एक पेड़ है जो ज़िन्दा है पर कहीं घूम सकता नहीं
एक पानी है जो बारिश बन घूमता है पर ज़िन्दा नहीं
एक हवा है जो घूमती है महसूस होती है पर अदृश्य है
एक मैं हूँ जो दिखता हूँ ज़िन्दा हूँ घूम सकता हूँ पर...
#kavita#nazm#कविता
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Aziz Sultanpuri
मुल्क़ वाले भूखे सोते रहे
हम ग़ज़ल में इश्क़ बोते रहे
रोग पानी का लगे कैसे, जब
मौत प्यासा मरके होते रहे
ये निज़ाम ज़बां न दे सिल, इसी
डर से, हम कुछ लोग तोते रहे #ghazal#RDV19
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Aziz Sultanpuri
भीड़ में इंसाफ़ करते समय
लोग ख़ून से हाथ धोते रहे
ज़िन्दगी कोई परीक्षा नहीं
क्यों किताबी बोझ ढोते रहे
वस्ल तक हम तैर पाए नहीं
ख़्वाब हिज्र के डुबोते रहे #ghazal#Hindi#शायरी#RDV19
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Aziz Sultanpuri
मुल्क़ वाले भूखे सोते रहे
हम ग़ज़ल में इश्क़ बोते रहे
रोग पानी का लगे कैसे, जब
मौत प्यासा मरके होते रहे
ये निज़ाम ज़बां न दे सिल, इसी
डर से, हम कुछ लोग तोते रहे #ghazal#Shayari#RDV19