-पंक्ति से...
निकल रही हैं, लाखों तारों की रोशनी!

कविता के एक-एक, शब्द-शब्द से...
निकल रहीं हैं, नदी शीतल!

कविता के एक-एक, अक्षर-अक्षर से...
निकल रहीं हैं, प्रेम की धारा निरन्तर!

ये सब पाया हैं, उस लड़के ने...
तुमसे करके अनन्त प्रेम......


गोकुल शर्मा

©Gokul Sharma

17 Love

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Gokul Sharma

एक कमरा भरा हैं!
पूरा अंधेरे से.......

बहुत गर्म हैं, कमरा..

पंखे का बटन भी बंद पड़ा हैं!

लिख रहा हैं, बैठा एक लड़का , "कविता"

उस लड़की पर.....
जिसे एक पल देखते ही प्रण लिया स्वयं से..
आजीवन निरन्तर प्रेम का....

कविता कि एक-एक, पंक्ति-पंक्ति से...
निकल रही हैं, लाखों तारों की रोशनी!

कविता के एक-एक, शब्द-शब्द से...
निकल रहीं हैं, नदी शीतल!

कविता के एक-एक, अक्षर-अक्षर से...
निकल रहीं हैं, प्रेम की धारा निरन्तर!

ये सब पाया हैं, उस लड़के ने...
तुमसे करके अनन्त प्रेम......


गोकुल शर्मा

©Gokul Sharma
  #moonnight
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Gokul Sharma

#tumhidekhona

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