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skmishra7358
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Sk mishra

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Sk mishra

जिंदगी सफर है, इसको गुज़र जाना है,
बचपन, जवानी, बुढ़ापा फिर मर जाना है।

आ गया हूं बोहोत दूर चलते चलते,
परेशान हूं कि अब किधर जाना है।

ये गुमां ए हुस्न किस बात का है तुम्हे,
ये गुलशन है, इक दिन इसे भी झड़ जाना है।

ये दौलत, ये शौहरत कुछ पल के साथी है,
सुबह होते ही परिंदो को उड़ जाना है।

अरसा हुआ मुहब्बत में भटकते हुए "मिश्रा",
थक चुका हूं बहुत, मुझे अब घर जाना है।

©Sk mishra #nojotolive #nojotohindi #nojotenglish #gajal 

#morningcoffee
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Sk mishra

ये अब मुझसे नहीं होगा...

किसी को याद रखना हो,
या फिर उसको भूलना हो,
किसी से दूर जाना हो,
या फिर अपना बनाना हो,
किसी को छोड़ देना हो,
या फिर रिश्ता निभाना हो।।

ये अब मुझसे नहीं होगा....

©Sk mishra #शायरी #shayri #nojotohindi 

#Dark

शायरी shayri nojotohindi Dark

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Sk mishra

तुम बिन क्यों जिंदगी अधूरी सी है,
ना जाने क्यों दर्मियां ये दूरी सी है,
मुहब्बत तो है तुमसे, और बताना भी है,
फिर ना जाने क्यों ये मज़बूरी सी है।

©Sk mishra #Love
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Sk mishra

कब तलक यूं घर उजाड़ें जाएंगे,
कब तलक बेबस यूं मारे जाएंगे।

जो उठे बनकर आवाज सच की,
सबसे पहले वो ही सिर उतारे जाएंगे।

फिर मार कर बैठा है ठेकेदार पैसा,
मुस्कुराइए भूखे गरीब फिर से मारे जाएंगे।

सिर के ऊपर बह चला जो आज दरिया,
तय है कि फिर हम ही मारे जाएंगे।

कट गई है गुरबतो में जिंदगानी,
कब तलक यूं दिन गुजारे जाएंगे।

©Sk mishra #alone
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Sk mishra

Maa  मेरी  मम्मी भोली भाली

मेरी मम्मी भोली भाली,
समझ ना पाती चक्करचाली,
जब उनको समझता हूं मै,
उनसे थप्पड़ खाता हूं मै,
गुस्सा होकर देती गाली,
मेरी मम्मी भोली भाली।

जब जब हम है शोर मचाते,
या फिर आपस में लड़ जाते,
मम्मी हमको आंख दिखती,
उनकी बात हम समझ ना पाते,
गुस्से में मम्मी कर देती, 
मेरी गोरी चमड़ी काली।
मेरी मम्मी भोली भाली।।

Sk mishra (स्वरचित) #मां #मम्मी #mummy
#penpoetry
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Sk mishra

सबने देखा है उस पापी रावण के अभिमान को,
नहीं समझता था वह कुछ भी, किसी और के सम्मान को।

एक दिन अपने अहंकार में सब कुछ था वह भूल गया,
बालि से लडने आया और चाट के रण में धूल गया।

तुम क्या जानो छह महीने कितना रावण पछताया था,
कितना बलशाली था बालि ये उसको समझ में आया था।

और बताता हूं तुमको रावण के दंभ के मर्दन की,
बच्चों द्वारा घुड़साल में बंधी उस अभिमानी की गर्दन की।

उस दिन रावण ने सोचा था राजा बली से  लड़ना है,
कुछ भी करके पाताल नरेश बली का वध उसे करना है।

पर उसके इस कुटिल मनोरथ को कुछ बच्चे जान गए,
रावण की बुरी नियत को वो बस पल भर में पहचान गए।

बांध लिया घुड़साल में उसको उसका मद फिर चूर किया,
रावण जैसे महाबली को कुछ बच्चों ने मजबुर किया।

और सुनो तुम्हे बात सहस्र बाहु अर्जुन की बतलाता हूं,
कौन वीर था अर्जुन ये भी तुमको समझता हूं।

जब अर्जुन से लडने रावण सेना समेत टकराया था,
तब अर्जुन का देख पराक्रम रावण भी चकराया था।

नर्मदा नदी का समस्त जल जब अर्जुन ने रावण पे छोड़ दिया,
सेना समेत रावण का अभिमान पुनः किसी ने तोड़ दिया।

इसलिए हे मित्र, बात कभी ना करना रावण के अभिमान पे,
अभिमान की चिता जला दो जाकर किसी और श्मशान में।

sk mishra (स्वरचित) #रावण का abhiman mardan,
#nojotostory #penpoetry

#रावण का abhiman mardan, #nojotostory #penpoetry

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Sk mishra

कैसा कोरोना काल आया,
मौत का संग जाल लाया,
धन दौलत सड़ रही है,
काम आती है ना माया,
सारी शान आे शौकत देखों,
आज चकना चूर है,
आज दौलत वाले भी देख लो मजबुर है।

घर में देखों भूख मारे,
बाहर मौत पांव पसारे,
कहीं भी बचना है मुश्किल
छुप रहे सब मारे मारे,
यम के दूत हो खड़े ,
आज मुझको ताकते है,
गिद्ध ललचाई नजर से,
मेरे घर में झांकते है।

जबसे लक्षण नजर आते,
बीबी, बच्चे छोड़ जाते,
दोस्त कोई रह ना जाता,
सभी अब नजरें चुराते,
काश मै गीता का ब्रह्म ज्ञान जान लेता,
अच्छा होता वक़्त रहते सत्य को पहचान लेता।

sk mishra (स्वरचित) #korona #penpoetry
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Sk mishra

यूं ही नहीं तरक्की मुल्क के पास नहीं आती,
हमारे देश के लोगो को बस ये रास नहीं आती।

जलाते देश को है नफरतों की आग में हर रोज,
मुझे तब्दीली की नजर कोई  आस नहीं आती।

वो भड़काते है तुमको और तुम भी मान लेते हो,
मिलेगा कुछ नहीं ऐसे समझ ये बात नहीं आती।

न तो उम्मीद बाकी है न जरा सा हौसला अब तो,
न जाने क्यों अमन की देश में कोई रात नहीं आती।

मै कड़वा बोलता हूं इसलिए तुम नाराज हो मुझसे,
तुम्हारी हां को हां बोलूं मुझे वो बकवास नहीं आती।

sk मिश्रा (स्वरचित) #mypenpoetry #mypoetry
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Sk mishra

यूं ही नहीं तरक्की मुल्क के पास नहीं आती,
हमारे देश के लोगो को बस ये रास नहीं आती।

जलाते देश को है नफरतों की आग में हर रोज,
मुझे तब्दीली की नजर कोई  आस नहीं आती।

वो भड़काते है तुमको और तुम भी मान लेते हो,
मिलेगा कुछ नहीं ऐसे समझ ये बात नहीं आती।

न तो उम्मीद बाकी है न जरा सा हौसला अब तो,
न जाने क्यों अमन की देश में कोई रात नहीं आती।

मै कड़वा बोलता हूं इसलिए तुम नाराज हो मुझसे,
तुम्हारी हां कोें हां बोलूं मुझे वो बकवास नहीं आती।
sk मिश्रा (स्वरचित) #mypenpoetry #mypoetry
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Sk mishra

#penpoetry #mypoetry
#tumlikho, #Kavita
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