#कहानी- कफ़न
झोपड़े के द्वार पर बाप और बेटा दोनों एक बुझे हुए अलाव के सामने चुपचाप बैठे हुए हैं और अन्दर बेटे की जवान बीबी बुधिया प्रसव-वेदना में पछाड़ खा रही थी। रह-रहकर उसके मुँह से ऐसी दिल हिला देने वाली आवाज़ निकलती थी, कि दोनों कलेजा थाम लेते थे। जाड़ों की रात थी, प्रकृति सन्नाटे में डूबी हुई, सारा गाँव अन्धकार में लय हो गया था।
घीसू ने कहा, "मालूम होता है, बचेगी नहीं। सारा दिन दौड़ते हो गया, जा देख तो आ।"
माधव चिढक़र बोला, "मरना ही तो है जल्दी मर क्यों नहीं जाती? देखकर क्या करूँ?"
"तू बड़ा #Poetry
#GateLight#कहानी- मतवाला समय
मॉल में ज़रूरी ख़रीदारी करती हुई टीना ने एक जानी-पहचानी सी आवाज़ सुनकर एक बार देखा फिर दोबारा पीछे देखा और सन्न-सी टीना गौर से देखती ही रह गई.
हां वही था, वही तो था… नितिन… वो एकाएक जड़-सी हो गई. आज तो उसे जैसे सांप सूंघ गया. ना हिलते बनता, ना डुलते. टीना कुछ सकपका-सी गई. आज पूरे दस साल बाद नितिन इस शहर में मतलब टीना के शहर में आख़िर क्या करने आया होगा भला? कहीं कोई जासूसी वगैरह… जैसे चोर को अपने माथे पर चोर लिखा हुआ महसूस होता है, टीना भी इसी अपराधबोध में घिर गई.
अ #suspense