तेरे बाहों से लगकर रोने की हशरत नहीं,
तू मुझपे गौर करें इसकी अब चाहत नहीं..
#alone#शायरी
18 Love
Bhavesh Kumar
#shyri
काश! ज़िंदगी से और एक मौका मिल जाएँ,
जहाँ मेरी सारी शिकायतें खत्म हो जाएँ..
लोगों से रुशवा रहना छोड़ दें दिल,
ये दर्द हाय! मुझे अंदर से ना खा जाएँ..
#शायरी#lonely
अतिशयोक्ति
मौन-विचलित-हताश-शोकाकुल
सोचा ईश्वर से पुँछू प्रश्न एक
जिसपे मेरी अनन्य आस्था हैं
कि अपराध अत्यधिक कर बैठा हूँ
जो अतिशय दंड तू मुझे दे रहा हैं..
ये प्रश्न पुँछू समक्ष प्रस्तुत होकर उसके कि #God#कविता#Atishay