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alokpathak4876
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Alok Pathak

A poet in making

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Alok Pathak

तारुफ उनसे हमारा हुआ कुछ यूं था,
जैसे जिंदगी ने कहा हो लो मैं आ गई। #mulakaat
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Alok Pathak

ज़िंदगी और जंग बैठी रही वो चौखट पर
दो टुकड़ों के इंतजार में
बेच दिया है रिश्ते को
पले थे जिसके लाड़ प्यार में #jindagiAurJung
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Alok Pathak

दिन आया सुकून भरा महीनों के इंतजार पर
दरवाजे पर ही हूं खड़ी मैं सोलह श्रृंगार कर
सूटकेस दे हाथों में साथियों को पहले भेजा है
क्यों बक्से में कर बंद खुद को यूं आपने सहेजा है
जान वार कर वतन पर बेजान देह हैं सौंप चले
थे रौशनी के इंतजार में हम आप तो रौशन कर संसार चले
संभालूं कैसे आसुओं को आप मौन हैं बेसुध हैं
पसरा सन्नाटा शहर में जो रक्त आपका अवरुद्ध है
वादा है आपसे बच्ची भी आपका नाम बढ़ाएगी
नाम से आपके वो अपनी पहचान बताएगी

लेटे आप हैं भावनाएं देश की जाग रही
देखती राह मैं बैठी रही
ढल चुका है दिन अब रात सारी ढल रही।।४।। #shahadat_bhari_deewali 4
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Alok Pathak

बाबूजी दुकान से नया कुर्ता भी सिला लाए
दो सौ धरा दुकानदार को मिठाई सभी खा लेना
रौशन घर को करने चराग हमारा आ रहा कह आए
झिलमिलाती लड़ियां भी लगा रहे
घर सजाने की हर तरकीब वो अपना रहे

चासनी में डूबी रस मलाई भी कह रही
देखती राह मैं बैठी रही
ढल चुका है दिन अब रात सारी ढल रही।।३।। #shahadat_bhari_deewali 3
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Alok Pathak

बेटी के सब्र का बांध भी अब टूट रहा
खिलौनों से उसका साथ भी है छूट रहा
आप आ रहे हैं उसको याद यही आती है
पापा-पापा कहकर वो नींद में भी बड़बड़ाती है
व्याकुल सी नजरें सिर्फ आसरे में हैं
दीवाली बीतने से पहले जरूर आएंगे कह रही सहेलियों से
नए नए खिलौने पटाखे पापा मेरे लाएंगे
जलाऊंगी मैं पटाखे उनके साथ
मिलकर तब हम असली दीवाली मनाएंगे

खुशियों की सवारी लेकर घड़ियां हैं आ रही
देखती राह मैं बैठी रही
ढल चुका है दिन अब रात सारी ढल रही।।२।। #shahadat_bhari_deewali 2
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Alok Pathak

शहादत भरी दीवाली

देखती राह मैं बैठी रही
ढल चुका है दिन अब रात सारी ढल रही

ना आए आप करके वादा मैं दीप लेकर आऊंगा
जगमगाएंगे चौबारे हमारे मैं दीप लेकर आऊंगा
कहा था मां से मिठाई मेरी पसंदीदा बनाना
छुटकी जो छुपकर पहले मुझसे खाए
डांट जोर की तुम उसको लगाना
दीपावली के दिए सब के साथ ही जलाऊंगा
ना आए आप करके वादा मैं दीप लेकर आऊंगा।

छिपाकर आंसू सबसे हंसती मैं फिर रही
देखती राह जो बैठी रही
ढल चुका है दिन अब रात सारी ढल रही।।१।। #shahadat_bhari_deewali 1
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Alok Pathak

इंतजार था मन को तेरे आने का,
है सुहाना अब मौसम मेरे आशियाने का।
पल पल का ये एहसास है,
ये मेरे जीवन भर के लिए खास है।
सपने आजकल अपने से हो चले हैं,
तेरी खातिर हम भी बच्चे हो चले हैं।
तेरे ही संग अब खुशियां सारी,
मेरी बगिया की क्यारी में आई एक नन्ही परी।
मेरी बगिया की क्यारी में आई एक नन्ही परी।।४।। #ek_nanhi_pari part4
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Alok Pathak

मुस्कान तेरी ये मीठी किलकारियां,
भीड़ में जैसे एक मीठी सी धुन।
आंसू तेरा बहाना वो रातों को जगाना,
आखिर सीख ली मैंने मम्मा से लोरियां।

तुझे आराम देने को यह मां का जुनून है,
तू चैन से सोए तो आए दिल को सुकून है।
पतझड़ के मौसम में छाई हो जैसे हरियाली,

मेरी बगिया की क्यारी में आई एक नन्ही परी।।३।। #ek_nanhi_pari part3
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Alok Pathak

आभास था मन को उसके आने का,
तोहफा है तू अनमोल मेरे जीवन का।
पिटारा खुशियों का आगमन से तेरे खुला है,
खालीपन को मेरे आज बड़ा सुकून मिला है।
छांव अंबिया सी है तू बड़ी प्यारी,
मेरी बगिया की क्यारी में आई एक नन्ही परी।

मेरी बगिया की क्यारी में आई एक नन्ही परी।।२।। #ek_nanhi_pari part2
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Alok Pathak

एक नन्हीं परी

मेरी बगिया की क्यारी में आई एक नन्हीं परी,
उसके अंग अंग समाई मेरी खुशियां सारी।
प्रफुल्लित मन नाचता घर आंगन,
गूंजता रोम रोम ऐसी मनमोहक मेरी कोमल कली।

मेरी बगिया की क्यारी में आई एक नन्ही परी।।१।। #ek_nanhi_pari
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