याद तुम्हरी आती है ..!
चाय में कितना भी अदरक -इलायची डालो
बिना चीनी वो फिकी हीं लगती है
तब याद तुम्हरी आती है ...!
तुम्हरे लफ़्ज़ों में खुद की बुराई भी अच्छी लगती थी
पर अब जो कोई कुछ कहदे तो लड़ जाता हूँ
तब याद तुम्हरी आती है ...!
आंखें आज भी ढूंढ़ती हैं तुम्हे शाम की उदासी में #kavita#hindikavita#कविता#hindiwriter