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tanuthadani1603
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tanu thadani

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tanu thadani

चलन में बदचलन का; आचरण; होता क्यूं है ?
किया जो माफ उसे; फिर भला ; रोता क्यूं है ?




कभी न पूछना कि;प्यार से; हासिल क्या हुआ;
वफा की लाश को ; ताउम्र ; संजोता क्यूं है ?




वो जिसने सुख के लिये;जिस्म की;तौहीन कर दी;
उन सूखी राहतों में ; प्यार को ; ढ़ोता क्यूं है ?




यही है दुनियां ; सभी शक्ल पे ; नकाब चढ़ी ;
भला दिन रात फिर;अफसोस को;बोता क्यूं है?


वो जिसने ; साथ निभाने की कही; जन्मों तक;
वो मेरी आँखों में; सुईयों को; चुभोता क्यूं है ?


सभी हैं कहते कि;भगवान है;हर शै में बसा ;
भला फिर जिस्म से ; ईमान ये ; खोता क्यूं है ?
------------------------------ तनु थदानी

©tanu thadani
  #गज़ल #शायरी  #तनुथदानी

गज़ल शायरी तनुथदानी

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tanu thadani

ये कौन हमारे आगे पीछे ; ग़म के पत्थर पटक गया ?
शायद अपना ही अंतस था ; कुछ कुछ ऐसा ही खटक गया !

इतने सारे सत्संग चलते ; अजान नमाज़ में व्यस्त सभी ;
फिर भी देखो हर इक चेहरा ; हर इक ख्वाहिश पे चटक गया !

सपनों के चप्पे चप्पे पर ; हम रूप बदल कर चिपके हैं ;
सपनों की बस्ती चकाचौंध ; जो गया वो रस्ता भटक गया !

इक होता है एकांत जो अपनी ; बाहों में भर लेता है ;
है होता एक अकेलापन ; जो फंसा वहीं पे लटक गया!

हूँ बूंद बूंद सा बिखरा मैं ; अपनी ही हर अभिव्यक्ति पर ;
आवाज की सरहद लांघ के जब ; रोया ;ग़ज़लों में अटक गया !
------------------------------ तनु थदानी

©tanu thadani
  #शायरी #ग़ज़ल #tanuthadani

शायरी ग़ज़ल tanuthadani

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tanu thadani

हम नासमझ थे

हम नासमझ थे धर्म की , बातों पे अड़ गये !
कंगले रहें हम, नेता जी के , घर ही भर गये !

बच्चे  को  ना  पढ़ा सके , न घर ही बनाया ,
टोपी तिलक के नाम ही , जीवन ये कर गये !

 हमारी  गरीबी  का  यही ,  अर्थशास्त्र   है ,
लड़े  बन  के  पशु  हम, पशु  खेत  चर गये !

गाजा में मरने वाले  या , कश्मीर  में पंडित,
दोनों  जगह  इंसान  थे , इंसान  मर  गये !

ईश्वर  हमारा  है   ,और  अल्लाह  तुम्हारा ?
कैसे  हमारी  अक्ल  पे ,पत्थर ये पड़ गये ??
----------------------    तनु थदानी

©tanu thadani
  #कविता #गज़ल #तनुथदानी
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tanu thadani

मिट्टी है,खेल है, गांव में आनंद है!
मित्र संग मेल है, गांव में आनंद है!

ऐ शहर,खुश रहो, स्टेशनों के साथ में, 
पटरियां हैं, रेल है,  गांव में आनंद है!

ताड़पत्र,बेलपत्र,तुम किताबों में पढ़ो,
ताड़ हैं, ओं बेल है,  गांव में आनंद है!

माॅल की,सीढ़ियों की, नाप से हम दूर हैं, 
हफ्ते वाली सेल है,  गांव में आनंद है!

खा रिफाइंड खुश रहो, छोटे ओं बड़के शहर, 
घी है, सरसों तेल है,  गांव में आनंद है!

याद पहाड़े भी करते, हिन्दी भी जिंदा रखे,
इंग्लिश में फेल है,  गांव में आनंद है!

आज भी चबूतरा है, पंच हैं, सरपंच है, 
कोर्ट है ना जेल है , गांव में आनंद है!
----------------------------- तनु थदानी

©tanu thadani
   #कविता  #ग़ज़ल #तनुथदानी
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tanu thadani

इंसान का जीवन, इंसान की नियति, इंसान फिर तमाम!
मिट्टी के खिलौने, मिट्टी का घरौंदा, फिर मिट्टी में विश्राम!

ओढ़ के रुआब, जागते ले ख्वाब, ख्वाहिश बेहिसाब, 
बेवजह ठसक, बेवजह कसक, अंततः हे राम !

दौड़ के लूटा, लुटा इस दौर में, हम सब हैं लुटेरे, 
दौलत भी की जमा, फिर इश्क भी जमा,पर खो गया आराम !

इतनी थी फुटानी, इतने थे हम ज्ञानी,इतना ही था रुतबा, 
इधर गिरा चरित्र, छूट गये मित्र,तो हो गये बे- दाम !
---------------------------------------  तनु थदानी

©tanu thadani
  #कविता #गज़ल #तनुथदानी
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tanu thadani

दीदी जब से तुम भाग गयी, मेरा विद्यालय छूट गया!
हर बेटी के बाबू जी का, बेटी पे भरोसा टूट गया  !

मैं छोटी बच्ची हूँ दीदी, मैं भाग्य के माने क्या जानु?
सब कहते गल्ती है तेरी, पर भाग्य मेरा ही फूट गया!

अब पापा रोते छिप छिप कर, माँ बूढ़ी बूढ़ी लगती है, 
तेरी ख्वाहिश का कोलाहल, सन्नाटा घर में कूट गया!

मुझको तो बनना था डाक्टर, वो मेरा अपना था सपना, 
तेरा सपना किस हक से आखिर, मेरा सपना लूट गया?

सुख शब्द नहीं अवस्था है, वो मिले तभी जब सब राजी, 
तुम पढ़ी लिखी हो समझाओ,कि घर से क्यूँ सुख रूठ गया ?
-----------------------------------   तनु थदानी

©tanu thadani
  #कविता #शायरी #तनुथदानी

कविता शायरी तनुथदानी

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tanu thadani

कहते हैं तुम बदल गये, मैं कहता हूँ नहीं!

तुम हो वही जो थे, महज़ नकाब न रही!


उस पार्टी ने लूटा तुम्हें, अब दो हमें मौका, 

नेता हमारे देश में, जो बोले वो सही  !


पैसे हो गंर जेब में, पिस्टल के साथ में, 

जरूरत नहीं दिखाने की, न खाता न बही !


बेहद संगीन जुर्म कि मैं, सच के साथ हूँ, 

इस जुर्म के कारण मेरी, इज्जत नहीं रही !

---------------------------  तनु थदानी

©tanu thadani
  #कविता #shyari #tanuthadani
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tanu thadani

हूँ   कश्मकश    में   चुप   रहूँ  , या   रोऊँ  अभी !
छिपा  के  दोस्त  इक  छुड़ा , गले  लगेगा अभी !

लिखूं  गज़ल  में  बार -बार,  प्यार कर  के जीयो ,
वो अंधा  अक्ल का क्या,पढ़  भी सकेगा ये कभी ?

बड़ी   मासूमियत  के   साथ , वो  नाराज़   है  यूँ  ,
बताता  है  कि  क्यूँ  न  हो ,यहाँ   अपने  हैं सभी !

क्यूँ  जिसे दिल  से ज़ुदा  कर ,  पीछे छोड़ आया ,
महकता  है  मेरी साँसों  में ,अब  भी  कभी-कभी!

इसी  को  प्यार  हैं   कहते , ये  ही  महसूस  किया ,
निकल के दिल  से वो साँसों  में, बस गया है तभी !
-------------------- तनु थदानी

©tanu thadani
  #कविता #गजल #तनुथदानी

कविता गजल तनुथदानी

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tanu thadani

वरना हम सब अपराधी हैं
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जब नयी सदी की नयी कथा , कहता हूँ आँखें रोती हैं !
विश्वास  नहीं  होता  है  कि , ऐसी  भी  नारी  होती है !

परदे ही  साक्षी  होते हैं , हर एक  गुनाहों के अक्सर,
घर की लक्ष्मी ,घर के भीतर,जब गैरों के संग सोती है!

इक  दर्द  गुजरता  रहता है , चुपके से  जब पूरे घर में ,
गमले- टेबल- बिस्तर तक में , खामोशी जिन्दा होती है !

हम अभिव्यक्ति में बिम्ब टांक, बातें करते हैं घुमा-फिरा,
बातों में वज़न तो आता है , पर बात बिम्ब में खोती है !

क्यूँ नहीं मानते सीधे से , हम फंसे पतन के भंवर में हैं ,
सब चमक रहें, पर नकली हैं , ये जितने हीरे -मोती हैं !

अपराधी वो जो पकड़ गया ,वरना हम सब अपराधी हैं,
हर  एक  रुह, जो  ईश्वर  है , मैली  काया को ढ़ोती है !
---------------------  तनु थदानी

©tanu thadani
  #कविता #तनुथदानी

कविता तनुथदानी

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tanu thadani

क्या हम इंसान थें , या हिन्दू मुस्लिम, क्या बतायेंगे ?
हम अपने बच्चों को , जाने से पहले क्या बतायेंगे ?

हमारे  देश  को  फाड़ा गया , अखबार की मानिंद  ,
कि हम सब एक थें , सदियों से , कैसे भूल  पायेंगे !

हम  ही  बस श्रेष्ठ  हैं , बस इसलिए हम लड़ते रहते हैं  ,
वहाँ  अल्लाह -प्रभु  है एक, जहाँ हम मर के जायेंगे !

हमारे  पास  इक  सी  माँ  है , घर  है , बच्चे  इक  से है  !
हमारी  इक  सी  कोशिश  है , कि   कैसे  मुस्कुरायेंगे  !

कि जिस दिन ठान लेंगे हम,  की मोहरें  हम नहीं  इनके  ,
हमारे   मौलवी   पंडित  व नेता  , कर   क्या  पायेंगे  ?

महज   भाषा  से  हमको  जोड़  कर  ,  लड़वा  ये देते  हैं  !
तो  आखिर अक्ल को अपनी , बता हम कब जगायेंगे  ?

हमें  महफूज  रखनी है ये दुनिया ,  बच्चों की खातिर,
चलो  खाते  कसम हैं अब, कि   इंसा  बन  दिखायेंगे  !

-------------------------------  तनु थदानी

©tanu thadani
  #tanuthadani # कविता#गजल

#tanuthadani # कवितागजल #शायरी

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