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viveknagil3260
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Vivek Nagil

प्यार का फ़साना किसे जाकर कहें हम अपने ग़म का फ़साना कुछ समझ नहीं आता है । लोग तो हंसते हैं प्यार करने वालों पर अब तो प्यार करना भी गुनाह नज़र आता है ।। पहले प्यार को लोग वफ़ा का नाम देते थे आजकल प्यार को पैसों में तोला जाता है । हकीकत समझ नहीं आ रही प्यार की प्यार हंसाता है या रुलाता है ।। प्यार अगर हंसाता है तो लोग प्यार में रोते क्यों है । प्यार अगर रूलाता है तो लोग प्यार के सपने संजोते क्यों है । अजीब होता है प्यार जो समझता है उसे मिलता नहीं है । जिसे मिलता है वो समझता नहीं है लेखक-राज‌ पेंटर झांसी चिरगांव

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Vivek Nagil

।। मेरी कलम से।।
जहां एक दुसरे पर अटूट विश्वास होता है।
वहीं पर रिश्ता सबसे ख़ास होता है।।
मानों अगर पूर्ण हृदय से तो 
पराएं भी अपने हैं ।
न मानों अगर हृदय से किसी को
तो अपने भी सपने हैं ।।
निस्वार्थ भावना के साथ
बनाएं गऐ रिश्ते
आजीवन कारावास की तरह होते हैं।
जो आप किसी से बंधन बांध लें तो
कभी नहीं छूटते हैं
लेखक - राज पेंटर झांसी
मो.8178697466

©Vivek Nagil #GingerTea
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Vivek Nagil

Good morning
।। मेरे विचार।।
लड़की दोस्त हो या लड़का दोस्त हो 
इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता है।
सही जीवन हमारा हमारी विचारधाराओं से चलता है।।
हमारे अच्छे कर्म ही हमें उपलब्धियों की सीढ़ी तक पहुंचाते हैं।
ग़लत भावनाओं से व्यक्ति अपने लक्ष्य को भूल जाते हैं।।
स्वभाव, विचार, कर्म हमेशा
गंगा जल की तरह पवित्र होना चाहिये
आपके पास आकर किसी के जीवन में
परिवर्तन आ जाएं
ऐसा हमारा स्वभाव होना चाहिए।।
लेखक - राज़ पेंटर

©Vivek Nagil
  #PhisaltaSamay
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Vivek Nagil

!! मेरी कलम से !!
मेरे मन के मन्दिर में तेरा रूप सलोना है ।
तेरे शिवा अब मुझे किसी का नहीं होना है।।
तुम मेरी जिंदगी के सफ़र में हमसफ़र हो ।
तेरे शिवा और कोई नज़र न आए रात दिन
ऐसा तेरे प्यार का मुझ पर असर हो
अब तेरे शिवा इन आंखों को और कोई
नज़र नहीं आता है। 
कितना रोकता हूं अपने आपको पर ए दिल
तेरे बिन रह नहीं पाता है।।
तुम मेरे जीवन की भोर हो ।
में उड़ती हुई पतंग तुम डोर हो

©Vivek Nagil
  #sugarcandy
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Vivek Nagil

मेरी कलम से
मेरी जिंदगी की पहली तलाश
तेरे चेहरे से होकर गुजरती है।
कितना याकीन छिपा है मोहब्बत
का तेरी आंखों में।।
तेरी आंखों में मेरी जिंदगी बस्ती है।
तेरा साथ है तो जिंदगी है
वरना तेरे बग़ैर मेरी क्या हस्ती है
लेखक- राज पेंटर

©Vivek Nagil
  #RajaRaani
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Vivek Nagil

मेरी कलम से
 दिल की दस्तक
मुस्कुराहट आपकी देखकर सारे ग़म
भूल जाता हूं।
जाना होता है और कहीं लेकिन
आपके पास आ जाता हूं।।
छाया है जो तेरी मुस्कराहट का जादू
मेरे दिलो-दिमाग पर।
तेरे शिवा और कोई चेहरा
इस दिल को आता नहीं नजर ।।
वो जब दूर होते हैं तो मिलने की 
उनसे आस करता हूं।
वो जब पास होते हैं तो उनसे
हाले दिल कहने से डरता हूं।।
प्यार का ए कैसा सिलसिला
चल रहा है आजकल।
उनका ख्याल इस दिल में
रहता है अब हरपल ।।
ए प्यार का जादू है रातों की नींद
दिन का चैन खोया है।
ए दिल जबसे तुझसे मिला है
कई रातों से नहीं सोया है।।
तेरे प्यार की जंजीरों में बंध गया हूं मैं
आजाद कर दे मुझे।
हद से ज्यादा ए दिल चाहने लगा है तुझे।।
मेरे दिल के हालातों को समझों
तुझसे मिलना मेरी मजबूरी है।
एक शाम की मुलाकात मेरे नाम कर दो
दिल का हाल सुनाना बहुत जरुरी है ।।
लेखक -राज पेंटर

©Vivek Nagil
  #IFPWriting
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Vivek Nagil

मेरी कलम से
गुज़रे हुए वक्त की तस्वीर को
दिल के आईने में क़ैद करके रक्खा है।
हमने तेरी यादों का इस दिल में 
जहां बसा रक्खा है।।
वो गली जिस गली में मिला करते थे ।
वो प्यार की बातें एक दूसरे से
शिकवे गिला किया करते थे ।।
उन खिड़कियों को दरों दीवारों को
देखता हूं
जिसमें आप नज़र आती थी मुझे।
प्यार भरी नजरों प्यार का पैगाम
दे जाती थी मुझे।।
शहर दर शहर आज महफ़िलों
से सज़ा है।
फिर भी तेरे बग़ैर तेरा शहर मुझे 
वीरान सा लगता है।
दिल आज तेरे बगैर बंजर है।
ये जीवन मुझे रेगिस्तान सा लगता है।।

लेखक-गीतकार राज पेंटर

©Vivek Nagil
  #Teachersday
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Vivek Nagil

तेरे साथ का वो मंजर कुछ और ही था ।
आंखों में गहरे प्यार का समंदर
कुछ और ही था।।
प्यार का वो दौर कुछ और ही था।
नर्म तेरे हाथों की कलाई से
मेरे हाथों का मिलना कुछ और ही था।।
दर-बदर घूमकर सफर में
कई हमसफ़र मिले।
तेरे साथ जो चलें वो सफर कुछ और
और ही था।।

लेखक- राज‌पेन्टर

©Vivek Nagil
  #Gulaab
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Vivek Nagil

।। परिवार ।।
परिवार अगर एक साथ मिलकर रहे 
तो वो घर स्वर्ग कहलाता है ।
परिवार अगर एक साथ लड़ता रहे 
तो वो घर अशांति का कारण बन जाता है ।।
परिवार हमें अपने पन का एहसास दिलाता है ।
हम कितने ही रिश्तों से परिवार से दूर हो जाएं
पर मुसीबत में परिवार ही काम आता है ।।
जो परिवार में खुशियों के साथ रहते हैं 
उनके लिए हर दिन खुशियों का त्यौहार है ।
परिवार के प्रत्येक सदस्य का मान सम्मान करना
शिक्षा, संस्कृति, चरित्र यहीं भारत देश की 
संस्कृति के संस्कार है ।।
पिता परिवार का विधाता कहलाता है ।
पिता परिवार के लिए जीवन की अंतिम
सांस तक लड़ता जाता है ।।
पिता परिवार का पालन करता है ।
पिता ही परिवार को उपलब्धियों की 
ऊंचाईयों तक ले जाता है ।।
मां बाप का रिश्ता सबसे बड़ा होता है ।
मां बाप के चरणों में ही स्वर्ग होता है ।।
इनके रिश्ते को कभी न भूलो ।
प्रतिदिन प्रातः काल उठकर 
मां बाप के पैरों को झूलो ।।
क्योंकि यहीं भारत देश की 
संस्कृति के संस्कार है ।
हर व्यक्ति के लिए मां बाप के आदेश 
सबसे बड़े अधिकार है ।।
मां बाप खुशी हैं तो खुशी पूरा परिवार है ।
में लेखक -राज‌ पेंटर चिरगांव झांसी 
मेरा ए विचार है ।।
writer Raaz Painter jhansi
Date-17/12/2022

©Vivek Nagil #BookLife
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Vivek Nagil

मेरी कलम से
मेरे हमसफ़र 
मेरे हमसफ़र साथ जन्मों का वादा नहीं 
साथ फैरों के गठबंधन के वचन याद रखना ।
कभी में जो रुठकर चली जाऊं तो 
आंखों में अपनी मेरी हमेशा तलाश रखना ।।
जीवन के सफर में कभी रुठना होगा
कभी मनाना होगा ।
रिश्तों के दरमियां ग़लत फेहमियों को 
न अपने कभी पास रखना ।।
बस इतना वादा करो मेरे हमसफ़र 
मेरे प्रेम पर हमेशा पूर्ण विश्वास रखना ।
दूर रहकर भी मुझे हृदय के पास रखना ।।
में अगर बीच राह पर में 
छोड़ कर चली गई तो ग़म न करना ।
आपकी आंखों से गिरते हुए आशूं  
मेरे लिए मोती है 

                                                                                                                                                            
 मेरी यादों में आंखें नम न करना ।।
मेरी यादों के ए पल संजोए रखना ।
 हो सके तो मन में मेरी यादों का दीपक
  हमेशा जलाएं रखना ।।
लेखक -राज‌ पेंटर झांसी

©Vivek Nagil #Youme
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Vivek Nagil

मेरी कलम से 
दास्तानें इश्क़ 
पैग़ाम ए मोहब्बत तेरी याद में 
प्यार की दास्तान लिख रहा हूं ।
झूठ समझ रही हो प्यार में आप मुझे 
में क्या हर कली पर घूमता-फिरता
हुआ भंमरा दिख रहा हूं ।।
प्यार करता हूं में आपसे याकीन करो
मुझ पर तो बहुत अच्छा होगा ।
सपने में भी प्यार का वादा किया आपसे 
तो वो वादा भी मेरा सच्चा होगा ।।
स्याही से लिख रहा हूं 
लेकिन शब्द तेरे प्यार के गहराई के हैं ।
ज़रा आप मुझे बताइए किस राह पर 
हम आपके लिए नहीं रुके हैं ।।
ए प्यार के रास्ते हैं 
कभी मिलना होगा 
कभी बिछड़ना होगा 
कभी प्यार में संभलना होगा ।
मुझे छोड़कर जा रही हो तो ,
कोई बात नहीं बस इतनी बात कह देता हूं
ए प्यार के रास्ते हैं 
आपको भी प्यार करके  मेरी तरह संभलना होगा ।।
लेखक -राज पेंटर झांसी चिरगांव

©Vivek Nagil
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