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vermarohitkavi2398
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कवि रोहित

DOB 15/06/1997 witer poitry mob-7905634611

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कवि रोहित

मुझसे  मिलने  का जो  भरोसा दिया था
मैंने भी इस  गम को  ख़ुशी  से पिया था
तुम तो  आये नहीं  की मुद्दत गुजर गई है
मैंने वर्षों उसी रास्ते पर इंतज़ार किया था

©कवि रोहित
  #Chhuan
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कवि रोहित

वफ़ा में खोट है फिर भी ये रिश्ता कैसे तोड़ दूँ
दिल की दरिया को उधर से कैसे मोड़ दूँ
बहुत जतन से उसे दिल में सहेज रखा है
अनजाने शहर में उसे कैसे अकेला छोड़ दूँ

©कवि रोहित
  #chaandsifarish
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कवि रोहित

mujhase wada kiya

mujhase wada kiya #शायरी

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कवि रोहित

साथ उड़ो तो बाज की सवारी करा दूँ
दिल के महफिल से रिश्तेदारी करा दूँ 
जीवन भर साथ देने का वादा करो जो
तुम्हें मोहोब्बत और एक बारी करा दूँ

©कवि रोहित
  #tereliye बाज

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कवि रोहित

नदिओं की उछाल नीर सी लगती हो
वर्षों की सहेजी तस्वीर सी लगती हो
जून जुलाई के मौसम में भी 
वादिय-ए -कश्मीर सी लगती हो

©कवि रोहित
  #surya कश्मीर

#surya कश्मीर #शायरी

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कवि रोहित

ओ फिर मुझे याद करके रोई होगी
तकिया बाहों में दबा कर सोई होगी
उलझने हद से ज्यादा बढ़ गई होगी
पुरानी यादों में फिर ओ खोई होगी

©कवि रोहित
  #Khushiyaan
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कवि रोहित

मैं सन्नाटे की आवाज लगता हूँ
सर से उतरा हुआ ताज लगता हूँ
अपनी सोहरते ताख पर रख कर देखों
मैं जैसा था वैसा ही आज लगता हूँ

©कवि रोहित
  #aahat सन्नाटा

#aahat सन्नाटा #शायरी

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कवि रोहित

उसके साजदे में सर झुकाता रहा
जाने अनजाने में खुदा बनाता रहा
जिंदगी में ठोंकरे जब लगी मुझें भी
मुझे देख कर ओ बस मुस्कुराता रहा

©कवि रोहित
  #sadquotes साजदे

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कवि रोहित

मेरे रूबरू  होती  तो मुलाक़ात   होती
बिना मौसम खुशियों की बरसात होती
नज़रे बस  तुम्ही पर  अटक गई  होती
कुछ बोले बिना दिल की हर बात होती

©कवि रोहित
  मुलाक़ात

मुलाक़ात #शायरी

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कवि रोहित

जिस महफिल के लिए ये लिवाज पहना है
जैसे वर्षों में किसी राजा ने ताज पहना है
कुछ तो ख़ास बात होंगी वहाँ की महफिल
ऐसा कभी नहीं देखा जैसे आज पहना है

©कवि रोहित लिवाज

लिवाज #शायरी

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