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Ashutosh Mishra
#hunarbaaz # हिंदी कविता# प्रेरणादायी कविता हिंदी #हिंदीनोजोटो #दुख #चार #बूंदे #आशुतोषमिश्रा Sethi Ji Santosh Narwar Aligarh (9058141336) Dr. uvsays satyam bhardwaj Shilpa Yadav GRHC~TECH~TRICKS puja udeshi KK क्षत्राणी Gyanendra Kumar Pandey Mahi Harsh Ranjan jo_dil_kahe Shilpa Yadav AbhiJaunpur Rrrrr
read moreparul yadav
White कतरा कतरा , बून्द बून्द ,..... सारी धरती पर बिखरा बिखरा , उकेर दिया चित्र मानो चित्रकारी सा ... आ गई ये बूंदे आसमानों से मिलने धरा पर , प्रेम इतना के दूरियों को भी नजरअंदाज किया, क्या वजूद इनका बिखरकर धरती पर , खुद को लूटा दिया , प्रेम में मिट जाने का संदेश है दिया , कभी ठहरी पत्ता पत्ता , प्रेम जो किया सौ फीसदी सच्चा , कभी हुस्न पे कोई चादर सी ओढाई, बून्द बनकर चेहरे पर ठहरकर खूबसूरती बड़ाई.., कभी जम गई बर्फ बनकर , कभी लुढक गई कदमो तले , कभी आंखों में ठहरी ख्वाब बनकर, कभी फिसल गई आंखों से दर्द बनकर , कतरा कतरा ,बून्द बून्द ... क्या क्या नाम मिले, शायरों की है औंस की बूंद , तो दर्दे दिल का आँसू, प्यासे दिल का पानी , तो कभी समुद्र की रवानी ,... कतरा कतरा ,बून्द बून्द .... ©Parul (kiran)Yadav #cg_forest #बूंदे #कतरा_कतरा #नोजोतोहिन्दी #nojotoLove #मेरी_कलम_से✍️ #स्वलिखित Gyanendra Kukku Pandey Anshu writer poonam atrey - @Hardik Mahajan Niaz (Harf)
#cg_forest #बूंदे #कतरा_कतरा #नोजोतोहिन्दी #nojotoLove मेरी_कलम_से✍️ #स्वलिखित Gyanendra Kukku Pandey Anshu writer poonam atrey - @Hardik Mahajan Niaz (Harf)
read moreArun Kumar Vishwas
सूरज को मून समझ रहें हैं लोग मई को ही जून समझ रहें हैं लोग दो–चार बूंदें क्या गिरी आसमान से इसी को मानसून समझ रहें हैं लोग ©Arun Kumar Vishwas #baarish #गर्मी #बूंदे #मानसून
Poonam
बहुत तकलीफ पहुंचाती हैं वो बूंदे जो बरसती नहीं आंखों में ही रह जाती हैं ©Poonam #आंसू #बूंदे
Shubham Bhardwaj
बारिश की बूंदें और बरखा की फुहार। मन को भाने लगी है यह मस्त बहार ।। ©Shubham Bhardwaj #feelings #बारिश #की #बूंदे #और #बरखा #फुहार
Seema Katoch
न जाने कितनी बार जलना पड़ा मुझे तुम राम न हुए, सीता बनना पड़ा मुझे खुद को साबित जो करना था हर बार इस बार भी विष निगलना पड़ा मुझे रोशनी की चाहत में जली थी यूं तो लेकिन तमाम रात पिघलना पड़ा मुझे कुछ दूर तक तो जैसे कोई मेरे साथ था इसी भ्रम में, सफर तय करना पड़ा मुझे धारदार थीं यहां तमाम राहें मेरी संभल संभल कर चलना पड़ा मुझे #rztask360 #rzलेखकसमूह #restzone #बूंदे
#rztask360 #rzलेखकसमूह #restzone #बूंदे
read moreSeema Katoch
अपने अहम में चूर खूब शोर मचाते बेफिक्री के छल्ले उड़ाते तुम,,,,, जब उड़ते हो ऊंचे आसमान में बादल की तरह बेकरार होकर,,, ये भूलकर कि तुम और मैं मेरी बूंद बूंद से कण कण से मिलकर बने हो तुम,,,, मैं नदी फिर भी तुम्हें पनाह देती हूं जब टूट जाते हो बिखर जाते हो तुम,,,, #बूंदे #yqdidi #तुम #मैंऔरतुम
Seema Katoch
हिंदी**** एक दिन लिखने का शौक चर्राया कागज़, कलम उठा डेरा जमाया लेकिन,,,,सिर मुंडाते ही ओले पड़े एक सज्जन तभी बीच में बोल पड़े 'क्यों समय बर्बाद कर रहे हो लिख कर रद्दी तैयार कर रहे हो'??? हैरत से मैंने उसको ताका क्या भाव है कहने का लगाया उसका तकाज़ा..... वह बोले...ऐसे क्यों देख रहे हो? कौन पढ़ेगा उसको...जो तुम लिख रहे हो ? अंग्रेजी के युग में कहां हिंदी में दिमाग खपा रहे हो' सुन उसके विचार मन हुआ व्यथित,,, मैंने कहा...भाई क्या बोल रहे हो क्यों भाषा को तोल रहे हो??? अंग्रेज़ी का चश्मा उतार,ज़रा गौर से देखो साहित्य के आसमान पर अनगिनत कवि और लेखक टिमटिमा रहे हैं... एक नई पहचान हिंदी को दिला रहे हैं,,, भाषा चाहे कोई भी हो अंग्रेजी या हिंदी,,, पर मन के भाव जो व्यक्त करे पूर्ण रूप से,,, हमें तो है भाती बस वो प्यारी हिंदी, एक दिन लिखने का शौक चर्राया कागज़, कलम उठा डेरा जमाया लेकिन,,,,सिर मुंडाते ही ओले पड़े एक सज्जन तभी बीच में बोल पड़े,,,, 'क्यों समय बर्बाद कर रहे हो लिख कर रद्दी तैयार कर रहे हो' हैरत से मैंने उसको ताका
एक दिन लिखने का शौक चर्राया कागज़, कलम उठा डेरा जमाया लेकिन,,,,सिर मुंडाते ही ओले पड़े एक सज्जन तभी बीच में बोल पड़े,,,, 'क्यों समय बर्बाद कर रहे हो लिख कर रद्दी तैयार कर रहे हो' हैरत से मैंने उसको ताका
read moreSeema Katoch
ज़रा सी बात पर वो हो बैठते खफा हैं वो कान पकड़े,हाथ जोड़े ना माने इस दफा हैं वो जा रही है जान हमारी करते इतनी जफा हैं वो गैरों से मिल रहे हंसकर करें ऐसे हमें रफा हैं वो ख्वाबों में आते हैं मिलने निभा रहे यूं तो वफ़ा हैं वो ज़रा सी बात पर वो हो बैठते खफा हैं वो कान पकड़े,हाथ जोड़े ना माने इस दफा हैं वो जा रही है जान हमारी करते इतनी जफा हैं वो
ज़रा सी बात पर वो हो बैठते खफा हैं वो कान पकड़े,हाथ जोड़े ना माने इस दफा हैं वो जा रही है जान हमारी करते इतनी जफा हैं वो
read moreSeema Katoch
तुमने पुकारा नहीं,जिद्द में हम भी रहे फासले दरमियां हमारे यूं ही बढ़ते रहे तुमने कहा ही नहीं, ना मैंने सुना कभी किस्से मन ही मन यूं ही बस गढ़ते रहे काश मुड़ के देख लिया होता एक बार औरों के पढ़ाए पाठ क्यों हम पढ़ते रहे थम सी गई है हर बात तेरे जाने के बाद कहने को शोहरत की सीढियां चढ़ते रहे हर रात अब तो है अमावस की रात मेरी फिर ना जाने क्यों चांद को हम ढूंढते रहे तुमने पुकारा नहीं,जिद्द में हम भी रहे फासले दरमियां हमारे यूं ही बढ़ते रहे तुमने कहा ही नहीं,ना मैंने सुना कभी किस्से मन ही मन बस यूं ही गढ़ते रहे काश मुड़ के देख लिया होता एक बार औरों के पढ़ाए पाठ क्यों हम पढ़ते रहे
तुमने पुकारा नहीं,जिद्द में हम भी रहे फासले दरमियां हमारे यूं ही बढ़ते रहे तुमने कहा ही नहीं,ना मैंने सुना कभी किस्से मन ही मन बस यूं ही गढ़ते रहे काश मुड़ के देख लिया होता एक बार औरों के पढ़ाए पाठ क्यों हम पढ़ते रहे
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