Find the Latest Status about तारापीठ का श्मशान from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, तारापीठ का श्मशान.
Sanjeet Mukherjee
तारापीठ में माँ तारा का दर्शन करते। हुए।
zindgii
जो दिख रहा है वो शव है जो देख रहा है वो शिव है शव होने से पहले शिव को पहचान वर्ना मज़िल तो एक ही है श्मशान ©zindgii श्मशान
MannKi Bhawna
फुर्सत मिले कभी तो, सासो को गिन लेना अपने झूठ को बेपर्दा कर देना इस चलती फिरती लाश को श्मशान में रख देना #श्मशान
Geeta Sharma pranay
श्मशान ========= श्मशान ही बना दिया तुमने तो मेरे दिल को... जिसमें मेरे सारे सपने जलकर राख का ढ़ेर हो गये... कैसे इसे मै समेटूँ.... ये तो बिखर-बिखर जा रहें हैं मेरे हाथों से.... जलकर एक -एक सपनें कह रहे हैं मुझसे..... हम तो बनते ही बिखरने के लिए हैं... इसलिए बंद आँखों मे ही आते हैं और चले जाते हैं.. क्यों ए-पगली तुने हमें खुली आँखों से देखा.... ये ले,,, हम तो रोज एक महोब्बत का जनाजा लेकर निकलते हैं,,, तेरे दिल को ही आज श्मशान बना दिया,, ये कोई ओर नहीं... तेरा अपना ही हैं.... | गीता शर्मा प्रणय श्मशान
संदीप दहिया
था दाना दाना कर्ज में, था हर कतरा मजदूर, हाँ किसान की बात करता हूँ मैं जो हर पल है मजबूर। रोटी टुकड़ा खाये के सुबह चले खेत, श्याम को घर आये जो बन मिट्टी में रेत, भूखा रखे पेट को प्यासा रहे जो खेत। ऐसी इसकी आस्था ज्यों पूस की रात में अलाव सी, ऐसी इसकी उम्मीद ज्यों जेठ में ठंडी छांव की, 9 महीने खेत कमाया शक्ल देखी न गांव की। आज जब बरसात हुई ,न पूछो कैसी कयामत सी गिरी पकी फसल पर, जैसे ब्याज बिखरा था असल पर, वो सूदखोर निकला घर से जूतियां मसलकर, लगा कर के कान से शब्दों के जहर को गटकता रहा, फिर पी कर के जहर के घूंट फंदों पे लटकता रहा,गिरता रहा वो निर्बल संभल संभल कर, पर फिर जो गिर के उठा तो चार कन्धों पे उठाया गया ,श्मशान में बिना लकड़ी जलाया गया, न होना किसान फिर ये फुसफुसाया गया किसान का श्मशान सफर।। #किसान, #ब्याज#सूद#आत्महत्या
Ibrat
काशी के हर घाट हर्ष की गूँज और रंगों से रंगे हैं, एक उसे छोड़ कर जो चिताओं के राखों से सजे है, खूबसूरती उसकी की वो हर अंतिम सफ़र देखती है, वहाँ लोग सज कर आते और वो सुंदर शववस्त्र देखती है, देखा तो ढेरों लकड़ियों के में तराजू भी रखा जाता है, किसके हिस्से कितनी लगी हर वो हिसाब रखा जाता है , कोई शोक नहीं बस मृत्यु से मोक्ष तक का सफ़र देखा है, कल से पहले तक खुद को इस सच्चाई से बेख़बर देखा है, सोचा था ये सब देखना मेरे लिए आसान नहीं होगा, मगर देखा करीब से तो अपना हर डर बेअसर देखा है, मणिकर्णिका की सुबह और मैंने चिताओं को जलते देखा है, किसी अपने के लौट आने का विश्वास हर पल में मरते देखा है, अच्छा था महा श्मशान में अंतिम सफ़र का हिस्सा बन जाना , इस कभी ना खत्म होने के दौर का एक छोटा किस्सा बन जाना। -Shubhra Tripathi :) ©Ibrat मणिकर्णिका महा श्मशान