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mukeshmeena8698
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mukeshmeena

motivation

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mukeshmeena

कल में एक शीशा था(पेसे वाला),सब देक देक कर जाते थे ।
आज में टूट गया(गरीब),सब दूर दूर जाते है ।।

©mukeshmeena पैसा ही भगवान 

#MereKhayaal

पैसा ही भगवान #MereKhayaal

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mukeshmeena

फ़ीकी चुनरि देह की, फीका हर बंदेज
जिसने रंगा रूह को, वह सच्चा रंगरेज।

©mukeshmeena #NationalSimplicityDay
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mukeshmeena

आसूँ सूख गए है,अरमान बाकी हैं ,
सुखे कुएं तेरा इम्तिहान बाकी हैं ।
बरस जाना वक्त पर है 

बदल
किसी कि जमीन गिरवी है,
किसी का लगान बाकी हैं ।।

©mukeshmeena किसान की आप बीती ।

#Drops

किसान की आप बीती । #Drops

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mukeshmeena

सागर में मोती मिलेंगे, बादलों में पानी, पीया तुम कब मिलोगे बिती जाए जवानी!
विरहा की मारी हूँ मे ,आभी कवारी हूँ मे पिया ,अब तक तो माॅ बाप की लाडो थी मे ,जब से देखा तुझको पीया जब से तुम्हारी हूँ मे!

©mukeshmeena विरहा की अग्नि 

#droplets

विरहा की अग्नि #droplets

11 Love

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mukeshmeena

पर्यावरण नमस्कार, हम पेड़ के बीज़ को जमीन के अन्दर नहीं बल्कि आपने दिलों में लगाये, पेड़ आपने आप हरा-भरा हो जाएगा!

©mukeshmeena पर्यावरण दिवस की हार्दिक शुभकामनायें 

#EnvironmentDay2021

पर्यावरण दिवस की हार्दिक शुभकामनायें #EnvironmentDay2021

11 Love

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mukeshmeena

सोच बदलो

सोच बदलो

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mukeshmeena

राधे राधे 

एक   हसीन   लडकी 
राजा  के  दरबार   में 
डांस   कर  रही   थी...

( राजा   बहुत   बदसुरत   था )

 लडकी   ने   राजा   से   एक 
 सवाल   की  इजाजत  मांगी
.
राजा   ने  कहा , 
                     " चलो  पुछो ."
.
लडकी   ने   कहा , 
   "जब    हुस्न   बंट   रहा   था
      तब   आप   कहां  थे..??
.
राजा   ने   गुस्सा   नही  किया 
बल्कि
मुस्कुराते   हुवे   कहा
  ~  जब   तुम   हुस्न   की 
       लाइन्   में   खडी 
       हुस्न    ले   रही   थी , ~ 
.
 ~    तो   में 
  किस्मत  की   लाइन  में  खडा
             किस्मत  ले  रहा  था
.
          और   आज  
     तुझ  जैसीे   हुस्न   वालीयां 
      मेरी  गुलाम   की   तरह
       नाच   रही   है...........
.
इसलीय  शायर  खुब  कहते  है,
.
    " हुस्न   ना   मांग
      नसीब   मांग   ए   दोस्त ,

       हुस्न   वाले   तो
      अक्सर   नसीब   वालों  के
      गुलाम   हुआ   करते   है...

      " जो   भाग्य   में   है , 
        वह   भाग   कर  आएगा,

         जो   नहीं   है , 
         वह   आकर   भी 
         भाग   जाएगा....!!

यहाँ   सब   कुछ   बिकता   है ,
दोस्तों  रहना  जरा  संभाल  के,

बेचने  वाले  हवा भी बेच देते है,
      गुब्बारों   में   डाल   के,

        सच   बिकता   है , 
        झूट   बिकता   है,
       बिकती   है   हर   कहानी,

       तीनों  लोक  में  फेला  है ,
       फिर   भी   बिकता   है 
       बोतल  में  पानी ,

कभी फूलों की तरह मत जीना,
जिस   दिन  खिलोगे ,
टूट  कर  बिखर्र  जाओगे ,
जीना  है  तो 
पत्थर   की   तरह   जियो ; 
जिस   दिन   तराशे   गए ,
" भगवान " बन  जाओगे...!!

बंद कर दिया सांपों को सपेरे ने यह कहकर, 

अब इंसान ही इंसान को डसने के काम आएगा।


आत्महत्या कर ली गिरगिट ने सुसाइड नोट छोडकर, 

अब इंसान से ज्यादा मैं रंग नहीं बदल सकता!


गिद्ध भी कहीं चले गए, लगता है उन्होंने देख लिया, 

कि इंसान हमसे अच्छा नोंचता है!



कुत्ते कोमा में चले गए, ये देखकर,

क्या मस्त तलवे चाटता 

कोई टोपी, तो कोई अपनी पगड़ी बेच देता है,

मिले अगर भाव अच्छा, जज भी कुर्सी बेच देता 

जला दी जाती है ससुराल में अक्सर वही बेटी, 

जिसकी खातिर बाप किडनी बेच देता है!


ये कलयुग है, कोई भी चीज़ नामुमकिन नहीं इसमें,

कली, फल, फूल, पेड़, पौधे सब माली बेच देता है!


धन से बेशक गरीब रहो, पर दिल से रहना धनवान,

अक्सर झोपड़ी पे लिखा होता है: "सुस्वागतम"

और महल वाले लिखते हैं:
"कुत्तों सॆ सावधान"

                    m.k.meena

©mukeshmeena कितना गिरेगा तू इंसान 

#Rose

कितना गिरेगा तू इंसान #Rose

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mukeshmeena

पेड़ या ऑक्सीजन सिलेंडर

पेड़ या ऑक्सीजन सिलेंडर

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mukeshmeena

#5LinePoetry 

गली से गुजरते हुए सब्जी वाले ने  मकान की घंटी  का बटन दबाया।   दरवाजा खोलकर बाहर आई महिला ने देखा। 

"बीबी जी !  सब्जी ले लो ।  बताओ क्या- क्या तोलना है।  कई दिनों से आपने सब्जी नहीं खरीदी ,कया कोई और देकर जा रहा है?" 
सब्जी वाले ने कहा कहा। 

"रुको भैया!  मैं  आती हूँ।"

उसके बाद महिला घर से नीचे उतर कर आई  और सब्जी वाले के पास आकर बोली - 
"भैया ! तुम हमारी घंटी मत बजाया करो। हमें सब्जी की जरूरत नहीं है।"

"कैसी बात कर रही हैं बीबी जी ! सब्जी खाना तो सेहत के लिए बहुत जरूरी होता है। किसी और से लेती हो क्या सब्जी ?" 
सब्जीवाले ने कहा। 

"नहीं भैया!  उनके पास अब कोई काम नहीं है। और किसी  तरह से हम लोग अपने आप को जिंदा रखे हुए हैं।  जब सब  ठीक होने लग जाएगा, घर में कुछ पैसे आएंगे,  तो तुमसे ही सब्जी लिया करूंगी।  मैं किसी और से सब्जी  नहीं खरीदती हूँ। तुम घंटी बजाते हो तो उन्हें बहुत बुरा लगता है,  उन्हें अपनी मजबूरी पर गुस्सा आने लगता है।  इसलिए भैया अब तुम हमारी घंटी मत बजाया करो।" 
महिला कहकर अपने घर में वापिस जाने लगी। 

"ओ बहन जी !  तनिक रुक जाओ। हम इतने बरस से  तुमको सब्जी दे रहे हैं । जब तुम्हारे अच्छे दिन थे,  तब तुमने हमसे खूब सब्जी और फल लिए थे।  अब अगर थोड़ी-सी परेशानी आ गई है, तो क्या हम तुमको ऐसे ही छोड़ देंगे !
 दो मिनिट रूकिये;

और सब्जी वाले ने  एक थैली के अंदर टमाटर , आलू, प्याज, घीया, कद्दू और करेले डालने के बाद धनिया और मिर्च भी उसमें डाल दिया । महिला हैरान थी। उसने तुरंत कहा – 

"भैया !  तुम मुझे उधार  सब्जी दे रहे हो,  कम से कम तोल तो लेते,  और मुझे पैसे भी बता दो।  मैं तुम्हारा हिसाब लिख लूंगी।  जब सब ठीक हो जाएगा तो तुम्हें तुम्हारे पैसे वापस कर दूंगी।" महिला ने कहा। 

"वाह..... ये क्या बात हुई भला ? तोला तो इसलिए नहीं है कि कोई मामा अपने भांजी -भाँजे से पैसे नहीं लेता है। और बहिन ! मैं  कोई अहसान भी नहीं कर रहा हूँ ।  ये सब  तो यहीं से कमाया है,  इसमें तुम्हारा हिस्सा भी है। गुड़िया के लिए ये आम रख रहा हूँ, और भाँजे के लिए मौसमी । बच्चों का खूब ख्याल  रखना। ये बीमारी बहुत बुरी है। और आखिरी बात सुन लो .... घंटी तो मैं जब भी आऊँगा, जरूर बजाऊँगा।" 
और सब्जी वाले ने मुस्कुराते हुए दोनों थैलियाँ महिला के हाथ में थमा दीं। 

अब महिला की आँखें मजबूरी की जगह स्नेह के आंसुओं से भरी हुईं थीं। कुछ लोग अपने नहीं होते हुये भी अपनो से ज्यादा प्यारे व सहयोगी होते हैं, 
.
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©mukeshmeena संयोग का हाथ उठाऐ

#lockdown2021

संयोग का हाथ उठाऐ #lockdown2021 #5LinePoetry

13 Love

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mukeshmeena

एक बार एक लड़की तेज धूप में नंगे पाँव सड़क किनारे दवाईयों की दुकान  के सामने खड़ी होकर गुब्बारे बेच रही थी, वहाँ पर आनें वाले लोगों से वह हाथ जोड़ कर गुब्बारे खरीदने के लिए निवेदन करती हैं, लेकिन किसी का भी ध्यान उस पर नहीं जाता है, वह तेज धूप व भूख से लडती हूई चक्करा कर जमीन पर गिर जाती हैं, वहाँ सभी लोगों उसको देखने लगते हैं, तभी एक आदमी उसको उठा के अस्पताल ले जाता हैं, जब उस लड़की को होस आता है तो वह रोने लगती हैं कि में अपना इलाज नहीं करा सकती, आप मुझे जाने दे मैंने यह पैसा अपने भाई के इलाज के लिए जमा किए हैं, यह सुनकर वह आदमी उससे पूछता हैं कि तुम्हारे भाई को क्या हुआ है, तो वह लड़की उसे अपनी पूरी कहानी सुनाती हैं,कि कुछ दिन पहले खिलोने बेचते हुये मेरे भाई का  एक्सिडेंट हो गया  मेरे पापा उसको लेकर अस्पताल गये थे लेकिन वह अभी तक वापस नहीं आया, मेने पापा से पूछा तो वह बोले कि अब उसे पैसा ही घर ला सकता है, यह सुनकर वह आदमी उससे कहता है कि मुझे आप अपने पापा के पास ले चलो ,वह लड़की उसे अपने घर लाती हैं, वह कोई आम आदमी नहीं था वह शहर का नामी डाॅकडर था, वह उसके भाई का ईलाज करता है ओर उसका भाई घर आ जाता हैं, कहानी से प्रेरणा मिलती हैं कि दिल एक बच्चा है जो  हार नहीं मानता ,ना शब्द को नहीं जानता, अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए मेहनत करता है!

©mukeshmeena दिल बच्चा है 

#Internationalfamilyday

दिल बच्चा है #Internationalfamilyday

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