Find the Latest Status about कूड़े from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, कूड़े.
Raghuveer Singh
Rahul
rolisingh
Bambhu Kumar (बम्भू)
Ravendra
Mili Saha
// भूख का कोई मज़हब नहीं // दो वक्त़ की रोटी कमाने के लिए, पूरी दुनिया दौड़ती है, रोटी की भूख ऐसी है जो ज़िन्दगी के हर रंग दिखाती है, अमीर हो या गरीब हो, भूख तो हर किसी को है सताए, भूख का कोई मज़हब नहीं और न ये कोई धर्म देखती है। न जाने कितनी ही जिंदगियांँ, यहांँ रोज भूखी सोती है, अमीर फेंकता खाना और गरीब के पेट में भूख रोती है, न जाने क्या-क्या करवा देती, ये पेट की भूख इंसानों से, मारपीट यहाँ तक चोरी तक के लिए मजबूर कर देती है। महलों वाले क्या जाने इस भूख की कीमत क्या होती है, किसी गरीब से पूछो, कैसे भूख निचोड़ कर रख देती है, "मुझे भूख नहीं है"ये मजबूरी के शब्द हैं किसी गरीब के, बहला लेते हैं मन को शायद दरवाजे ही बंद हैं नसीब के। पेट की भूख मासूमों से उनका बचपन ही छीन लेती है, बचपन की मासूमियत, भूख में लिपट कर रह जाती है, नहीं मांगते वो पिज्जा बर्गर, न कोई मिठाई न दूध दही, बस दो वक्त़ की रोटी ख्वाहिश में ये ज़िंदगी गुज़रती है। कितने आंँसू रोती है भूख, रोज़ उनके खाली बर्तनों में, सहने की आदत हो जाती इन्हें रहते रहते मजबूरियों में, फटी जेब की तरह, इनकी किस्मत भी तो फटी होती है, मेहनत करने पर भी दो वक्त की रोटी नहीं मिल पाती है। पूरी कविता अनुशीर्षक में पढ़ें read in caption ©Mili Saha दो वक्त़ की रोटी कमाने के लिए, पूरी दुनिया दौड़ती है, रोटी की भूख ऐसी है जो ज़िन्दगी के हर रंग दिखाती है, अमीर हो या गरीब हो, भूख तो हर कि