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tumharizubaankas8964
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Tumhari zubaan ka shayar

Ek doctor jo dawa k saath ehsaas likhta h

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Tumhari zubaan ka shayar

Best things of 2022
1) finally Dr Amit Kumar.
2) Chapter NMCH over.
3)First job as Govt Doctor ,first salary.
3) Met someone special
4) News of special guest coming to our clan.
5) Mona got placed in AmEx.
Thanks 2022 for being healthy and prosperous

©Tumhari zubaan ka shayar thanks 2022
#Light
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Tumhari zubaan ka shayar

जिंदा रहकर भी मैं जिंदगी का तलबगार हो गया।
उसने कुछ इस कदर तोड़ा दिल की जार जार हो गया।।
उसने एक बार कहा था मुझे "बेकार आदमी "।
आज दुनिया देखती है की मैं बेकार हो गया

©Tumhari zubaan ka shayar लव , ब्रेक अप ईश्क जुनून

#Save

लव , ब्रेक अप ईश्क जुनून #Save

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Tumhari zubaan ka shayar

Meri shayari ek ummed hai, 
Ye Patthar dil pighlegi.
Meri mohabbat bhor ki dhoop hai.
 Andhere cheer ke niklegi.
 
 Tumhari judaai meri maut hai 
 Jo jeete je aayi hai.
 Tumhari tammanna meri jaan hai,
 Jo marte dam niklegi.

©Tumhari zubaan ka shayar tumhari tamanna

#proposeday
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Tumhari zubaan ka shayar

सोच उसकी मुझे और भी तन्हा करती है,
किस्मत भी अब मुझसे परदा करती हैं।।
उस लड़की से मेरा इतना ही रिश्ता है।
मिल जाए तो बात वगैरह करती है।।

©Tumhari zubaan ka shayar उस लड़की से रिश्ता

#NationalSimplicityDay

उस लड़की से रिश्ता #NationalSimplicityDay

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Tumhari zubaan ka shayar

इश्क ने है जूनून ही रहना,
जुदाई ने रकीब बन जाना है।
 जैसे दरिया ने चढ़ना है
चढ़ के फिर ढल जाना है।।

©Tumhari zubaan ka shayar fate of love
#OneSeason

fate of love #OneSeason

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Tumhari zubaan ka shayar

तुमने तो बस एक बार मुस्कुराना होता है।
हमने तो फिर सरे आम लूट जाना होता है।।
तुम क्या समझो अपनी धरती छुटने का ग़म।
तुमने तो बस दूर से हाथ  हिलाना होता है

©Tumhari zubaan ka shayar #Rose
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Tumhari zubaan ka shayar

जब इतनी वजहें हैं नफरत की
तोह बेहतर है मै प्यार लिखूं।

जब भूख तांडव कर रही है बढ़ती महंगाई देखकर।
दिल पे बिजली कैसे गिरेगी गोरी की अंगड़ाई देखकर।।

मन्दिर- मस्ज़िद की लड़ाई फिर भड़कती हो।
धर्म बचाने बालों की जब बांह फड़कती हो।
आयुर्वेद - एलोपैथ के झगड़े जब मसहूर हो।
चिरकुटों की सरकार भी देश को मंजूर हों।
जब देश में फैली चरम पर बेरोजगारी है।
तोह कैसे लिख दूं इश्क़ में सांस भी हमपे भारी है?

जहां डाक्टरों की मौत भी बेकार मानी जाए।
हज़ारों लाशों को लेकर नदियों का पानी जाए।
जान की कीमत का तब मर्म कौन समझाए।
सेहत का ठेकेदार ही जब अपना शर्म बेच आए।
जब आक्सीजन की किल्लत पर टूट रही सांस की डोरी है।
तोह कैसे लिख दूं दिल धड़कने का कारण गोरी है।


अच्छी GDP जब सरकार को नहीं सुहाती है।
देश बचाने वाली सत्ता हर चीज बेच कर आती है।।
कुछ बाबू लोगो का अब देश ग़ुलाम हो गया।
सरकारी केहलाने वाला वो सबकुछ नीलाम हो गया।।
जब हर ढलते सूरज के साथ देश पिछड़ता जाता है।
तोह कैसे लिख दूं ये इश्क़ का रोग ही मन को भाता है।

देश का पेट भरने वाला किसान देशद्रोही है।
लाखों की सूट पहनने वाला फकीर है निर्मोही है।
पूरे देश के सत्ताधारी गए सत्ता हथियाने बंगाल का।
महामारी के कारण देश बन गया  ग्रास काल का। ।
संगम तट पर जब फैला लासो का अंबार है।
तोह कैसे लिख दूं जीने का कारण गोरी तेरा प्यार है।

अब जब इतनी वजहें हैं नफरत की
तोह बोलो कैसे प्यार लिखूं।।

©Tumhari zubaan ka shayar ishq aur desh...

#Rose

ishq aur desh... #Rose

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Tumhari zubaan ka shayar

आंख आंसु को ऐसे रास्ता देती है।
जैसे रेत गुजरने दरिया देती है।।
कोई भी उसको जीत नहीं पाया अबतक।
वैसे वो हर एक को मौका देती है।।😜

©Tumhari zubaan ka shayar #seashore
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Tumhari zubaan ka shayar

है रीत ये उल्टी दुनिया की 
ज़िंदा लोगो को कुचलती है मुर्दों पे फूल चढ़ाती है,
अपनी महबूबा भी ऐसी ही है 
आशिक़ को तड़पाती है और  गधे से पत्त जाती है।। मेहबूबा

मेहबूबा

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Tumhari zubaan ka shayar

तुम्हारे बाद सांसे सिमट रही है।
पर ज़िन्दगी फिर भी कट रही है।।
 ये याद ,आह, दोस्ती,शायरी मुहब्बत इन्हीं किश्तों में बट रही है।। मुहब्बत

मुहब्बत

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