Find the Best ऐसी Shayari, Status, Quotes from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos aboutऐसी भी क्या जल्दी है, style 😎 ऐसा करो ☝ की दुनिया देख़ती 👫 जाये और यारी 👫 ऐसी करो ☝ की दुनिया, ऐसी क्या होता है, ऐसी शायरी जो दिल को रुला दे, प्यार की उमीद जगा दे ऐसी शायरी,
Ashutosh Mishra
a-person-standing-on-a-beach-at-sunset #एक सांझ ऐसी भी# कही दूर जब दिन ढलने लगता है और मंद-मंद पवन चहुंओर खुशबू बिखेरती है वो पगली प्रियसी सज-धज कर व्याकुल हो अपने प्रियतम की बाट जोहती है कब आ कर प्रियतम उसके चातक चक्क्षुओं की प्यास बुझाऐगा विरह में व्याकुल अपनी प्रियसी को फिर से गले लगाएगा अल्फाज मेरे✍️🏽🙏🏼🙏🏼 ©Ashutosh Mishra #SunSet #हिंदीनोजोटो #हिंदीकोट्स #एक #सांझ #ऐसी #भी #लवकाविता #आशुतोषमिश्रा AbhiJaunpur चाँदनी #Nikita kour Anudeep puja udeshi Urvashi Kapoor Uday HINDI SAHITYA SAGAR मनोज मानव Mahi AbhiJaunpur
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read moreVic@tory
दूसरों के चेहरे हम याद रखें हमारी ऐसी फितरत नहीं लोग हमारा चेहरा देख के अपनी फितरत बदल ले ऐसी हमारी फितरत है।” ©Kumar Vinod #ऐसी हमारी फितरत है।”
#ऐसी हमारी फितरत है।”
read moreExplorer
तुम ऐसे तो ना थे इतने बेरहम कैसे हो गए मेरी एक उफ्फ पर लौट आने वाले तुम ही तो थे ना आज मुझे इतना तन्हां छोड़ इतने मतलबी कैसे हो गए पहले तो कुछ कहना ही ना पड़ता था आज तो आवाज सुन कर भी अनसुना कर देते हो तुम तो दुनिया से बिल्कुल अलग थे न फिर दुनियावालों के जैसे कब हो गए ©Explorer #तुम #ऐसी #तुम_और_मैं #दुनिया #मतलबी #pyaar #SAD #Love
Amit Singhal "Aseemit"
उसने ऐसी दी है मेरे दिल को दग़ा, मेरे टूटे हुए दिल से निकली है फ़ुग़ाँ। मुझे तो बर्बाद कर ही दिया था तब, मगर खुश तो वह भी नहीं रहेगा अब। ©Amit Singhal "Aseemit" #उसने #ऐसी #दी #है
Himaani
मुझे क्या फायदा हुआ तेरी महफिल में आने का मैं अभी अकेला खड़ा हूं तेरी भरी इस महफिल में जब औकात नहीं थी तेरी मुझे किसी से मिलवाने की तो मुझे बुलाकर तूने मेरा टाइम बर्बाद क्यों किया ©Himaani #Raat #ऐसी महफिल से अलग ही अच्छा हूं
Reeta Ashu
Shashi Bhushan Mishra
ढह गया अरमान उल्फ़त में ख़ुशी का, ढूँढ ना पाया कोई हल बेबसी का, ज़िन्दगी की अहमियत जाने बिना ही, राह हरगिज भी न चुनना ख़ुदकुशी का, द्वंद दुविधा के भँवर में फँसाकर ही, खेलता मन खेल फिर रस्साकसी का, तिरस्कृत हो बने कालीदास! तुलसी! चोट दिल पर खा चुके थे हमनशीं का, कब बदल जाएगी किस्मत कौन जाने, भूल से उपहास मत कर बेकसी का, कठिन मिहनत से पलटते दिन सभी के, राह मत चुनना कभी भी मयकशी का, पा लिया खुद में ही परमानन्द 'गुंजन', है मजा कुछ और ऐसी दिलक़शी का, ---शशि भूषण मिश्र 'गुंजन ©Shashi Bhushan Mishra #ऐसी राह मत चुनना#
#ऐसी राह मत चुनना#
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