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shailendrakumart4168
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Dr.Shailendra sargam

प्यार लुटाने की कोशिश …..7990711975

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Dr.Shailendra sargam

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©Dr.Shailendra sargam
  #feelings
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Dr.Shailendra sargam

सावन मास भिजेला मोरा साड़ी
बलम बा अनाड़ी ए हरि ।
बलम बा अनाड़ी ए हरि -२
देहिया भइल जात बाटे अब भारी
बलम बा अनाड़ी ए हरि ।।

पिपरा के पतिया प चिठ्ठिया लिखवनी रामा 
अपना बलम जी के घरवा बोलवनी रामा 
पतिया बांचतs दिहले ओहके फारी 
बलम बा अनाड़ी ए हरि।/३
सावन मास भिजेला मोरा साड़ी
बलम बा अनाड़ी ए हरि।।१।।

ताना मारे ननदी गोतीनिया के बानी रामा
देखीं रउआ धई लिहीं गाड़ी राजधानी रामा
आमा जी दे ली हs फजीरे दुगो गारी 
बलम बा अनाड़ी ए हरि।/३
सावन मास भिजेला मोरा साड़ी
बलम बा अनाड़ी ए हरि।।२।।

सरगम शैलेन्दर काहें निर्मोही भइल रामा
कवनो सवतिया प लागता लोभइल रामा 
आव ना त परती रही खेती बारी 
बलम बा अनाड़ी ए हरि।/३
सावन मास भिजेला मोरा साड़ी
बलम बा अनाड़ी ए हरि।।३।।

शैलेंद्र सरगम

©Dr.Shailendra sargam #गीत
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Dr.Shailendra sargam

सावन मास भिजेला मोरा साड़ी
बलम बा अनाड़ी ए हरि ।
बलम बा अनाड़ी ए हरि -२
देहिया भइल जात बाटे अब भारी
बलम बा अनाड़ी ए हरि ।।

पिपरा के पतिया प चिठ्ठिया लिखवनी रामा 
अपना बलम जी के घरवा बोलवनी रामा 
पतिया बांचतs दिहले ओहके फारी 
बलम बा अनाड़ी ए हरि।/३
सावन मास भिजेला मोरा साड़ी
बलम बा अनाड़ी ए हरि।।१।।

ताना मारे ननदी गोतीनिया के बानी रामा
देखीं रउआ धई लिहीं गाड़ी राजधानी रामा
आमा जी दे ली हs फजीरे दुगो गारी 
बलम बा अनाड़ी ए हरि।/३
सावन मास भिजेला मोरा साड़ी
बलम बा अनाड़ी ए हरि।।२।।

सरगम शैलेन्दर काहें निर्मोही भइल रामा
कवनो सवतिया प लागता लोभइल रामा 
आव ना त परती रही खेती बारी 
बलम बा अनाड़ी ए हरि।/३
सावन मास भिजेला मोरा साड़ी
बलम बा अनाड़ी ए हरि।।३।।

शैलेंद्र सरगम

©Dr.Shailendra sargam
  #गीत
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Dr.Shailendra sargam

योग: कर्मसु कौशलम्

©Dr.Shailendra sargam
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Dr.Shailendra sargam

जाति धरम काहे के बढ़ावल जाता
हमरो बिहार भइया जरावल जाता।।

बुद्ध महावीर अउरी  चाणक्य के भूमि
ज्ञान जे बांटल जग में भइया घूमी घूमी
ओकरे बच्चन के अब  मिटावल जाता
हमरो बिहार भइया जरावल जाता ।।१।।

जीरो के हीरो का सोचत होइहें भाई
बाल्मिकी बइठल होईहें ठकुआ लगाई
धरे - धरे बहेलिया अब बढ़ावल जाता
हमरो बिहार भइया जरावल जाता ।।२।।

अइसन राजनीति से का बाटे फायदा
जवाना ला तूर दिहनी पुरखन के कायदा
काहें सुर 'सरगम' के दबावल जाता 
हमरो बिहार भइया जरावल जाता ।।३।।।

©Dr.Shailendra sargam
  #Likho
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Dr.Shailendra sargam

बाग में  मिलके  मुझको  बताया है  उसने।
घर किसी  और के संग  बसाया है उसने।।
कह रही थी है मुश्किल 'सरगम' भूल जाना।
हाथों पर नाम अब भी दिखाया है उसने ।।

डॉ. शैलेंद्र सरगम

©Dr.Shailendra sargam #Shayari

11 Love

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Dr.Shailendra sargam

इश्क करते हो मुझसे तो बताने आना।
दिल के दरिया में डूबकर नहाने आना।।
मैं तो  बैठा हूँ  इस  राह  में राही  तरह।
मुझ राही को रास्ता तुम बताने आना।।

डॉ. शैलेन्द्र सरगम

©Dr.Shailendra sargam शायरी

शायरी

5 Love

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Dr.Shailendra sargam

एक छन्द

कविता सुनाने आया, आपको बताने आया 
शादीशुदा पुरषों के, घर मे ही हार है।

कभी झाड़ू पोता करे, डर से वो पानी भरे
तो भी बीबी ताना मारे, वो भी एक हार है।

ससुराल जब जाए, संग बीबी न  ले जाए 
साली नहीं बतियाए,ये भी एक हार है।

अब घर जाऊँगा मैं, सबको बताऊंगा मैं
जैसी भी है वैसी मेरी,बीबी ही  स्वीकार है।

डॉ शैलेन्द्र सरगम

©Dr.Shailendra sargam #alone
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Dr.Shailendra sargam

एक मुत्तक:

अब कहाँ कोई किसी का साथ देता है!
उम्मीद भरा दोस्तों को हाथ देता है!
मिल जाती है अगर जरा भी मोहलत तो ,
अपना ही दोस्त  दोस्त को मात देता है ।

डॉ. शैलेन्द्र सरगम

©Dr.Shailendra sargam #dawnn
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Dr.Shailendra sargam

देवी भजन 

हमरा खानपुर के जगदम्बा माई दुःख हरेली।
दुःख हरेली हो अन धन खूब भरेली ।।
हमरा खानपुर के जगदम्बा माई दुःख हरेली।।

माई के महिमा ह बहुते निराली
केहुवे जे आवे इहँवा नाहीँ जाला खाली
मथवा पर मइया उनका हाथ धरेली।
हमरा खानपुर के जगदम्बा माई दुःख हरेली।।१।।

हरदम काया सभकर राखेली निरोगी
लड़िका सयान चाहे होखे कवनो जोगी 
सभका पर ममता मइया छूट करेली
हमरा खानपुर के जगदम्बा माई दुःख हरेली।।२।।

सरगम शैलेंदर भार्गव विभा संगे चलs
पान - सुपारी फूल डलिया में ध लs
बान्हल अंचरवा मइया खूब खोलेली 
हमरा खानपुर के जगदम्बा माई दुःख धरेली।।३।।

डॉ. शैलेन्द्र सरगम
7990711975

©Dr.Shailendra sargam गीत

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