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हर इंसान बेवफा नहीं होता।
राखी इन मोतियों की कीमत हम जानते है। खुशी हो या गम सब पहचानते है। सब रिश्तों से पक्की है ये डोर ये। ये बात तो धार्मिक ग्रंथ भी मानते है। इन मोतियों की कीमत हम जानते है। खुशी हो या हम सब पहचानते है। बड़ी मजबूत डोर होती है ये। ना कभी कमजोर होती हैं ये। बड़ा पवित्र रिश्ता है ये। सब धागों से ओर होती है ये। ©Sandip rohilla
Sandip rohilla
20 Love
कभी बातें भी लम्हें थे। अब लम्हें भी बस बातें है। मैं उन लम्हों की बात नहीं करता। मैं तुझसे प्यार नहीं करता। अब आवारा सड़कों पर तेरा इंतजार नही करता मैं तुझसे प्यार नहीं करता । ये सांसे भी गिरवी है। इन पर भी मेरा जोर नही। मैं मिट्टी के कण सा हूं l बस कुछ ओर नही। इश्क मोहब्बत की बातों पर। अब एतबार नही करता। मैं तुझसे प्यार नहीं करता। अब आवारा सड़कों पर तेरा इंतजार नही करता। मैं तुझसे प्यार नहीं करता । ©Sandip rohilla
32 Love
मैं चलूं मंद हवा के झोके से। ना रुकूं किसी के रोके से। मैं नदियों में बहते पानी सा। तुम कब तक मुझको टोकोगे। मैं तूफानों के जैसा हूं । तुम कब तक मुझको रोकोगे। मैं खुद में प्रचण्ड, खुद में महान। मेरे हौसलें मेरी उड़ान। काट सको तो काट दो। वो डोर नहीं जो कटु आसान। आजाद परिंदे सा हूं मैं। तुम कब तक खुद को झोकोगे। मैं तूफानों के जैसा हूं । तुम कब तक मुझको रोकोगे। ©Sandip rohilla
43 Love
जिंदगी कम अरमान बहुत है। जिसे भी देखो परेशान बहुत है। करीब से देखा तो निकला रेत का घर। मगर दूर से उसकी शान बहुत है। कहते है सच का कोई मुकाबला नहीं। मगर झूठ की पहचान बहुत है। बड़ी मुश्किल से मिलती है शहर में इंसानियत। वरना मेरे शहर में इंसान बहुत है। जिंदगी कम अरमान बहुत है। जिसे भी देखो परेशान बहुत है। वैसे तो ये इंसा मिट्टी का है। फिर भी मेरे शहर में मकान बहुत है। पानी के बुलबुले सी है ये जिंदगी। फिर भी इस पर गुमान बहुत हैं। जिंदगी कम अरमान बहुत है। जिसे भी देखो परेशान बहुत है। करीब से देखा तो निकला रेत का घर। मगर दूर से उसकी शान बहुत है। ©Sandip rohilla
46 Love
मैं तेरी यादों के समंदर में डूब जाऊंगा। उभर कर लहरों में, मैं फिर से आऊंगा। तुझे भूलना इतना आसान नहीं जाना । मैं फिर भी भूल जाऊंगा। जब तेरी याद सताने लगे। मेरे दर्द मुस्कुराने लगे। आंसू ही करने लगे सवाल मुझसे। खुद ब खुद बाहर आने लगे। फिर मैं खुद को इतना रुलाऊंगा। तुझे भूलना इतना आसान नहीं जाना। मैं फिर भी भूल जाऊंगा। जब ये पत्ते टूट जाएंगे शिखर से मेरे ही मुझे निकाल देंगे मेरे घर से मानता हूं कि मैं डगमगाऊंगा। तुझे भूलना इतना आसान नहीं जाना। मैं फिर भी भूल जाऊंगा। जब ये सांसों की डोर टूटने लगेगी। जिस्म से नब्ज़ छूटने लगेगी। तब मैं मौत को गले लगाऊंगा। तुझे भूलना इतना आसान नहीं जाना। मैं फिर भी भूल जाऊंगा ©Sandip rohilla
42 Love
महादेव तेरी भक्ति से बड़ा कोई धन नहीं है। तुझसे है सृष्टि तुझ बिन कण नहीं है। बस तेरी भक्ति में लीन जाना चाहता हूं मैं। और कुछ करने का मन नहीं हैं। तेरी भक्ति से बड़ा कोई धन नहीं है। तुझसे है सृष्टि तुझ बिन कण नहीं है। मेरे बुरे वक्त में भी साथ रहा है। मेरे सर बाबा भोले का हाथ रहा है। और जब जब चला मैं मुश्किल डगर। संग मेरे भोले नाथ रहा है। मुझे मुझसे ज्यादा जानता है वो। मेरे हर दर्द को बखूबी पहचानता है वो। और मैं तो भूल जाता हूं उसे अक्सर। मगर मुझे अपना मानता है वो। ©Sandip rohilla
54 Love
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