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naushabasuriya1230
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Naushaba Suriya

नौशाबा महाराष्ट के सिंदी (रे) यह छोटे से गाव की रहवासी हैं. Naushaba अभी btech 1st year की छात्र है.वह 13 साल की उम्र से कविताएँ लिखती हैं. उसे कविता से लोगो को प्रेरित करना बोहोत पसंद. वह अपनी कलम से समाज को पढाना चाहती हैं. वह अपना हर खयाल कविता मे पिरोती हैं.

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Naushaba Suriya

...शोर...
दिल का शोर आंसू में बह जाता है
अल्फाज कुछ कहे,
इसके पहले ,
दिल का हाल बह जाता है।

अपनों  के वार काटते है
सुकून केलिए हम भटकते है

दिन रात खुशियों केलिए भागते है
मगर मिलकर खुशियां नहीं बाटते

जख्मी दिल सबके कहलाते हैं
मजाल है कोई मलहम लगाए
हाल ए दिल बताए

जिंदगी क्या सुनाए 
शोर इतना है
की 
हाल ए दिल अश्क में बह जाए

हर मोड़ जीवन का देखा है
जिंदगी से बहुत कुछ सीखा है

अपनो से दुश्मनी नहीं निभाई
खुदगर्जी कभी नहीं दिखाई 

धैर्य से खुद को सींचा है
हर मोड़ खड़ा रहना सीखा है
गम की वजह  बने नही
गम बाटना सीखा है

दिल के शोर तो बहुत हैं जिंदगी में
मगर करते हैं स्वागत असूंओं का भी हम
अधरों पर मुस्कान लिए
..............................
नौशाबा जिलानी सुरिया

©Naushaba Suriya
  #loyalty
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Naushaba Suriya

Year end 2023 *आओ मिलकर नया साल मनाये* 

आओ मिलकर नया साल मनाएं 
भुलकर सारे गम यह पल हम बिताएं

भुलाकर यादें  बुरी कुछ अच्छी यादें बनाएं
भुलकर सारी परेशानियां कुछ पल खुशियाँ मनाएं

लेकर हसीन बातें यह दिन मनाएं 
देकर सारी खुशिया खुदको,
यह खुबसुरत साथ मनाऐ ,
आओ आज मिलकर हम नया साल मनाऐ।
......................................
नौशाबा जिलानी सुरिया

©Naushaba Suriya
  #YearEnd
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Naushaba Suriya

......नमी आंखे....
सहम जाती है आंखे मेरी
देखकर नए मोड़ की तस्वीर
डर जाती है आंखे मेरी
जिम्मेदारियों के दल दल से

यू तो खुदसे वादा है
सब संभालने का इरादा है
थक जाती है आंखे कभी
होती है जब मुझ में कमी

जिंदगी शिकायत तो कुछ नही
बस दर जाता है दिल
सहम जाती है आंखे

कभी आंखे भीग जाती है,
अल्फाज दिल पर हावी भी होजाते है
............…...................................
नौशाबा जिलानी सुरिया

©Naushaba Suriya #Zindagi
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Naushaba Suriya

......... ख्याल........
दिल में खयालों का तूफान है,
लेकिन यही तो मेरा मकान है।

चीज़े कुछ संभालती है,
तो कुछ हाथ से फिसल जाती है

जिंदगी का यह मोड़ कभी दोस्त बनजता है,
तो कभी बहुत सताता है।।

कुछ बाते नही समझ में आती,
यहा जिम्मेदारी भी मुझे ठीक से गले नहीं लगाती।

यू तो मुस्कुरा लेती हु,
मगर तन्हाई कहा हसाती है।

जिंदगी की  राहें बहुत परेशान करती है,
यू जिम्मेदार होना सिखाती है।
मगर तूफान को दिल में बैठाती है,
और बहुत सताती है।।।
.......…...................
नौशाबा जिलानी सुरिया

©Naushaba Suriya #2023Recap
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Naushaba Suriya

......कीमती.....
जीवन के उलझे धागों के,
सुलझे हुए रिश्ते हो,
नए  मोड़ के  फरिश्ते कहलाते हो..

बहुत डर था दिल में,
मानो मन को सवालों ने घेरा था,
मगर जवाब में खुदाने मुझे
कीमती तोफे को दिया था।।

दिल की धड़कने बढ़ने लगती,
तो मुझे वह मुझे गले लगाती ,
उलझती आंखे मेरी तो,
इशारों में सुकून ढूढना सिखाती।।

बहुत खुबसूरत  तोफे ने सजाया मुझे,
कभी हसाया ,
कभी रुलाया मुझे,
मगर अपना फर्ज बेखूबी निभाया।

ऐ खुदा ,
लफ्ज़ नही जो
मेरे फरिश्ता को बया कर सके।।

ऐ मेरे किम्मती तोफो,
हमेशा खुश रहना ,
और युहि,
जीवन के मोड़ पर साथ देना।।
..................................
नौशाबा जिलानी सुरिया

©Naushaba Suriya
  #ArabianNight
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Naushaba Suriya

........मुस्कुराहट........

हजार गमों की महफिल में,
तू मुस्कुराहट को न्योता दिया कर।।

नम हुई आंखे तेरी,
दिल को सताती है,
मुकुराहट तो दिल का सुकून कहलाती है।।

ऐ दोस्त ,
तेरी उदास आंखे,
बहुत दिल में हलचल मचाती है,
तू बस हंस दे,
तो सारी कायनात खुशियां मनाती है।।

ज़िंदगी के राहों में चलना 
आसान तो नही होता,
मगर होठों पर उदासी लेकर जीना भी
 जीवन नही होता ।।

ज़िंदगी तो हर किरदार बखूबी निभाती है,
तू क्यों फिर होठों पर बोझ उठाती है।।

खुल कर जी लिया कर 
दो आंसू बहाने हों तो ,
बहा लिया कर,
खुशियां जहा मिले
उन्ही रास्तों पर कदम रखा कर।।

ज़िंदगी के हर रंग में तुम रंग जाओगे
जानती हूं,
मगर यूं दिल पर डर लेकर न घुमाकर।।

गम को भूलकर ,
थोड़ा मुस्कुरा लिया कर।
.मुस्कराहटों को न्योता दिया कर ।।
................................
नौशाबा जिलानी सुरिया

©Naushaba Suriya
  #Life❤
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Naushaba Suriya

......... ढेरा.......
सवालों का ढेरा है
बस दुआओं का सहारा है।।

मंजिल की राहों  में बसेरा है
बस वक्त का चेहरा है।।

सवालों ने घेरा है
जिम्मेदारियों का पहरा है।।

ख़्वाब में तो आसमान की उड़ान है 
खुदकी बनानी पहचान है।।

सवाल है दिल में फैला,
क्यू चल रहा तू दलदल में अकेला।।

साथ तेरे परछाई भी तो है,
हाथ सिर पर तेरे दुआएं भी तो है।।.
…...............................
नौशाबा जिलानी सुरिया

©Naushaba Suriya
  #GateLight
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Naushaba Suriya

........नया मोड़......

आंखों में बसी है नमी  खुदा
क्यों हो रही हु मैं खुदसे जुदा

 चाहती हूं कोई दिल से लगाए 
हो रही हूं खुद मे ही जैसे गुमसुदा 

अजीब सा डर है दिल में समाया हुआ
बोझ जिम्मेदारियों का भी आया हुआ

रोने लगी हैं आंखें अब बहुत
बस बदल रही है अब ज़िंदगी बहुत 

फिजा भी छूकर बेचैन कर जाती हैं
तारो से गुफ्तगू  मे भी आंखें रुलाती हैं

वे  भी जिम्मेदारी के नियम बताती हैं
अंधकार मे भी होना रोशन सिखाती हैं

बातों को सुन हंसी सी छूट जाती है
ऐसे मे केवल बाबुल की याद आती है

ऐ खुदा ! है अजीब मोड़ यह भी ज़िंदगी का
बस ,तेरी रहमत है तेरी बंदगी का
.................................
नौशाबा जिलानी सुरिया

©Naushaba Suriya
  #feelingsad
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Naushaba Suriya

........ बीते लम्हे.......

खोली जब आज कुछ पुरानी चिट्ठियां 
जिनमे महफिल बीते लम्हों को सजाई थी

मानो वक्त की इजाजत थी
लम्हों ने की हमारी हिफाजत थी

उगता हुआ सूरज,
और ढलती शाम देखकर,
मुस्कुराए थे

जीवन के कुछ हसीन पल ,
संग हमने बिताए थे
एक दूजे  को यादों में हम बसाए थे

खिलखिलाती हंसी के पीछे 
होठों पर जमी एक बात थी
अजीब से थे वो दिन ,अजीब सी रात थी

काश !
उन लम्हों को दुबारा जी लेते हम
फिर से कुछ हंस लेते कुछ मुस्करा लेते हम

सपनो की मंजिल ढूढने चले तो हैं हम
मगर पुराने लम्हों की यादों से आंखे हैं  नम ।।
.......................................................
नौशाबा जिलानी सुरिया

©Naushaba Suriya
  #astrology
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Naushaba Suriya

.......गुफ्तगू......

बात तो करनी है तुझसे 
पर,शुरू करूं कहां से !

लफ्जों को ढूंढ रही हूं
 क्या कहूं यही सोच रही हूं

ज़िंदगी के नये रंग बताऊं
या लड़खड़ाते जमी पर पाव दिखाऊं

ख्वाबों को ढूंढती  नजरें बताऊं
या हाल लिखती कलम दिखाऊं
बात तो करनी है तुझ्से


हौसले से उड़ती  उड़ान  बताऊं
या कसमसाती हुई धड़कन  बताऊं
बात तो करनी है तुझ्से

अक्सर शाम डराती है मुझे
जिंदगी भी भगाती है मुझे
ठहरने की अब आदत नही मुझे
करूं क्या कल की बात तुझसे 

बात तो करनी है तुझसे
पर,शुरू करूं कहां से..
.................................
नौशाबा जिलानी सुरिया

©Naushaba Suriya #Life_Experiences
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