नादान ज़िंदगी.. अंजान ज़िंदगी..
जाने कहां मेरा.. हैं मकाम.. ज़िंदगी..
ख़्वाहिश यही रही.. हो नाम.. ज़िंदगी..
पर कुछ नहीं यहाँ.. आसान.. ज़िंदगी..
तेरे नाम ही तो हैं.. ये कलाम..ज़िंदगी..
हैं तेरे नाम ही.. ये शाम..ज़िंदगी..
#lost
Ratindra Gautam
#storytelling
कुछ भी समझ ना आए कबीरा..
मन मेरा घबराए कबीरा..
दुनिया की ये दुनियादारी..
हमसे ना हो पाए कबीरा..!!
मन ना देखें यार किसी का..
काया देख रिझाए कबीरा.. #poem