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Tripathi V J

कुछ नहीं कहना, मेरे अल्फाज ही काफी हैं|

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Tripathi V J

जानता हूं मेरी खुशी के खातिर कुछ भी कर जाएगा
वो इतना रोएगा उसके अन्दर का शख्स मर जाएगा

बहुत भटका है वो बच्चा जमाने में इधर से उधर
कोई रास्ता तो बता दो वो अब अपने घर जाएगा

इतना कमजोर मत समझ शख्सियत को उसके
की तू कुछ भी कहता रहेगा और वो डर जाएगा

©Tripathi V J #OneSeason
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Tripathi V J

उसने मुझे देखा तो है पर जानता नहीं है
मेरी बात सुन तो लेता है पर मानता नहीं है
अकेले में मिलता है तो करता है घंटों बातें
मगर महफ़िल में मुझे पहचानता नहीं है ।

©Tripathi V J #Mic
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Tripathi V J

सलीके को छोड़ो अब खुल के जिया जाए
जाम के बदले अब जहर को पिया जाए। 

फकत मैं ही  बदनाम नहीं इस ज़माने मे
कुछ नाम शरीफों का भी लिया जाए। 

शेर की खाल मे गीदड़ भरे हैं जमाने में
चलो कुछ उन्हें भी मशहूर किया जाए।

हौसले तो है बुलन्द मगर शरीर थक गया
सोचता हूं की अब इसे आराम दिया जाए।

दिल वालों को बहुत लूटा है दुनिया ने
मशवरा है अब दिमाग से काम लिया जाए।

©Tripathi V J बेपरवाह....

#WatchingSunset

बेपरवाह.... #WatchingSunset

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Tripathi V J

जिसका कभी घूंघट मे चेहरा देखा था
आजाद हैं अब जिस पर पहरा देखा था। 

आज रात ख्वाब बहुत हसीन देखा मैने
लगता है दिन मे तेरा चेहरा देखा था।

अब तो नाव भी गांव के किनारे आ लगे
जो तालाब मैने सदियों से भरा देखा था।

कुछ इसलिए भी भीड़ मे नहीं घूमता वो
 बदन पर जख्म उसके बहुत गहरा देखा था।

अब तो वो भी अजान की आवाज सुनते हैं
जिनको एक जमाने से मैने बहरा देखा था।

©गुमनाम शायर याद...

#allalone

याद... #allalone

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Tripathi V J

दिल आज फिर से तुझे आजमाना चाहता है
तुझसे बात करने का कोई नया बहाना चाहता है।

खुद को तपा के बड़ी मुश्किल से सोना किया
कम्बख्त मुझे  फिर से जलाना चाहता है ।

बहुत से तीर मारे जिन्दगी मे मैने लेकिन
मुद्दतों बाद दिल खुद का निशाना चाहता है।

अपने खौफ की दहलीज पर खड़ा हूं मगर
दुश्मन फिर भी मुझे डराना चाहता है।

बहुत जलील हूं सारे जमाने मे मैं
बावजूद इसके मुझे सारा जमाना चाहता है।

हमेशा उसके राह के कांटे हटाए मैने
अब वो मुझे ही रास्ते से हटाना चाहता है।

©गुमनाम शायर

©गुमनाम शायर बहाना.....

#worldpostday

बहाना..... #worldpostday

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Tripathi V J

रेंगते थे जो जमीन पर कभी उन्हें परिन्दा कर दिया
घूमते थे जो लाश बनकर उनको भी जिन्दा कर दिया

मिले इत्तेफाकन जब राह में बेवजह ही पूछताछ करने लगे
मैने भी जवाब ना देकर उनके सवालों को शर्मिंदा कर दिया

गुरूर से घूमा करते थे जो कलन्दर बनकर कभी जमाने मे
पता ही नहीं चला की कब उसने खुदा से बन्दा कर दिया

किसी हुजूम का हिस्सा था फकत मैं भी एक मुद्दत से
उसकी नजर पडी़ और नाचीज को चुनिन्दा कर दिया

बहुत नूर था चेहरे मे उसके, काफी करीब से देखा था मैने
इक अश्क गिरा रुखसार पर और गालों को गन्दा कर दिया परिन्दा कर दिया.....

परिन्दा कर दिया.....

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Tripathi V J

ढूंढता रहा वो हमें बेचैनी से रात भर
 हम जहाँ पर थे ही नहीं
उसकी यादें गला घोंट देती मेरा शुक्र है 
हम वहाँ पर थे ही नहीं

चश्मदीद था वो किसी के कत्ल का
वो तो अच्छा हुआ की हम
उसकी जबाँ पर थे ही नहीं

गम-ए-तस्कर थे कुछ लोग
सुना है मुझसे भी मिलने आए थे
अफसोस हम दुकाँ पर थे ही नहीं हम थे ही नहीं......

हम थे ही नहीं......

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Tripathi V J

मै बैठा था खाली तो सोचा उसे याद कर लूं
 उसने जो जख्म दिये हैं फिर से शाद कर लूं

जिन्दगी तबाह की उसके लिए जिसे कद्र ही नहीं
फिर सोचा थोडी़ खुद के लिए भी बर्बाद कर लूं

कैद कर रखा था सदियों से मैने जिस बेजुबान को
जकडा़ इस कदर उसने, सोचा खुद को आजाद कर लू़ं

इल्म है मुझे तवज्जो नहीं देती दुनियाँ मुफलिसों को
एक बार खुल के कहो तो, मैं खुद को शहजाद कर लूं

बहुत चालाकी से गिनता रहा वो गलतियाँ को मेरी
एक दिन मैने भी सोचा आज इसका हिसाब कर दूँ याद....

याद....

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Tripathi V J

मेरे गुरु ने मुझे चलने का हुनर सिखा दिया
उडे़ कैसे बिन पंख ये तरीका मुझे बता दिया
खुद तो वहीं खडे़ रहे बुनियादी पत्थर बनकर
मगर मुझे मेरी मन्जिल तक पहुँचा दिया | happy teacher's day.....

happy teacher's day.....

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Tripathi V J

जीती जागती नजरों मे ख्वाब लिए फिरते हैं
हम अपनी आँखों मे आफ्ताब लिए फिरते हैं|

वो क्या पूछेगा इस बात का भी अन्दाजा है मुझे
उसके अनकहे सवालों का जवाब लिए फिरते हैं

लोगों की नजरों मे खाली है हाथ मेरा मगर
अपनी मुट्ठी मे हम माहताब लिए फिरते हैं

उसको लगता है की भर चुके हैं जख्म मेरे 
मुद्दतों बाद भी हम उसे शादाब लिए फिरते हैं

मुन्तजिर है की ताज से नवाजा जाएगा उसे
हम तो अपने कदमों मे खिताब लिए फिरते हैं आफ्ताब....

आफ्ताब....

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