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sanjaykandpal9400
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Sanjay Kandpal

so much to say about

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Sanjay Kandpal

#छोटे_छोटे_किस्से

एक बिल्कुल साधारण परिवार से होने के कारण बहुत सी बातें और बहुत सारी चीजें ऐसी भी थी जिनसे दूर ही रहा और जब उनके पास आना हुआ तो कहीं न कहीं एक डर भी रहा की लोग क्या सोचेंगे ।

अगर अभी तक आपने मेरी बात समझी नहीं तो शुरुआत इस किस्से से करता हूँ । पहली बार स्लीपर का टिकट लिया था ट्रेन में और टिकट पर MB लिखा हुआ था तो इतना समझ गया कि मिडिल बर्थ है पर जब ट्रेन के अंदर बैठा तो बड़ी देर तक सोचता रहा कि मैं सोऊँगा कहाँ और इंतज़ार करता रहा ये देखने का कि एक और जिनकी मिडिल बर्थ है वो कैसे सोते हैं । 

जो हमारे लिये दिनचर्या हो जाता है वो कभी हमारे लिये भी नया होता है और रोज़ किसी और के लिये नया ।जब पहली बार MC'D गया था तो मुझे याद है कि मुझे extra ketchup की जरुरत थी और सोचता रहा कैसे माँगू फिर जब किसी और ने माँगा तो बोला
“plz give me one too”

पहली बार स्कूल टाइम पे मेट्रो का टोकन लेकर सोचता रहा की अब इसका क्या करूँ और जब किसी ने बताया कि यहाँ दिखाओ और अंदर जाओ तो निकलते वक़्त भी उसे डालने की जगह स्क्रीन पर दिखाता रहा 😁
अब जब रोज़ ही मेट्रो का सफ़र करता हूँ और किसी को देखता हूँ जो पहली बार आया हो तो बड़े प्यार से समझाता हूँ,

ऐसे ही टिकट तो ले लिया फ्लाइट का पर बार बार सोचता रहा कि ये बोर्डिंग पास कहाँ मिलेगा कहाँ जाऊँगा कैसे पता चलेगा कि किस प्लेन में जाना ।

ऐसे बहुत सारे किस्से है जो सिर्फ मेरे नहीं जाने कितनों के हिस्से रोज़ आते हैं । और आगे भी कितने ऐसे किस्से आयेंगे जो पहली बार होंगे ।

इतना कुछ आज बस इसलिये लिखा कि आप भी अपने व्यस्त जीवन में से कुछ पल निकालकर दूसरों की मदद करें कि कल वो भी किसी और को प्यार से समझाये ।
❤️

©it's hawk insights #Past
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Sanjay Kandpal

By mistake his Phone rang in Church during prayers...

The Priest scolded him ...

After prayers, the congregation admonished him for interrupting the silence.

His wife lectured him on his carelessness until they got home.

One could see the shame, embarrassment n humiliation on his face !!

He has never stepped into the Church nor hugged his wife ever again.

That evening, he went to a bar ...

He was still nervous n unsure.

By mistake he spilled his drink on the table.

The waiter apologized, gave him a napkin to clean himself up.

The janitor mopped the floor.

The female manager offered him a complimentary drink.

The bar girl gave him a hug n said,
 "Don't worry man. Who doesn't make mistakes ?"

He has never stopped going to that bar since then. 

"You can make a difference by the way you treat people,
 especially when they make mistakes !!."

©it's hawk insights takeit easy

#Shadow

takeit easy #Shadow #Thoughts

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Sanjay Kandpal

मैं तुम पर लिख सकता था एक पूरा का पूरा उपन्यास,
पर मैंने तुम्हें यूँ एक बार में खो देने के डर से छोटे छोटे किस्सों और कहानियों में बुना..
मैंने चुना सप्ताह का कोई एक दिन, और उस रोज़ उतार दिया करता था कोई एक किस्सा, तुम्हारी हमारी मोहब्बत का, जिसे मैं पिछले छः दिनों से लिख रहा था...
लोग वाह वाह करते थे, लोग तुम्हारे बारे में पूछते थे, कौन थी..?? कैसी थी..?? कहाँ हैं..???
मैं चुपचाप बस तुम्हें सोचता रहता और ख़ुश होता, कि 
तुम वो थीं, तुम बहुत खूबसूरत थीं, और तब तुम ठीक मेरे मकान से लगे हुए दूसरे मकान में रहती थीं...
एक सवाल का ज़वाब देना मुश्किल था, "तुम अब कहाँ हो"
फ़िर मैं घंटो तुम्हारी तलाश में शहर की हर गालियों को खोजता, हर एक तुम जैसी ही लगने वाली को ध्यान से देखता,
फिर थक कर घर वापस आ जाया करता, और बंद कर लिया करता था अपनी आँखों को, तुम ठीक मेरे सामने होतीं थीं..
मैं ख़ुदको कोसता था, कि मैंने तुम्हें हर जगह खोजने की कोशिश की, लेकिन नहीं ढूंढा तो अपना ही कमरा...!!
अपने कमरे की तलाशी लेने में हर्ज़ ही क्या था, फ़िर मैं आँखें खोलता, रौशनी मेरी आँखों को चुभती और तुम फिर कहीं छुप जाया करतीं..!!
फ़िर मैंने अंधेरे को चुन लिया, मैंने बंद कर ली अपने कमरे की हरेक खिड़की, और दरवाजे पर चढ़ा दी लोहे की एक मोटी सी सांकल, और ख़ुद को बंद कर लिया है उसी 12×15 के कमरे में एक अरशे से...
अब तुम हर वक़्त मेरे साथ में रहती हो...मुझसे बातें करती हो..
अब मैं बस तुम्हें सुनता हूँ, तुम मुझे सुनती हो..
सारे शोर कहीं खो गए हैं इस अंधेरे में ज़माने के, बस तुम हो और मैं हूँ..!!

©it's hawk insights miss 

#alone
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Sanjay Kandpal

गणित कमजोर थी मेरी,
उसने मेरे हर दिन की गलतियों
का हिसाब बराबर रखा था,
उसकी एक आहट पर मैं
सारी गलतियां भूल जाता था,
कोशिश बहुत की मैंने कि
मेरी भी गणित उसके जैसी हो जाए
पर उसकी एक मुस्कुराहट के आगे
मेरी हजार कोशिशें भी 
मुझे शून्य के सिवा कुछ न सीखा पाए।
❤️

©Idealistic Monk गणित

#selflove

गणित #selflove

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Sanjay Kandpal

No matter how long it lives, the Greatest Lion will eventually die miserably. That's the world! They may die young from injuries they sustained while defending their Pride.

They may die old, enfeebled by age. At their Peak, they rule, chase other animals, catch, devour, gulp and leave their crumbs for hyenas. But age comes fast.

The old Lion can't hunt, can't kill or defend itself. It roams and roars until it runs out of luck. It will be cornered by the hyenas, nibbled at and eaten alive by them. They won't even let it die before it is dismembered.

Life is short. Power is ephemeral. I have seen it in lions. I have seen it in old people. Everyone who lives long enough will become very vulnerable at some point.

Therefore, let us be humble. Help the sick, the weak, the vulnerable and most importantly never forget that we will leave the stage one day.

©Sanjay Kandpal Learn to be calm

#PARENTS

Learn to be calm #PARENTS #Knowledge

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Sanjay Kandpal

लड़के प्रेम में सिर्फ #benefits चाहते हैं😊

कोई लड़का एक पुरानी सी शर्ट को सिर्फ इसलिए सहेज कर रखता है क्योंकि उस शर्ट को किसी ख़ास लड़की ने बर्थडे गिफ्ट दिया था। 

कोई बेहद क़ाबिल लड़का सिर्फ इसलिए अमेरिका on-site न जाकर एक छोटे से शहर गुड़गांव में नौकरी करता रहता है क्योंकि उस शहर में वो एक सांवली सी लड़की रहती है जिससे वो बहुत कुछ चाहते हुए भी कुछ कह नहीं पाया।

कोई लड़का एक अरसे से मिठाई कि दुकान में उसी कोने वाली टेबल पर रसगुल्ले खाते हुए जानबूझकर चाशनी को अपनी शर्ट पर सिर्फ इसीलिए गिराता है कि एक बार किसी ने उसे रसगुल्ला खिलाते हुए उसके ऊपर चाशनी गिरा दी थी।

कोई लड़का एक उम्र हो जाने पर किसी ख़ास शहर के ख़ास रेस्त्रां की ख़ास टेबल पर घण्टों अकेले चाय-सिगरेट पीते गुज़ार देता है ।

कोई लड़का किताबों के पन्नो के बीच वो फूल चिर काल तक सहेजे रखता है जो पहली मुलाकात पे उसे मिला होता है। 

कोई लड़का आज भी अपने कंधे पर किसी को सिर नहीं रखने देता क्योंकि किसी ने कहा था ये कंधा सिर्फ उसके सिर रखने के लिये है।

बातें कई हैं, बस जवाब है ये उस बात का जो patna वाले  पे egg roll खाते हुए तुमने कहा था " लड़के प्रेम में सिर्फ #benefits चाहते हैं " और मैंने जवाब में मौन रखा था । 🙂

©Sanjay Kandpal लड़के बेनिफिट चाहते हैं

#IFPWriting

लड़के बेनिफिट चाहते हैं #IFPWriting #Benefits

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Sanjay Kandpal

कभी सूरदास ने एक स्वप्न देखा था, कि रुक्मिणी और राधिका मिली हैं और एक दूजे पर निछावर हुई जा रही हैं।

      सोचता हूँ, कैसा होगा वह क्षण जब दोनों ठकुरानियाँ मिली होंगी। दोनों ने प्रेम किया था। एक ने बालक कन्हैया से, दूसरे ने राजनीतिज्ञ कृष्ण से। एक को अपनी मनमोहक बातों के जाल में फँसा लेने वाला कन्हैया मिला था, और दूसरे को मिले थे सुदर्शन चक्र धारी, महायोद्धा कृष्ण।

      कृष्ण राधिका के बाल सखा थे, पर राधिका का दुर्भाग्य था कि उन्होंने कृष्ण को तात्कालिक विश्व की महाशक्ति बनते नहीं देखा। राधिका को न महाभारत के कुचक्र जाल को सुलझाते चतुर कृष्ण मिले, न पौंड्रक-शिशुपाल का वध करते बाहुबली कृष्ण मिले।

      रुक्मिणी कृष्ण की पत्नी थीं, महारानी थीं, पर उन्होंने कृष्ण की वह लीला नहीं देखी जिसके लिए विश्व कृष्ण को स्मरण रखता है।
 
.     उन्होंने न माखन चोर को देखा, न गौ-चरवाहे को। उनके हिस्से में न बाँसुरी आयी, न माखन।

      कितनी अद्भुत लीला है, राधिका के लिए कृष्ण कन्हैया था, रुख्मिनी के लिए कन्हैया कृष्ण थे। पत्नी होने के बाद भी रुख्मिनी को कृष्ण उतने नहीं मिले कि वे उन्हें "तुम" कह पातीं। आप से तुम तक की इस यात्रा को पूरा कर लेना ही प्रेम का चरम पा लेना है। रुख्मिनी कभी यह यात्रा पूरी नहीं कर सकीं।

     राधिका की यात्रा प्रारम्भ ही 'तुम' से हुई थीं। उन्होंने प्रारम्भ ही "चरम" से किया था। शायद तभी उन्हें कृष्ण नहीं मिले।

     कितना अजीब है न! कृष्ण जिसे नहीं मिले, युगों युगों से आजतक उसी के हैं, और जिसे मिले उसे मिले ही नहीं।

     तभी कहता हूँ, कृष्ण को पाने का प्रयास मत कीजिये। पाने का प्रयास कीजियेगा तो कभी नहीं मिलेंगे। बस प्रेम कर के छोड़ दीजिए, जीवन भर साथ निभाएंगे कृष्ण। कृष्ण इस सृष्टि के सबसे अच्छे मित्र हैं। राधिका हों या सुदामा, कृष्ण ने मित्रता निभाई तो ऐसी निभाई कि इतिहास बन गया।

      राधा और रुक्मिणी जब मिली होंगी तो रुक्मिणी राधा के वस्त्रों में माखन की गंध ढूंढती होंगी, और राधा ने रुक्मिणी के आभूषणों में कृष्ण का बैभव तलाशा होगा। कौन जाने मिला भी या नहीं। सबकुछ कहाँ मिलता है मनुष्य को... कुछ न कुछ तो छूटता ही रहता है।

      जितनी चीज़ें कृष्ण से छूटीं उतनी तो किसी से नहीं छूटीं। कृष्ण से उनकी माँ छूटी, पिता छूटे, फिर जो नंद-यशोदा मिले वे भी छूटे। संगी-साथी छूटे। राधा छूटीं। गोकुल छूटा, फिर मथुरा छूटी। कृष्ण से जीवन भर कुछ न कुछ छूटता ही रहा। कृष्ण जीवन भर त्याग करते रहे। हमारी आज की पीढ़ी जो कुछ भी छूटने पर टूटने लगती है, उसे कृष्ण को गुरु बना लेना चाहिए। जो कृष्ण को समझ लेगा वह कभी अवसाद में नहीं जाएगा। कृष्ण आनंद के देवता है। कुछ छूटने पर भी कैसे खुश रहा जा सकता है, यह कृष्ण से अच्छा कोई सिखा ही नहीं सकता। महागुरु है मेरा कन्हैया...

🙏❤️

©Sanjay Kandpal shree krishna
#Photos

shree krishna #Photos

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Sanjay Kandpal

मैं कल्पना लिखूं, तुम यथार्थ लिखना
मैं हर बार ढूढूंगा तुम में ही खुद को
तुम स्वयं को मेरा ब्रह्मांड लिखना
मैं स्वप्न में भी गुजरूंगा तुमसे ही
तुम स्वयं को मेरा मार्ग लिखना।

मैं तुम्हें लिखूं, तुम जीवन का सार लिखना
मैं मिलूंगा जहां को नित तुममें ही,
तुम स्वयं को मेरा अर्धांग लिखना।
मैं बनाऊंगा अस्तित्व तुमसे ही खुद की
तुम स्वयं को मेरा प्रमाण लिखना।

मैं प्रेम लिखूं, उसे तुम स्वार्थ लिखना
मैं जोड़ लूंगा हर शब्द में तुमसे ही खुद को,
तुम स्वयं को मेरा शब्दांश लिखना।
मैं बताऊंगा जहां को इस प्रेम का पयाम,
बस, तुम जो लिखना नि‍ःस्वार्थ लिखना।
❤️

©Sanjay Kandpal #Starss
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Sanjay Kandpal

तमन्ना बहुत की तुझसे नजदीकियों के वास्ते
पर इश्क़ में तेरे रिहाई भी तो जरूरी है

जा आज़ाद किया तुझे उम्मीदों की डोर से
तेरी आशनाई में भरपाई भी तो जरूरी है

खुशमिजाज बहुत हैं हम दुनिया कहती है
तेरे इश्क़ में थोड़ी तन्हाई भी तो जरूरी है

बड़बोले तो नहीं हम फिर भी बहुत बोलते हैं तुमसे
खामोशियों को हां, तेरी रहनुमाई भी तो जरूरी है

चलो! माना कि बहुत अजीज़ नहीं हम तुझे 
पर कभी हमारे दिल की भी सुनवाई तो जरूरी है।
❤️

©Sanjay Kandpal #alone
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Sanjay Kandpal

मेरा इंतज़ार तुम भी इस तरह करना,

कि तुम्हारा ख़ुद का 
ख़ुद में कुछ बचे नहीं
दिल तुम्हारा साथ न दे, 
दिमाग तुम्हारी सुने नहीं
तुम इस बारे में किसी से 
कुछ कह भी न पाओ
जब तुम हर ज़ख्म हँस के सहो 
मगर सह न पाओ
कुछ इस कदर कि 
तुम्हारा दर्द आंखों में 
बर्फ बनने लगे
तुम्हारी घुटन की आवाज़ 
हर ओर शोर करने लगे

मगर फिर भी मैं कहूँ कि 
अपनी नहीं मेरी मजबूरियां समझो
और तुम्हारी शराफ़त तुमको 
सर झुकाकर सिर्फ इंतज़ार करने को कहे
उस समय कहीं लिख लेना कि 
कैसा लगता है,
अकेले अकेले प्यार करना, 
अकेले अकेले इंतज़ार करना,
जो तुम्हे भी मालूम होगा कि 
कभी खत्म नहीं होगा।

मगर फिर भी 
तुम हमारा इंतज़ार कुछ इस तरह करना।
❤️

©Sanjay Kandpal #love

love #Life

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