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deveshdixit4847
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Devesh Dixit

मुझे कविताएँ लिखना, पढ़ना, सुनना एवम सुनाना अत्यधिक पसंद है। 7982437710

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Devesh Dixit

अटल सत्य (दोहे)

अटल सत्य है मौत ही, सबको ये संज्ञान।
फिर भी क्यों समझे नहीं, करते हैं अभिमान।।

मोह छूटता है नहीं, अद्भुत ये संसार।
अटल सत्य ये जान कर, भरते भी भण्डार।।

अनदेखा इसको करें, पछताते फिर बाद।
अटल सत्य को भूल कर, दिखलाते आबाद।।

ईश्वर की ही देन है, ये जो माया जाल।
अटल सत्य है जान लो, मौत यही विकराल।।

घबराते इससे बहुत, आज सभी इंसान।
अटल सत्य है क्या कहें, कहते सभी सुजान।।
...............................................................
देवेश दीक्षित

©Devesh Dixit 
  #अटल_सत्य #दोहे #nojotohindi #nojotohindipoetry 

अटल सत्य (दोहे)

अटल सत्य है मौत ही, सबको ये संज्ञान।
फिर भी क्यों समझे नहीं, करते हैं अभिमान।।

मोह छूटता है नहीं, अद्भुत ये संसार।
अटल सत्य ये जान कर, भरते भी भण्डार।।

अनदेखा इसको करें, पछताते फिर बाद।
अटल सत्य को भूल कर, दिखलाते आबाद।।

ईश्वर की ही देन है, ये जो माया जाल।
अटल सत्य है जान लो, मौत यही विकराल।।

घबराते इससे बहुत, आज सभी इंसान।
अटल सत्य है क्या कहें, कहते सभी सुजान।।
..................................................
देवेश दीक्षित

#sandiprohila  ANSHIKA PANDIT Dil Ki Talash Sanjana @_सुहाना सफर_@꧁ঔৣMukeshঔৣ꧂RJ09 PФФJД ЦDΞSHI  Arshad Siddiqui Self Made Shayar Rooh_Lost_Soul Shilpa yadav Subhash Chandra  Anshu writer Lalit Saxena Sethi Ji gum_nam_shayar_7 SACHIN SAMRAT  Sadhna Singh Neha verma Suraj Maurya Sm@rty divi p@ndey sHiVa_JhA  PURAN SING‌H CHILWAL PRVINKUMAR THAKKAR Ruchi Rathore Er.ABHISHEK SHUKLA ãlfàâzóô kâ kārvä _(The Unknown Writer)

#अटल_सत्य #दोहे #nojotohindi #nojotohindipoetry अटल सत्य (दोहे) अटल सत्य है मौत ही, सबको ये संज्ञान। फिर भी क्यों समझे नहीं, करते हैं अभिमान।। मोह छूटता है नहीं, अद्भुत ये संसार। अटल सत्य ये जान कर, भरते भी भण्डार।। अनदेखा इसको करें, पछताते फिर बाद। अटल सत्य को भूल कर, दिखलाते आबाद।। ईश्वर की ही देन है, ये जो माया जाल। अटल सत्य है जान लो, मौत यही विकराल।। घबराते इससे बहुत, आज सभी इंसान। अटल सत्य है क्या कहें, कहते सभी सुजान।। .................................................. देवेश दीक्षित #sandiprohila ANSHIKA PANDIT Dil Ki Talash Sanjana @_सुहाना सफर_@꧁ঔৣMukeshঔৣ꧂RJ09 PФФJД ЦDΞSHI Arshad Siddiqui Self Made Shayar Rooh_Lost_Soul Shilpa yadav Subhash Chandra Anshu writer Lalit Saxena Sethi Ji gum_nam_shayar_7 SACHIN SAMRAT Sadhna Singh Neha verma Suraj Maurya Sm@rty divi p@ndey sHiVa_JhA PURAN SING‌H CHILWAL PRVINKUMAR THAKKAR Ruchi Rathore Er.ABHISHEK SHUKLA ãlfàâzóô kâ kārvä _(The Unknown Writer) #Poetry

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Devesh Dixit

उमंग

लिपट कर तुमसे जो उमंग चढ़ती है।
होने से ही तुम्हारे जिंदगी मिलती है।।

यूं ही लिपट जाया कर सीने से मेरे।
आगोश में ही तेरे तसल्ली मिलती है।।

डुबाती हो जब इन नशीली आँखों में।
डूब कर ही उसमें तबियत खिलती है।।

अधरों को अपने मिला मेरे अधरों से।
नशे की झलक ही यहीं पर मिलती है।।

हमारे जिस्म जब टकराएँ आपस में।
तुम्हारे पास होने की महक मिलती है।।

खो जाऊं तुम्हारे केशों के आंचल में।
ऐसी काली मस्त घटा कहां मिलती है।।

तुमसे ही मेरी जिंदगी में ये उजाला है।
ऐसे उजाले की चमक कहां मिलती है।।
......................................................
देवेश दीक्षित

©Devesh Dixit 
  #उमंग #nojotohindi #nojotohindipoetry 

उमंग

लिपट कर तुमसे जो उमंग चढ़ती है।
होने से ही तुम्हारे जिंदगी मिलती है।।

यूं ही लिपट जाया कर सीने से मेरे।
आगोश में ही तेरे तसल्ली मिलती है।।

डुबाती हो जब इन नशीली आँखों में।
डूब कर ही उसमें तबियत खिलती है।।

अधरों को अपने मिला मेरे अधरों से।
नशे की झलक ही यहीं पर मिलती है।।

हमारे जिस्म जब टकराएँ आपस में।
तुम्हारे पास होने की महक मिलती है।।

खो जाऊं तुम्हारे केशों के आंचल में।
ऐसी काली मस्त घटा कहां मिलती है।।

तुमसे ही मेरी जिंदगी में ये उजाला है।
ऐसे उजाले की चमक कहां मिलती है।।
..................................................
देवेश दीक्षित

#sandiprohila  PURAN SING‌H CHILWAL Dil Ki Talash Santosh Narwar Aligarh प्रतिमा कुमार यादव Sandeep Bishnoi

#उमंग #nojotohindi #nojotohindipoetry उमंग लिपट कर तुमसे जो उमंग चढ़ती है। होने से ही तुम्हारे जिंदगी मिलती है।। यूं ही लिपट जाया कर सीने से मेरे। आगोश में ही तेरे तसल्ली मिलती है।। डुबाती हो जब इन नशीली आँखों में। डूब कर ही उसमें तबियत खिलती है।। अधरों को अपने मिला मेरे अधरों से। नशे की झलक ही यहीं पर मिलती है।। हमारे जिस्म जब टकराएँ आपस में। तुम्हारे पास होने की महक मिलती है।। खो जाऊं तुम्हारे केशों के आंचल में। ऐसी काली मस्त घटा कहां मिलती है।। तुमसे ही मेरी जिंदगी में ये उजाला है। ऐसे उजाले की चमक कहां मिलती है।। .................................................. देवेश दीक्षित #sandiprohila PURAN SING‌H CHILWAL Dil Ki Talash Santosh Narwar Aligarh प्रतिमा कुमार यादव Sandeep Bishnoi #Poetry

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Devesh Dixit

अयोध्या सज गई (दोहे)

देख अयोध्या सज गई, आएँगे श्री राम।
राह निहारें हम सभी, सुन्दर हों सब काम।।

प्राण प्रतिष्ठा आपकी, करने को संसार।
हैं उत्साहित देखलो, झूमें सब नर-नार।।

कृपा आपकी हो जिसे, है वो ही धनवान।
राह खड़े सब आपकी, पाने को वरदान।।

भोग सभी तैयार हैं, आ जाओ भगवान।
द्वार खड़े हैं आपके, हम सब ही नादान।।

भक्ति भाव से तृप्त हों, ऐसा हो रघुनाथ।
जीवन में यश भी मिले, और आपका साथ।।
............................................................
देवेश दीक्षित
स्वरचित एवं मौलिक

©Devesh Dixit
  #अयोध्या_सज_गई #दोहे #nojotohindipoetry #nojotohindi 

अयोध्या सज गई (दोहे)

देख अयोध्या सज गई, आएँगे श्री राम।
राह निहारें हम सभी, सुन्दर हों सब काम।।

प्राण प्रतिष्ठा आपकी, करने को संसार।
हैं उत्साहित देखलो, झूमें सब नर-नार।।

कृपा आपकी हो जिसे, है वो ही धनवान।
राह खड़े सब आपकी, पाने को वरदान।।

भोग सभी तैयार हैं, आ जाओ भगवान।
द्वार खड़े हैं आपके, हम सब ही नादान।।

भक्ति भाव से तृप्त हों, ऐसा हो रघुनाथ।
जीवन में यश भी मिले, और आपका साथ।।
..................................................
देवेश दीक्षित

#sandiprohila  Yogendra Shukla Sanjay Ni_ra_la Sethi Ji Internet Jockey nitin kumar  Sandeep Surela Pooja pndit Lalit Saxena Praveen Storyteller @_सुहाना सफर_@꧁ঔৣMukeshঔৣ꧂RJ09  Dhyaan mira Anshu writer Self Made Shayar Mishra Miracle Nandini  Dil Ki Talash kavita pramar Bhavana kmishra बादल सिंह 'कलमगार' Babita Kumari

#अयोध्या_सज_गई #दोहे #nojotohindipoetry #nojotohindi अयोध्या सज गई (दोहे) देख अयोध्या सज गई, आएँगे श्री राम। राह निहारें हम सभी, सुन्दर हों सब काम।। प्राण प्रतिष्ठा आपकी, करने को संसार। हैं उत्साहित देखलो, झूमें सब नर-नार।। कृपा आपकी हो जिसे, है वो ही धनवान। राह खड़े सब आपकी, पाने को वरदान।। भोग सभी तैयार हैं, आ जाओ भगवान। द्वार खड़े हैं आपके, हम सब ही नादान।। भक्ति भाव से तृप्त हों, ऐसा हो रघुनाथ। जीवन में यश भी मिले, और आपका साथ।। .................................................. देवेश दीक्षित #sandiprohila Yogendra Shukla Sanjay Ni_ra_la Sethi Ji Internet Jockey nitin kumar Sandeep Surela Pooja pndit Lalit Saxena Praveen Storyteller @_सुहाना सफर_@꧁ঔৣMukeshঔৣ꧂RJ09 Dhyaan mira Anshu writer Self Made Shayar Mishra Miracle Nandini Dil Ki Talash kavita pramar Bhavana kmishra बादल सिंह 'कलमगार' Babita Kumari #Poetry

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Devesh Dixit

जीवन एक बिसात

ये जीवन देखो एक बिसात है,
जिसमें शतरंज सी हर बात है।
फूँक फूँक कर कदम रखना है,
आती मुसीबत से भी बचना है।
कौन कहाँ पर कब कैसे घेरे,
काट कर बातों को वो मेरे।
मुझ पर ही हावी हो जाए,
काम ऐसा कुछ कर जाए।
उलझ जाऊँ मैं तब घेरे में,
शतरंज के फैले इस डेरे में।
शह-मात का चलन रहा है,
देख पानी सा रक्त बहा है।
युद्ध छिड़ा धन सम्पत्ति पर,
कभी नारी की इज्जत पर।
भाई-भाई में द्वेष बड़ा है,
देखो कैसे अधर्म अडा़ है।
खून के प्यासे दोनों भाई,
महाभारत की देते दुहाई।
प्रेम भाव सब ख़त्म हुआ है,
ये जीवन अब खेल हुआ है।
सभ्यता ही सब गई है मारी,
बुजुर्गों का जीवन ये भारी।
मिले नहीं सम्मान उन्हें अब,
संतानें ही विद्रोह करें जब।
कलियुग का ये प्रभाव सारा,
किसने किसको कैसे मारा।
संस्कारों की बलि चढ़ी है,
मुश्किल की ही ये घड़ी है।
होती है ये अनुभूती ऐसी,
शतरंज में दिखती है जैसी।
..........................................
देवेश दीक्षित

©Devesh Dixit
  #जीवन_एक_बिसात #nojotohindi #nojotohindipoetry 

जीवन एक बिसात

ये जीवन देखो एक बिसात है,
जिसमें शतरंज सी हर बात है।
फूँक फूँक कर कदम रखना है,
आती मुसीबत से भी बचना है।
कौन कहाँ पर कब कैसे घेरे,
काट कर बातों को वो मेरे।
मुझ पर ही हावी हो जाए,
काम ऐसा कुछ कर जाए।
उलझ जाऊँ मैं तब घेरे में,
शतरंज के फैले इस डेरे में।
शह-मात का चलन रहा है,
देख पानी सा रक्त बहा है।
युद्ध छिड़ा धन सम्पत्ति पर,
कभी नारी की इज्जत पर।
भाई-भाई में द्वेष बड़ा है,
देखो कैसे अधर्म अडा़ है।
खून के प्यासे दोनों भाई,
महाभारत की देते दुहाई।
प्रेम भाव सब ख़त्म हुआ है,
ये जीवन अब खेल हुआ है।
सभ्यता ही सब गई है मारी,
बुजुर्गों का जीवन ये भारी।
मिले नहीं सम्मान उन्हें अब,
संतानें ही विद्रोह करें जब।
कलियुग का ये प्रभाव सारा,
किसने किसको कैसे मारा।
संस्कारों की बलि चढ़ी है,
मुश्किल की ही ये घड़ी है।
होती है ये अनुभूती ऐसी,
शतरंज में दिखती है जैसी।
..........................................
देवेश दीक्षित

#sandiprohila  sana naaz Jeevan gamerz sunny saini Dil Ki Talash Neel gajbhiye   Santosh Narwar Aligarh Saurav life Praveen Ohlyan Neha verma Internet Jockey

#जीवन_एक_बिसात #nojotohindi #nojotohindipoetry जीवन एक बिसात ये जीवन देखो एक बिसात है, जिसमें शतरंज सी हर बात है। फूँक फूँक कर कदम रखना है, आती मुसीबत से भी बचना है। कौन कहाँ पर कब कैसे घेरे, काट कर बातों को वो मेरे। मुझ पर ही हावी हो जाए, काम ऐसा कुछ कर जाए। उलझ जाऊँ मैं तब घेरे में, शतरंज के फैले इस डेरे में। शह-मात का चलन रहा है, देख पानी सा रक्त बहा है। युद्ध छिड़ा धन सम्पत्ति पर, कभी नारी की इज्जत पर। भाई-भाई में द्वेष बड़ा है, देखो कैसे अधर्म अडा़ है। खून के प्यासे दोनों भाई, महाभारत की देते दुहाई। प्रेम भाव सब ख़त्म हुआ है, ये जीवन अब खेल हुआ है। सभ्यता ही सब गई है मारी, बुजुर्गों का जीवन ये भारी। मिले नहीं सम्मान उन्हें अब, संतानें ही विद्रोह करें जब। कलियुग का ये प्रभाव सारा, किसने किसको कैसे मारा। संस्कारों की बलि चढ़ी है, मुश्किल की ही ये घड़ी है। होती है ये अनुभूती ऐसी, शतरंज में दिखती है जैसी। .......................................... देवेश दीक्षित #sandiprohila sana naaz Jeevan gamerz sunny saini Dil Ki Talash Neel gajbhiye Santosh Narwar Aligarh Saurav life Praveen Ohlyan Neha verma Internet Jockey #Poetry

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Devesh Dixit

देख जिन्दगी तू प्यारी सबको

देख जिन्दगी तू प्यारी सबको,
गले से यूँ तुझको लगाया है।
दर्द दिये हों कितने भी तुमने,
तुमसे ही तो प्यार जताया है।

जाना कहाँ अभी तुझको सबने,
झूठी माया से सब लिपट रहे।
प्रेम का देकर झाँसा सभी को,
सच्चाई से मुख को मोड़ रहे।

दिल धड़क रहा ये देखो तुझसे,
रची बहुत है रचना ईश्वर ने।
छीने कब तुझसे वो ही जाने,
वही मौत से सबको मिला रहे।

अटल सत्य है ये कहते वो ही, 
इससे सभी तुम जो घबरा रहे।
मोह उससे अब छुड़ा के सबको,
वही पास में अपने बुला रहे।

देकर जिंदगी फिर से सभी को,
धरती पर उसको है भेज दिया।
जीवन देखो फिर उसको प्यारा,
जी भर कर ही तुमको प्यार दिया।

देख जिन्दगी तू प्यारी सबको,
गले से यूँ तुझको लगाया है।
दर्द दिये हों कितने भी तुमने,
तुमसे ही तो प्यार जताया है।
..................................................
देवेश दीक्षित

©Devesh Dixit 
  #देख_जिन्दगी_तू_प्यारी_सबको #nojotohindi #nojotohindipoetry 

देख जिन्दगी तू प्यारी सबको

देख जिन्दगी तू प्यारी सबको,
गले से यूँ तुझको लगाया है।
दर्द दिये हों कितने भी तुमने,
तुमसे ही तो प्यार जताया है।

#देख_जिन्दगी_तू_प्यारी_सबको #nojotohindi #nojotohindipoetry देख जिन्दगी तू प्यारी सबको देख जिन्दगी तू प्यारी सबको, गले से यूँ तुझको लगाया है। दर्द दिये हों कितने भी तुमने, तुमसे ही तो प्यार जताया है। #Poetry #sandiprohila

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Devesh Dixit

शब्द (दोहे)

शब्द मिलें जब भी मुझे, करता यही विचार।
क्या बखान अब मैं करूँ, पूरे हों उद्गार।।

जोड़-जोड़ कर शब्द को, देता मैं आयाम।
राज हृदय में वह करे, हो मेरा भी नाम।।

जन जन तक पहुँचे कभी, ये मेरे अरमान।
पुस्तक का मैं रूप दूँ, शब्दों में उत्थान।।

शब्दों की माया बड़ी, ये सबको अनुमान।
कुछ इससे हैं सीखते, पाते भी सम्मान।।

गलत तरीके से करें, शब्दों का उपयोग।
होता भी नुकसान है, कब समझेंगे लोग।।

झगड़ों का कारण यही, अब समझो नादान।
शब्दों का यह जाल है, कहते सभी सुजान।।

शब्दों से जो खेलते, उनको ही है बोध।
उचित चयन उसका करें, करते देखो शोध।।
.......................................................
देवेश दीक्षित

©Devesh Dixit
  #शब्द #दोहे #nojotohindipoetry #nojotohindi 

शब्द (दोहे)

शब्द मिलें जब भी मुझे, करता यही विचार।
क्या बखान अब मैं करूँ, पूरे हों उद्गार।।

जोड़-जोड़ कर शब्द को, देता मैं आयाम।

#शब्द #दोहे #nojotohindipoetry #nojotohindi शब्द (दोहे) शब्द मिलें जब भी मुझे, करता यही विचार। क्या बखान अब मैं करूँ, पूरे हों उद्गार।। जोड़-जोड़ कर शब्द को, देता मैं आयाम। #Poetry #sandiprohila

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Devesh Dixit

इश्क और अश्क़

इश्क और अश्क़ का तो,
चोली दामन का साथ है।
कहती है ये दुनिया सारी,
इसमें कामदेव का हाथ है।

इश्क है कुछ क्षण का पर,
नेत्रों में अश्क़ बहुत गहरे हैं।
कितने भी जुल्म सहलो पर,
सुनने को यहाँ सब बहरे हैं।

ये आकर्षण का ही जलवा है,
जिसने इश्क को जन्म दिया।
जातिवाद के इस भेदभाव ने,
अश्कों को ही तब सार दिया।

बुरे भाव को यूँ  लेकर बैठे,
इश्क का है जो नाम दिया।
छत्तीस टुकड़े ही कर डाले,
उसे अश्क़ का जाम दिया।

समझो इश्क बदनाम हुआ,
क्यों अश्कों को भरे हुए हो।
लक्ष्य को अपने छोड़ दिया,
क्यों जीवन से रुष्ठ हुए हो।

इश्क और अश्क़ का तो,
चोली दामन का साथ है।
खत्म हुआ भरोसा देखो,
ऊपर न किसी का हाथ है।
....................................
देवेश दीक्षित

©Devesh Dixit 
  #इश्क_और_अश्क़ #nojotohindi #nojotohindipoetry 

इश्क और अश्क़

इश्क और अश्क़ का तो,
चोली दामन का साथ है।
कहती है ये दुनिया सारी,
इसमें कामदेव का हाथ है।

इश्क है कुछ क्षण का पर,
नेत्रों में अश्क़ बहुत गहरे हैं।
कितने भी जुल्म सहलो पर,
सुनने को यहाँ सब बहरे हैं।

ये आकर्षण का ही जलवा है,
जिसने इश्क को जन्म दिया।
जातिवाद के इस भेदभाव ने,
अश्कों को ही तब सार दिया।

बुरे भाव को यूँ  लेकर बैठे,
इश्क का है जो नाम दिया।
छत्तीस टुकड़े ही कर डाले,
उसे अश्क़ का जाम दिया।

समझो इश्क बदनाम हुआ,
क्यों अश्कों को भरे हुए हो।
लक्ष्य को अपने छोड़ दिया,
क्यों जीवन से रुष्ठ हुए हो।

इश्क और अश्क़ का तो,
चोली दामन का साथ है।
खत्म हुआ भरोसा देखो,
ऊपर न किसी का हाथ है।
....................................
देवेश दीक्षित

#sandiprohila  शिवम् सिंह भूमि Dr Anoop indu singh sana naaz Arshad Siddiqui  Meenakshi Sharma Rajat Bhardwaj Bhoomi.Singh Sherni Anshu writer

#इश्क_और_अश्क़ #nojotohindi #nojotohindipoetry इश्क और अश्क़ इश्क और अश्क़ का तो, चोली दामन का साथ है। कहती है ये दुनिया सारी, इसमें कामदेव का हाथ है। इश्क है कुछ क्षण का पर, नेत्रों में अश्क़ बहुत गहरे हैं। कितने भी जुल्म सहलो पर, सुनने को यहाँ सब बहरे हैं। ये आकर्षण का ही जलवा है, जिसने इश्क को जन्म दिया। जातिवाद के इस भेदभाव ने, अश्कों को ही तब सार दिया। बुरे भाव को यूँ लेकर बैठे, इश्क का है जो नाम दिया। छत्तीस टुकड़े ही कर डाले, उसे अश्क़ का जाम दिया। समझो इश्क बदनाम हुआ, क्यों अश्कों को भरे हुए हो। लक्ष्य को अपने छोड़ दिया, क्यों जीवन से रुष्ठ हुए हो। इश्क और अश्क़ का तो, चोली दामन का साथ है। खत्म हुआ भरोसा देखो, ऊपर न किसी का हाथ है। .................................... देवेश दीक्षित #sandiprohila शिवम् सिंह भूमि Dr Anoop indu singh sana naaz Arshad Siddiqui Meenakshi Sharma Rajat Bhardwaj Bhoomi.Singh Sherni Anshu writer #Poetry

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Devesh Dixit

आईना जो कहे

आईना जो कहे, वो स्वीकार नहीं किसी को,
अगर कहे वो झूठ, तो मुस्कान दे सभी को।
पर ऐसा होना कदापि संभव नहीं यहाँ,
ये तो वो सच्चाई है, जो पैगाम दे सभी को।

निहारते अकसर, जिसे देखकर सभी,
दिखा दे अगर वही तो बद्सूरत कभी।
फेंक आते उसे कहीं बेगानों सा,
और नया आईना फिर ले आते तभी।

दिखना है सुंदर यह चाहते भी सभी,
पर कहाँ अंदर खुद के झाँकते कभी।
द्वेष भावना ही देखो मन में पाले,
ऊपर से भरोसे का भी गला घोंटते तभी।

आईना ये वो है जो, चेहरे सबको दिखाता है,
किसी को साफ, किसी को भद्दा दिखाता है।
बुरा न मानना कभी, ये फितरत है इसकी,
टुकड़ों में बंटकर ही, ये तब दरार दिखाता है।

जब तक है सलामत, तब तक एक दिखाता है,
हो जाते जब टुकड़े इसके, कई रूप दिखाता है।
छोड़ कर उसे तब सभी आगे बढ़ जाते ऐसे,
जैसे की वो जिंदगी की उन्हें सीख सिखाता है।
...............................................................
देवेश दीक्षित

©Devesh Dixit 
  #आईना_जो_कहे #nojotohindi #nojotohindipoetry 

आईना जो कहे

आईना जो कहे, वो स्वीकार नहीं किसी को,
अगर कहे वो झूठ, तो मुस्कान दे सभी को।
पर ऐसा होना कदापि संभव नहीं यहाँ,
ये तो वो सच्चाई है, जो पैगाम दे सभी को।

#आईना_जो_कहे #nojotohindi #nojotohindipoetry आईना जो कहे आईना जो कहे, वो स्वीकार नहीं किसी को, अगर कहे वो झूठ, तो मुस्कान दे सभी को। पर ऐसा होना कदापि संभव नहीं यहाँ, ये तो वो सच्चाई है, जो पैगाम दे सभी को। #Poetry #sandiprohila

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Devesh Dixit

नोट बंदी

नोट बंदी में देख हुआ,
सबका बुरा हाल।
लगे कतार में बैंक के,
मन में उठे सवाल।
क्या सोचा सरकार ने,
जो हुआ बवाल।
फिर बताया विद्वान ने,
ये था माया जाल।
हेरा-फेरी से कमा कर, 
कर रहे जो गुणगान।
चोट जो ऐसी दी उन्हे,
पूर्ण हुआ अभियान।
बोरे भरकर फेंक दिये,
नोटों के भण्डार।
कुछ जंगल में थे मिले,
कमाल किये सरकार।
एक झटके में निकल गये,
देखो तो काले धन।
छिपा रखे गृहणियों ने,
बेचैन हुए तब मन।
नोट बदलने के लिए,
सामने आया राज।
पतियों को मालूम पड़ा,
तब जाकर वह काज।
मोदी जी का हो भला,
जो किया ये काम।
पत्नियाँ सिर को पीटतीं,
खेल हुआ तमाम।
.................................
देवेश दीक्षित

©Devesh Dixit 
  #नोट_बंदी #nojotohindi #nojotohindipoetry 

नोट बंदी

नोट बंदी में देख हुआ,
सबका बुरा हाल।
लगे कतार में बैंक के,
मन में उठे सवाल।
क्या सोचा सरकार ने,
जो हुआ बवाल।
फिर बताया विद्वान ने,
ये था माया जाल।
हेरा-फेरी से कमा कर, 
कर रहे जो गुणगान।
चोट जो ऐसी दी उन्हे,
पूर्ण हुआ अभियान।
बोरे भरकर फेंक दिये,
नोटों के भण्डार।
कुछ जंगल में थे मिले,
कमाल किये सरकार।
एक झटके में निकल गये,
देखो तो काले धन।
छिपा रखे गृहणियों ने,
बेचैन हुए तब मन।
नोट बदलने के लिए,
सामने आया राज।
पतियों को मालूम पड़ा,
तब जाकर वह काज।
मोदी जी का हो भला,
जो किया ये काम।
पत्नियाँ सिर को पीटतीं,
खेल हुआ तमाम।
.................................
देवेश दीक्षित

#sandiprohila  shivam ROSHAN Praveen Jain "पल्लव" Rakhie.. "दिल की आवाज़" PФФJД ЦDΞSHI  Adhuri Hayat Akanksha Verma Rajesh rajak sonu kumar babra VED PRAKASH 73  Bilal Ray Prince Gupta rasmi pintu indu singh

#नोट_बंदी #nojotohindi #nojotohindipoetry नोट बंदी नोट बंदी में देख हुआ, सबका बुरा हाल। लगे कतार में बैंक के, मन में उठे सवाल। क्या सोचा सरकार ने, जो हुआ बवाल। फिर बताया विद्वान ने, ये था माया जाल। हेरा-फेरी से कमा कर, कर रहे जो गुणगान। चोट जो ऐसी दी उन्हे, पूर्ण हुआ अभियान। बोरे भरकर फेंक दिये, नोटों के भण्डार। कुछ जंगल में थे मिले, कमाल किये सरकार। एक झटके में निकल गये, देखो तो काले धन। छिपा रखे गृहणियों ने, बेचैन हुए तब मन। नोट बदलने के लिए, सामने आया राज। पतियों को मालूम पड़ा, तब जाकर वह काज। मोदी जी का हो भला, जो किया ये काम। पत्नियाँ सिर को पीटतीं, खेल हुआ तमाम। ................................. देवेश दीक्षित #sandiprohila shivam ROSHAN Praveen Jain "पल्लव" Rakhie.. "दिल की आवाज़" PФФJД ЦDΞSHI Adhuri Hayat Akanksha Verma Rajesh rajak sonu kumar babra VED PRAKASH 73 Bilal Ray Prince Gupta rasmi pintu indu singh #Poetry

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Devesh Dixit

कविता को कविता रहने दो

कविता को कविता रहने दो,
विचारों को भी अब बहने दो।
रोका जो उनको अब है तुमने,
मुझे पीड़ा को उनकी सुनने दो।

बिखर गये हैं न जाने कितने,
शब्दों के वो अलंकार जितने।
कागज़ भी देखो सूना पड़ा है,
लगे हैं उसके अरमान रुकने।

बेचैनी उसकी अब बढ़ चुकी है,
देखो स्याही भी रुक चुकी है।
शब्द नहीं उस पर अब बिखरे,
किस्मत ही देखो थक चुकी है।

कागज़ देख कब से राह निहारे,
शब्दों की उस पर आए बहारें।
मत उसके तुम अर्थों को बदलो,
और उसमें अब बढ़ाओ दरारें।

कविता को कविता रहने दो,
उसको अपने में ही रहने दो।
उन्मुक्त उड़ान है उसकी देखो,
उसे भी तो अपनी कहने दो।
.........................................
देवेश दीक्षित

©Devesh Dixit 
  #कविता_को_कविता_रहने_दो #nojotohindi #nojotohindipoetry 

कविता को कविता रहने दो

कविता को कविता रहने दो,
विचारों को भी अब बहने दो।
रोका जो उनको अब है तुमने,
मुझे पीड़ा को उनकी सुनने दो।

बिखर गये हैं न जाने कितने,
शब्दों के वो अलंकार जितने।
कागज़ भी देखो सूना पड़ा है,
लगे हैं उसके अरमान रुकने।

बेचैनी उसकी अब बढ़ चुकी है,
देखो स्याही भी रुक चुकी है।
शब्द नहीं उस पर अब बिखरे,
किस्मत ही देखो थक चुकी है।

कागज़ देख कब से राह निहारे,
शब्दों की उस पर आए बहारें।
मत उसके तुम अर्थों को बदलो,
और उसमें अब बढ़ाओ दरारें।

कविता को कविता रहने दो,
उसको अपने में ही रहने दो।
उन्मुक्त उड़ान है उसकी देखो,
उसे भी तो अपनी कहने दो।
.........................................
देवेश दीक्षित

#sandiprohila  pooja sharma अज्ञात kavita pramar MM Mumtaz Neha verma  Radhika Aradhiya Dhyaan mira Anuj kumar "ASHK" Muna Uncle Santosh Verma  Internet Jockey Riya Soni Sethi Ji Arun Tripathi Sudha Tripathi

#कविता_को_कविता_रहने_दो #nojotohindi #nojotohindipoetry कविता को कविता रहने दो कविता को कविता रहने दो, विचारों को भी अब बहने दो। रोका जो उनको अब है तुमने, मुझे पीड़ा को उनकी सुनने दो। बिखर गये हैं न जाने कितने, शब्दों के वो अलंकार जितने। कागज़ भी देखो सूना पड़ा है, लगे हैं उसके अरमान रुकने। बेचैनी उसकी अब बढ़ चुकी है, देखो स्याही भी रुक चुकी है। शब्द नहीं उस पर अब बिखरे, किस्मत ही देखो थक चुकी है। कागज़ देख कब से राह निहारे, शब्दों की उस पर आए बहारें। मत उसके तुम अर्थों को बदलो, और उसमें अब बढ़ाओ दरारें। कविता को कविता रहने दो, उसको अपने में ही रहने दो। उन्मुक्त उड़ान है उसकी देखो, उसे भी तो अपनी कहने दो। ......................................... देवेश दीक्षित #sandiprohila pooja sharma अज्ञात kavita pramar MM Mumtaz Neha verma Radhika Aradhiya Dhyaan mira Anuj kumar "ASHK" Muna Uncle Santosh Verma Internet Jockey Riya Soni Sethi Ji Arun Tripathi Sudha Tripathi #Poetry

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