Nojoto: Largest Storytelling Platform
seemakatoch7627
  • 275Stories
  • 2Followers
  • 1Love
    20Views

Seema Katoch

  • Popular
  • Latest
  • Video
84932db63a90fd95bc0caa93f8b4a6d2

Seema Katoch

#सांझ 
सांझ को फ़िर निमंत्रण मिला है 
दोपहर कल के लिए निकला है

अब उठो तुम है इंतजार किसका
एक और लम्हा देखो फिसला है

अंधेरा भी रह जायेगा अकेला
संग तेरे रोशनी का काफिला है

रात खुद आएगी दिन को लेकर
कुदरत का यही तो सिलसिला है

महक उठेंगी ये राहें वीरान तेरी
राह में गर एक भी फूल खिला है
© बूंदें  #yqbaba 
#yqdidi 
#सांझ
84932db63a90fd95bc0caa93f8b4a6d2

Seema Katoch

लड़कियां ही क्यों जनाब
लड़के भी कुछ कम नहीं
उनकी हालत क्या बताएं
दिन का चैन खो गया और
रात में नींद आती नहीं ।। और नहीं तो क्या? मुझे भी इमोशनल कर दिया😂😂
Hello Resties! ❤️ 

Collab on this #rzpictureprompt and add your thoughts to it! 😊 

Highlight and share this beautiful post so no one misses it!😍 

Don't forget to check out our pinned post🥳

और नहीं तो क्या? मुझे भी इमोशनल कर दिया😂😂 Hello Resties! ❤️ Collab on this #rzpictureprompt and add your thoughts to it! 😊 Highlight and share this beautiful post so no one misses it!😍 Don't forget to check out our pinned post🥳 #yqbaba #YourQuoteAndMine #yqrestzone #collabwithrestzone #yqrz #rzpicprompt4478

84932db63a90fd95bc0caa93f8b4a6d2

Seema Katoch

कभी सामाजिक परिवेश को कोसते
कहीं राजनीतिक व्यवस्था से अप्रसन्न
ये ठीक नहीं, वो गलत है
ऐसे नहीं, वैसे क्यों???

ये बदलना चाहिए
ये छोड़ना होगा
इसको खत्म करो
उसको रुकना चाहिए

न जाने कब तक
चाहेंगे हम
औरों को बदलना,,,,,,


 #yqquotes
#yqbaba  
#yqdidi 
आप सभी का दिल से शुक्रिया
जिन्होंने इतना याद किया,,,❤️❤️
आज बहुत दिनों बाद कुछ यूं ही लिखा
पर बहुत अच्छा लगा लिख कर,,,

#yqquotes #yqbaba #yqdidi आप सभी का दिल से शुक्रिया जिन्होंने इतना याद किया,,,❤️❤️ आज बहुत दिनों बाद कुछ यूं ही लिखा पर बहुत अच्छा लगा लिख कर,,,

84932db63a90fd95bc0caa93f8b4a6d2

Seema Katoch

मेरे अपने.....
उत्सव बन जाता 
जीवन का सफर,
स्वयं को पाती हूं
और भी सक्षम,
जब होता है
अपने आस पास
अपनों के
होने का एहसास.....
खामोशी जब 
डराने लगती है
और एकाकीपन
भयभीत करता है,
प्रदीप्त कर लेती हूं
हर राह
अपनत्व के आलोक से....
कुछ सजे नाम से
तो कुछ बेनाम भी,
कई रंगों में
महकते...
सबको रखती हूं
स्वार्थवश सहेज कर
आंखों की नमी
प्यार की गर्माहट से.....
शायद हूं..
उस लता की मानिंद
जो गर्व से मस्तक उठा
बढ़ती जाती
पेड़ का आश्रय पाकर ।। मेरे अपने.....
उत्सव बन जाता 
जीवन का सफर,
स्वयं को पाती हूं
और भी सक्षम,
जब होता है
अपने आस पास
अपनों के

मेरे अपने..... उत्सव बन जाता जीवन का सफर, स्वयं को पाती हूं और भी सक्षम, जब होता है अपने आस पास अपनों के #Family #friends #yqbaba #Apne #yqdidi

84932db63a90fd95bc0caa93f8b4a6d2

Seema Katoch

मत पूछिए कि आजकल क्या क्या होता है
कंधा किसी का तो किसी का हथियार  होता है

ज़रा बच के निकलना यहां की गलियों से
सामने से नहीं यहां  छुप के  भी वार होता है

जो पीटता ढिंढोरा सच्चाई का अक्सर
वही तो झूठों का असल सरदार होता है

तू क्यों है आखिर इस कदर गमगीन
यहां उगते सूरज को ही नमस्कार होता है

कुछ तो छोड़ दे उस के रहम पर तू
हर बात पर कहां अपना अख्तियार होता है मत पूछिए कि आजकल क्या क्या होता है
कंधा किसी का तो किसी का हथियार  होता है

ज़रा बच के निकलना यहां की गलियों से
सामने से ही नहीं यहां  छुप के  भी वार होता है

जो पीटता ढिंढोरा सच्चाई का अक्सर
वही तो झूठों का सरदार होता है

मत पूछिए कि आजकल क्या क्या होता है कंधा किसी का तो किसी का हथियार होता है ज़रा बच के निकलना यहां की गलियों से सामने से ही नहीं यहां छुप के भी वार होता है जो पीटता ढिंढोरा सच्चाई का अक्सर वही तो झूठों का सरदार होता है #yqbaba #yqdidi #yqquotes

84932db63a90fd95bc0caa93f8b4a6d2

Seema Katoch

न जाने कितनी बार जलना पड़ा मुझे
तुम राम न हुए, सीता बनना पड़ा मुझे

खुद को साबित जो करना था हर बार
इस बार भी विष निगलना पड़ा मुझे

रोशनी की चाहत में जली थी यूं तो
लेकिन तमाम रात पिघलना पड़ा मुझे

कुछ दूर तक तो जैसे कोई मेरे साथ था
इसी भ्रम में, सफर तय करना पड़ा मुझे

धारदार थीं यहां तमाम राहें मेरी
संभल संभल कर चलना पड़ा मुझे
 #rztask360 
#rzलेखकसमूह 
#restzone 
#बूंदे
84932db63a90fd95bc0caa93f8b4a6d2

Seema Katoch

रोज़ सुलझा लेती हूं
अपने सपनों का ताना बाना
और बुन लेती हूं ,रंग बिरंगे ख्वाब...
ख्वाब मेरी इच्छाओं
और मेरी कल्पनाओं के,
जो कहते हैं..
मुझे भी चाहिए,एक मेरा आसमान
जिसमे उड़ सकूं,मैं स्वच्छंद
और छु पाऊं क्षितिज,
या बह निकलूं,तारिणी बन कर,
तोड़ सब किनारे
कलकल बहती/
बस बहती ही जाऊं...
न दबा सके कोई मेरा स्वर ।
लेकिन .......
चाहने और होने का
अंतर पाटना
लगता कभी कभी कठिन
इसलिए...
रोज़ पकाती हूं
अपने खावों को
खाने के साथ,धूप लगवाती हूं
गीले कपड़ों के साथ,
चमकाती भी हूं,जूठे बर्तनों के साथ....
अपने हर कलाप में
सहेजती हूं ..
और बुन लेती हूं,रंग बिरंगे ख्वाब   रोज़ सुलझा लेती हूं
अपने सपनों का ताना बाना
और बुन लेती हूं 
रंग बिरंगे ख्वाब...
ख्वाब मेरी इच्छाओं
और मेरी कल्पनाओं के,
जो कहते हैं..
मुझे भी चाहिए

रोज़ सुलझा लेती हूं अपने सपनों का ताना बाना और बुन लेती हूं रंग बिरंगे ख्वाब... ख्वाब मेरी इच्छाओं और मेरी कल्पनाओं के, जो कहते हैं.. मुझे भी चाहिए #yqbaba #yqdidi #khwab

84932db63a90fd95bc0caa93f8b4a6d2

Seema Katoch

एक ऐसी जेल जिसमें 
कोई दरवाजा नहीं,,,,
पर भागना चाहती हूं,,,
दूर कहीं उस
लाल सुनहरे आसमान 
की ओर,जहां,,,,,,
मिट जाता है अंतर
धरती आसमान का ।।



    पर भागना चाहती हूं,,,
दूर कहीं उस
लाल सुनहरे आसमान 
की ओर,जहां,,,,,,
मिट जाता है अंतर
धरती आसमान का ।।
#yqdidi
#yqbaba

पर भागना चाहती हूं,,, दूर कहीं उस लाल सुनहरे आसमान की ओर,जहां,,,,,, मिट जाता है अंतर धरती आसमान का ।। #yqdidi #yqbaba #equality

84932db63a90fd95bc0caa93f8b4a6d2

Seema Katoch

क्या लिखूं, कैसे लिखूं
कुछ समझ न आए
शब्द खो गए से लगते हैं
जज़वात सो गए से लगते हैं
ये कैसा दौर है
शोर ही शोर है
कहीं ढ़ह रहा कोई पुल
कहीं धमाकों का ज़ोर है
लहू के छींटों से रंगा
चीखों से सजा…..
ये कौन सा बाजार है
कुछ समझ न आये…..

राख के ढ़ेर पर बैठा
किसका बालक
वहां रो रहा
कोई यत्न करो
चुप करवाओ उसे…
जाग जाए न कहीं
पास ही ईमान सो रहा
तुम खड़े मुस्कुरा रहे
किसका चित्र बना रहे
कुछ समझ न आये….।।
 क्या लिखूं, कैसे लिखूं
कुछ समझ न आए
शब्द खो गए से लगते हैं
जज़वात सो गए से लगते हैं
ये कैसा दौर है
शोर ही शोर है
कहीं ढ़ह रहा कोई पुल
कहीं धमाकों का ज़ोर है

क्या लिखूं, कैसे लिखूं कुछ समझ न आए शब्द खो गए से लगते हैं जज़वात सो गए से लगते हैं ये कैसा दौर है शोर ही शोर है कहीं ढ़ह रहा कोई पुल कहीं धमाकों का ज़ोर है #War #युद्ध #yqbaba #yqdidi

84932db63a90fd95bc0caa93f8b4a6d2

Seema Katoch

मैं अब समझी.....मैं अब समझी 
मेरे घर छोड़ते  हुए 
क्यों  होती थी बेचैन
कभी भीतर  जाती 
बिना काम के ,
तो कभी कहती 
गया है तिनका आँख में ....
उन  लाल आंखों का राज़ 
माँ ,मैं अब समझी ......

पूछती  बार-बार 
"फिर कब आओगी "
और मेरा कहना _
"बहुत  जल्दी "
सुन कर भी रहती परेशान 
उस अव्यक्त पीड़ा का 
क्या  था राज़ 
माँ,मैं अब समझी ........

जाते हुए सौ नसीहतें 
और हज़ार मन्नतें ..
आज निकली हूँ 
जब उस राह ,
उन  मोह  के धागों का 
क्या  था मोल 
माँ ,मैं अब समझी !      
    मैं अब समझी 
मेरे घर छोड़ते  हुए 
क्यों  होती थी बेचैन
कभी भीतर  जाती 
बिना काम के ,
तो कभी कहती 
गया है तिनका आँख में ....
उन  लाल आंखों का राज़

मैं अब समझी मेरे घर छोड़ते हुए क्यों होती थी बेचैन कभी भीतर जाती बिना काम के , तो कभी कहती गया है तिनका आँख में .... उन लाल आंखों का राज़ #मां #yqbaba #yqdidi #hostel

loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile