#Poetry#dilkibaat#jazbaat
मंज़िल है बहुत दूर,रास्ता बिल्कुल नहीं आसान है !
अपनी भूख तो सह लूं मालिक, क्या करू बच्चा भूख से परेशान है ?
सब्र का टूट रहा है बाण अब,
बचाओ कोई अटकी हुई जान है.
रास्तों के कंकड़ भी हट जाते है खुद,
मेरे पांव के छालों को देख वो भी हैरान है।
मेरी हालत को समझ कर ही देखो #poem
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Sujeet Jha
गुजरती है हवा ,
मीठा एहसास कराती है ।
विचार प्रेम ख्याल मोहब्बत b
तू स्नेह का प्रकाश बन
तू एक नया विकास बन ।।
#आत्मविश्वास#भरोसा#खुदकिकमी#उड़ान
Mamta Kumari Vaishali Chauhan Lakshmi singh Karan Kanpuriyaa (इंतेज़ार) ... #कविता