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tanushreekukade1381
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Tanushree_kukade

Single__girl__Queen👸__MummyKi__🥇 I'm search best friend because mere pas true friend nhi Hain jo mere jaisa hi ho🤷🏻‍♀️ I'M Join Nojoto App__17 November 2019 My nicname__Chiku__Chiu__Chinu__Kitti__Motu__Jinu__🥳🥳. DOB__26__September🥳 YouTube__tanushree_kukade. Instagram__tanushree_kukade. i'm very loving & caring person if you no me so check my bio👉 I like mucis. I like dance. I like reading books , favorite dilog ___Duniya me kabhi do cheezo ke peeche mat bhagna bus, train aur chokra😎😎😎😎 तू खुद की खोज में निकल तू किस लिए हताश है, तू चल तेरे वजूद की समय को भी तलाश है समय को भी तलाश है जो तुझ से लिपटी बेड़ियाँ समझ न इन को वस्त्र तू .. (x२) ये बेड़ियां पिघाल के बना ले इनको शस्त्र तू बना ले इनको शस्त्र तू तू खुद की खोज में निकल तू किस लिए हताश है, तू चल तेरे वजूद की समय को भी तलाश है समय को भी तलाश है चरित्र जब पवित्र है तोह क्यों है ये दशा तेरी .. (x२) ये पापियों को हक़ नहीं की ले परीक्षा तेरी की ले परीक्षा तेरी तू खुद की खोज में निकल तू किस लिए हताश है तू चल, तेरे वजूद की समय को भी तलाश है जला के भस्म कर उसे जो क्रूरता का जाल है .. (x२) तू आरती की लौ नहीं तू क्रोध की मशाल है तू क्रोध की मशाल है तू खुद की खोज में निकल तू किस लिए हताश है, तू चल तेरे वजूद की समय को भी तलाश है समय को भी तलाश है चूनर उड़ा के ध्वज बना गगन भी कपकाएगा .. (x२) अगर तेरी चूनर गिरी तोह एक भूकंप आएगा तोह एक भूकंप आएगा तू खुद की खोज में निकल तू किस लिए हताश है, तू चल तेरे वजूद की समय को भी तलाश है समय को भी तलाश है |

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Tanushree_kukade

किसी कोरे पन्ने पर 
अपने बारे में कुछ लिखों....
और उसे जितना अपने आंखों के समक्ष रख सको उतना रखो,जब तुम्हें लगे की तुम व्यस्तता की ओर अग्रसर हो रहे हो,तब तुम उस पन्ने को अपने वस्तुओं में या तुम्हारे बहुत सारे दस्तावेजों में इसे रख दो या बिखरा दो, ऐसा तुम इसलिए करना क्योंकि जब कुछ हफ्ते, महिने या वर्ष बित जाने पर या किसी कार्य में असफल हो जाने पर तुम खुद को खोया या फिर इन्हीं बिखरे हुए दस्तावेजों के समान एक दिन बिखरा हुआ पाओगे तो फिर तब, तुम्हें चाहिए होगा किसी अपने का साथ, तब तुम नहीं पाओंगे किसी का (साथ)कांधा, नहीं होगा संभालने वाला कोई भी प्राणी इस घुम्मकड़ दुनिया में, तब तुम बढ़ना अपने शिक्षकों की बातों की और अपनी किताबों की ओर,और अपने नोट्स की ओर वहीं नोट्स जो तुमने बनाएं थे, इन्हें पढ़ते-पढ़ते पहुंच जाना तुम वहां,जहां तुम्हारी सारी वस्तुएं बिखरी मिलती हैं और फिर एक एक कर उठाना सभी बिखरे दस्तावेजों/वस्तुओं को,देखना तुम गहनता से, गंभीरता को मस्तिष्क से हटा
तब जाएगी इक नज़र तुम्हारी किसी पन्ने पर जो तुम्हें अपने पन का अहसास कराएगी और तुम्हारी तुम्हारे लक्ष के प्रति सजग करने और अपनी गाथा सुनाएंगी तब तुम्हारी आंखों में अश्रु के साथ खुद का साथ होगा और वह साथ किसी प्राणी का नहीं बल्कि तुम्हारा तुम्हारे लिए लिखे गए उन बातों का होगा जो तुमने तुम्हारे बारे में लिखा था।

सिख- कभी कभी खुद के बारे में कुछ सकारात्मक लिख लेना चाहिए और छोड़ देना चाहिए किसी बिखरी वस्तुओं के बिच ताकि बिखरे प्राणी संभल सके खुद के सहारे।
~तनुश्री कुकडे 🕊️

©Tanushree_kukade #SAD
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Tanushree_kukade

एक लेखक उसके अनंत पाठकों को लेखक बनाता हैं ।

©Tanushree_kukade #writeraofindia #writer #Reader
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Tanushree_kukade

किताबें प्रेम कीजिएगा तो
किताबों से कीजिएगा,
दोस्त बनाइएगा
तो किताबों को बनाइएगा,
साथ चाहिए साथी का तो 
किताबों से मांगइएगा,
उड़ना हो आपको आसमां में 
तो पंख भी किताबों को पढ़ बनवाइएगा,
सफल होना हो जीवन में तो 
खुद को दिन-रात किताबों का रंच और रोह सिखाइएगा
सफलता तब ज्यादा दूर नहीं होगी आपके,
छोटी किताबों को पढ़ने से मत घबराइएगा 
घबराइएगा तो अपने प्रेम(किताब) को कम पढ़ने से कम समय देने से,
कम पढ़ने का अर्थ बूरा प्रेमी भी नहीं मान सकते आप किताब के नजरों में
 उसके दोषी हो सकते हैं परन्तु कम समय के लिए जैसे आप उसे 
कम पढ़ते हैं मुझे पता हैं पाठक भी अपने दिनचर्या में काफी मेहनत करते हैं 
दिन व्यस्तता में बित जाता हैं परन्तु यह सब बातें आप
 किताबों को बताइएगा समझाइएगा उसे अपना वक्त अपनी पीड़ा
 महसूस कराइएगा यकिन मानिए यह आपको इंसानों से बेहतर समझेगी ,
(अशांत) मन भी मचल उठता हैं
विचलित होकर कभी कबार किताब न पढ़ने से 
याद रखना यह विचलन अशोभित कर देता हैं
 पुस्तक प्रेमी को विचलित हो निराशा में घिरने से
प्रेमी ऐसे ही नहीं बन जाते आप किताबों के
पहले मन को शांत और खुद को सौंपना पड़ता हैं किताबों के 
हाथों खुद को कभी अंनत समय देकर तो कभी चुटकी भर समय 
देकर और बहुत सारा प्रेम देकर खुश रहकर एक एक पन्नों को समझ प्रेम करना पड़ता हैं
आप शोभा हैं यात्रा आपकी किताब हैं जिसे आपको प्रेम के साथ पढ़ना हैं
 समझना हैं और अपनी जिन्दगी में अनुसरण करना हैं ।
#विश्व_पुस्तक_दिवस_की_शुभकामनाएं
खुब पढ़िए और खुश रहिए क्योंकि मुस्कुराने के लिए अच्छे मन की जरूरत होती हैं चेहरे की नहीं 😊
~तनुश्री कुकडे 🕊️

©Tanushree_kukade #विश्व_पुस्तक_दिवस 

#kitabein
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Tanushree_kukade

Before reading a book......
किसी एक किताब को मित्र बनाओं
फिर उसे गले लगाओं फिर 
उससे बातें करो 
फिर उसे पढ़ना शुरू करो 
फिर देखो उसे कि वह कितनी पीड़ा या ज्ञान दायिनी हैं 
(पीड़ा मतलब किसी लेखक के जीवन का ऐसा दर्द 
जो वह अपनी कलम को पन्नों के हाथों सौंप 
अपने स्याही का छिड़काव उन कोरे पन्नों पर करता हैं 
जो निर्जीव पन्नों को भी अपने सुख- दुखों से 
उस पाठक के मन को रोमांचित करता हैं 
जिन शब्दों में असल में वह सजिवता डाल 
उन पाठकों की असल जिंदगी कह देता हैं ) 
ज्ञानी (जिससे हमें सिख मिले जिंदगी के कठीन से कठीन समस्याओं से लड़ने की )
किताब भी मित्र बन सकती 
अगर पाठक उसे अपने सच्चे प्रेमी की तरह चुम कर बोरियत महसूस न करे ।
~ तनुश्री कुकडे 🕊️

©Tanushree_kukade #lovereadingbooks #writer  #Poetry #life
#Books
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Tanushree_kukade

#HAPPY_HOLI_FRIENDS
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Tanushree_kukade

गीत,
संगीत,
नृत्य, और कवि/लेखक की
कलम भी 
शरीर को रोमांचित कर सकती हैं ।

©Tanushree_kukade #romach #love #Music #poetery #Dance 

#eveningtea
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Tanushree_kukade

गांव से शहर 
शहर से गांव
दोनों अपना शहर हैं,
यह मानने वाले प्रेमी अक्सर ठहर जाया करते हैं,
उसी गांव,
उसी शहर,
जहां वह खुद को बेबस और अकेला नहीं पाते
वह अपनी तरह अपने प्रेम को महसूस करते हैं उसी जगह
जहां उनकी आंखें, दिल, 
जज़्बात ,अपनापन रूक जाता हैं
अपनी प्रेम की खातिर🖤❤️
बस इक नज़र उसे जी भर देखने के लिए।❤️🖤
~तनुश्री कुकडे

#प्रेम_जीन्दगी
#गांव
#शहर
#काल्पनिक_अहसास

©Tanushree_kukade #lovelife 

#hangout
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Tanushree_kukade

#मलापतंगव्हायचंआहे
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Tanushree_kukade

Indian Army Day   विर परूष! 
मैं बैठी हूं आंगन में तुम्हारी इक झलक दृष्टिपात करने
मैं बैठी हूं अपनी क़लम , डायरी एवं ढेर सारे आंसू लिए 
इन्हीं आंसूओं के जरिए तुम्हारे लिए कहीं सारे मन मस्तिष्क में विचार उमड़ आएं
 इन्हीं विचारों ने पहले काल्पनिकता का रूप लिया और फिर धिरे-धिरे तुम्हारे वह 
त्याग(बलिदान) याद आएं फिर इन्हीं कल्पनाओं ने
 मुझे वास्तविकता में तुम्हारे ओज, चिर , भूडोल, विकराल ,प्रबल , 
आतंक का विनाशी ,चमन, सौरभ,वतन,कल्याण ,ज्वाल, गौरव, समृद्धि,शिला,काल के विकराल आदि
 रूपों कि झलकारी मेरे आंखों के समक्ष अनेक झांकियों कि भांति नजर आयी, इक पल के
 लिए मेरा शरीर कांप उठा और मैं दौड़ते हुए फौरन वहां से मां के आंचल से लिपट गई मां ने 
ज्यादा सवाल नहीं किए और कहां किसी बात से परेशान हो मैं हां कहके वहां से आंगन के उसी हिस्से में आ बैठी और कोसती रही खुद को ही
ऐ चमन!  तुम्हें दुनिया के सौंदर्य से दूर जो रखा हैं तुम्हारे सारे सुखों को छिनते हुए 😔 
तुम्हरा तन शहरों के लिए शहीद होता हैं और घर में बैठी मां तुम्हारे इंतज़ार में
 आंखों को पथ से जोड़े रखती हैं तुम्हें सुरक्षित देखने के लिए मां कितनी सिसकियां लगाती हैं 
ईश्वर से वह तुम्हें देख चुमना चाहती हैं तुम्हारे उस विर हृदय, मस्तिष्क को जो मां से भी ज्यादा भारतमाता कि रक्षा के लिए तत्पर हैं ,
हे विर पुरूष!
तुम ही बताओ मैं तुम्हारी विरता को लिखने का साहस कैसे करूं
तुम्हारे इतने वास्तविक रूपों को मैं अपनी स्याही से इन कोरे पन्नों पर कैसे छिड़काव करूं 
जो वास्तविक जगत में अनंत हैं,
ऐ! राष्ट्र के श्रृंगार तुम ही बताओ तुम्हारे लिए मैं पैगाम में क्या भेजूं 
शक्ति रूप में कौनसा रस भेजु ________?

ऐ विर पुरूष! 
तुम मिलो मुझसे इक रोज़ 
न ख्वाबों में मिलों ना कल्पनाओं में
बस मिलो तो वास्तविकता में मिलों
मैं यह खुबसूरत पन्ना तुम्हें सौंपना चाहती हूं
और तुम्हारी विरता का अनुभव कर 
इक छोटी सी जिंदगी विरता से रचना चाहती हूं ।

जय हिन्द जय भारत
भारत माता की जय
जय जवान जय किसान
वतन के सभी सैनिकों को मेरा शत् - शत् नमन 🙏🏻

~आप सबकी तनुश्री 🕊️ #जयहिंद🇮🇳 

#ArmyDay

जयहिंद🇮🇳 #ArmyDay

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Tanushree_kukade

हथेली विच बंधे धागे को 
मुक्त करना चाहा मैंने
सुलझाना चाहा उंगलियों के जरिए
इस धागे के अदृश्य इक-इक कच्चे रूपों को
जो वास्तव में बहुत मजबूत हैं,
कोशिशों में मैंने खुद को हतआस
अवरूद्ध एवं गूॅंथा पाया
असमर्थ पाया मैंने खुद को
इन धागों को सुलझाने में,
विचार आया इसे मैं सुलझाने में 
असमर्थ सी हो रही हूं तो
क्यों न मैं इसे तोड़ ही दूं 
जो मेरी हथेली में बंधा हुआ हैं
जो मुझसे सुलझ न पा रहा 
इसे तोड़ मैं आगे बढ़ 
किसी दूसरे कार्य में व्यस्त होना चाहती हूं
ऐसा करने से मेरा मन मेरे वश में रहकर
मुझे अपने कर्तव्य कार्य के प्रति जागरूक करेगा
नहीं उलझना चाहती मैं इस धागें में
मस्तिष्क सही ही कह रहा हैं 
आगे बढ़ने के लिए धागा तोड़ना ही होगा
परंतु यह धार्मिक रिश्तो के धागे इतने उलझे हुएं 
होते हैं कि इन्हें सुलझाना आसान कार्य नहीं होता
इन्हें मैं अपने स्वार्थि ख्यालों में नहीं उलझने दूंगी
नहीं टूटने दूंगी इस धागे को नहीं दूंगी दर्द मैं इस पवित्र बंधे धागे को 
बस गाठें खोल दूंगी
और अपनी हथेली को मुक्त कर दूंगी इस धागे से ।


तनुश्री कुकडे ✨ ♥️🖤✨

#Wish

♥️🖤✨ Wish #Wish #बात

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