बसंती बयार🍂🍂🍂🍂
बसंती बयार से प्रीतम के प्यार से, सारी राहे, महकने लगी जब चली बसंती बयार से।
अमवा की डालिया सज गई कोयल की कूंक से गाने लगी, जब मिली वह प्रीतम के प्यार से,
हृदय के फूल खिलने लगे, गेहूं की बालियां से
जब खेत महकने लगे प्रकृति की हरियाली से,
सारी राहे सज गई टेसू के फूलों से,
कवि के भी स्वर नाँच उठे बसंती बयार से, #कविता