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drsumitkumar5483
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MBBS world health advocate writer of my own poetry open mic on so many stage

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#Birth
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are ruk ja re bandhe 

#LOVEGUITAR

are ruk ja re bandhe #LOVEGUITAR

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#LOVEGUITAR
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याद  तुम्हरी  आती   है ..!
 ( अनु शीर्षक में पढ़े ) याद  तुम्हरी  आती   है ..!
चाय में  कितना  भी  अदरक -इलायची डालो  
बिना चीनी वो  फिकी हीं  लगती  है 
तब याद  तुम्हरी  आती  है ...!
तुम्हरे  लफ़्ज़ों में  खुद  की   बुराई भी  अच्छी  लगती  थी  
पर  अब  जो  कोई  कुछ  कहदे तो  लड़ जाता  हूँ  
तब याद  तुम्हरी  आती   है ...!
आंखें आज  भी  ढूंढ़ती  हैं  तुम्हे  शाम की  उदासी में

याद तुम्हरी आती है ..! चाय में कितना भी अदरक -इलायची डालो बिना चीनी वो फिकी हीं लगती है तब याद तुम्हरी आती है ...! तुम्हरे लफ़्ज़ों में खुद की बुराई भी अच्छी लगती थी पर अब जो कोई कुछ कहदे तो लड़ जाता हूँ तब याद तुम्हरी आती है ...! आंखें आज भी ढूंढ़ती हैं तुम्हे शाम की उदासी में #kavita #hindikavita #कविता #hindiwriter

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चाय में  कितना  भी  अदरक -इलायची डालो  
बिन चीनी वो  फिकी हीं  लगती  है 
तब याद  तुम्हरी  अति  है ...!
तुम्हरे  लफ़्ज़ों में  खुद  की   बुराई भी  अच्छी  लगती  थी  
पर  अब  जो  कोई  कुछ  कहदे तो  लड़ जाता  हूँ  
तब याद  तुम्हरी  अति  है ...! #Hope
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#LOVEGUITAR
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#MyPoetry
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#MyPoetry
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वो  जा  रहे हैं
जिन्होंने  बनाए थे  तुम्हरे  खाने 
उठाया थे तुम्हरे  कचरे 
वो जा रहे हैं 
जिन्हे तुमने  कभी  इंसान  नही  समझा 
वो जा  रहे  हैं.... 
वो जा  रहे  हैं 
तुम ऑनलाइन  खाना  मांगा रहे  हो 
वो भूक से   मर  रहे  हैं 
तुम  50% सेल शॉपिंग कर  रहे हो
वो नंगे पाँव चल  रहे  हैं 
तुम AC  में कंबल ओढ़ सो रहे  हो 
वो रात भर जाग रहे  हैं 
वो जा रहे हैं 
क्यू की  तुम्हे  कोई  फर्क  नही  पड़ता 
वो जा रहे  हैं 
जिन्हे तुम ट्रको  में  भर  भर  के  लेजाते  थे  रेलीयो  में 
वो जा  रहे हैं 
जो  तुम्हरे  लिए  खड़े  थे  लहरी - दोपहर
वो  जा  रहे हैं 
जिन्होंने तुम्हे  अपना राजा  चुना  था
वो जा  रहे  हैं
जिन्होंने तुम पर  यक़ीन किया  था 
वो जा  रहे हैं 
जो गरीब हैं  मज़दूर हैं 
वो जा  रहे हैं 
ज़िंके पास ना खाने  को रोटी  
ना सोने को छत है 
वो जा  रहे  हैं 
जो मरे हैं  हालातो के  
वो  जा  रहे हैं  
सड़क पर  अपनी  लहू से  दर्द कथाऐ लिखते  
वो जा  रहे  हैं  
कुआँ का  मीठ पानी पिने 
वो जा  रहे हैं 
उन्हें  बुला  रहा  हैं  उनके  गाँव के  बरगद का  पेड़ 
वो जा  रहे  हैं ....!!
डॉ• सुमित  कुमार #Hope
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