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꧁༺Kǟjǟl༻꧂
नज़रे इनायत मुझ पर इतना न कर 'काजू' , की तेरी मोहब्बत के लिए बागी हो जाऊं , मुझे इतना न पिला इश्क़-ए-जाम की , मैं तेरे इश्क़ के जहर का आदि हो जाऊं ... ©꧁༺Kǟjǟl༻꧂ नज़रे इनायत मुझ पर इतना न कर 'काजू' , की तेरी मोहब्बत के लिए बागी हो जाऊं , मुझे इतना न पिला इश्क़-ए-जाम की , मैं तेरे इश्क़ के जहर का आदि ह
नज़रे इनायत मुझ पर इतना न कर 'काजू' , की तेरी मोहब्बत के लिए बागी हो जाऊं , मुझे इतना न पिला इश्क़-ए-जाम की , मैं तेरे इश्क़ के जहर का आदि ह
read moreBANDHETIYA OFFICIAL
White भागमभाग: धर्म -कर्म कौन -सा ? धर्म- कर्म किस काम का,करम ही नहीं जहां? काज अपना करो जहां,रहम ही नहीं जहां। किसके सर पे कौन लात,रखके पार हो जाए ? हरदम पेट पे लात मारे, दूरी कहर ढाए, राज है तो राज करो,मरम ही नहीं जहां। देखो होता पाप -पुण्य , कुछ भी हां, नहीं,पंगा, अपने आप से देखो, लिए, कठौती मन चंगा , गंगा पावन मन कि मन, नियम ही नहीं जहां। ©BANDHETIYA OFFICIAL #Thinking #धर्म -कर्म में करम ही गायब! भक्ति फिल्म भक्ति गीत भक्ति सागर भक्ति वीडियो भक्ति गाना भोजपुरी Rakesh Srivastava Internet Jockey
BANDHETIYA OFFICIAL
White तुम्हारे वास्ते मेरी आस्था मेरा क्यूं धरम ? मेरा विश्वास डिगता है, फिर डगमगा उठते कदम! पैरों हो तले जमीं, यकीं,मेरा वो यकीं, तेरे ऐतबार की पैदाइश, जरा कर दो इसे अलम। देखो तुम कभी पढ़ो, आंखों मेरी कि बढ़ो - उस ओर जहां हो मुझसे मेरी वफा, खुद में लाओ वो करम। ©BANDHETIYA OFFICIAL #Thinking #करम ! शायरी लव स्टोरी लव कोट्स लव शायरी हिंदी में लव शायरियां शायरी लव रोमांटिक Naveen Gurdeep Kanheri Pooja Udeshi Ravindra Y
निर्भय चौहान
White खाली हैं वो जाम कि जिनमें सारी दुनिया डूबी थी। डूबा था जो वो होश में न था दरिया में क्या खूबी थी।। इश्क पे कोई ज्योतिष जादू काम कहां करता है यार। बदनामी के ले दाग गया वो हाथ में जिसके रूबी थी।। ©निर्भय चौहान #GoodMorning करम गोरखपुरिया Sandeep Kumar Saveer Rakhee ki kalam se वरुण तिवारी katha(कथा)
#GoodMorning करम गोरखपुरिया Sandeep Kumar Saveer Rakhee ki kalam se वरुण तिवारी katha(कथा)
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White {Bolo Ji Radhey Radhey} 🔱🚩🎪 ॐ नमो भगवते वासुदेवाय :- नहिं कलि करम न भगति बिबेकू। राम नाम अवलंबन एकू॥ कालनेमि कलि कपट निधानू। नाम सुमति समरथ हनुमानू॥(४) भावार्थ:- कलियुग में न तो कर्म है, न भक्ति है और न ज्ञान ही है, केवल "राम" नाम ही एकमात्र आधार है। जिस प्रकार कपटी कालनेमि को मारने में श्रीहनुमान जी समर्थ हैं, उसी प्रकार बुद्धिमान मनुष्य कलियुग में कालनेमि रूपी कपट को "राम" नाम से मारकर कपट-रहित हो जाते हैं. ©N S Yadav GoldMine #sad_qoute {Bolo Ji Radhey Radhey} 🔱🚩🎪 ॐ नमो भगवते वासुदेवाय :- नहिं कलि करम न भगति बिबेकू। राम नाम अवलंबन एकू॥ कालनेमि कलि कपट निधानू।
#sad_qoute {Bolo Ji Radhey Radhey} 🔱🚩🎪 ॐ नमो भगवते वासुदेवाय :- नहिं कलि करम न भगति बिबेकू। राम नाम अवलंबन एकू॥ कालनेमि कलि कपट निधानू।
read moreनिर्भय चौहान
a-person-standing-on-a-beach-at-sunset ये अजनबी से रास्ते अब अपने लगते हैं। ये देवदार तने हुए हैं जैसे प्रहरी हो प्रेम के। बर्फीली हवाओं में सिमटा जिस्म तेरे ख्वाब देख कर, कश्मीरी सिगरी की गर्माहट पा रहा है। ऐसे में तुमसे गुजारिश है कि न मत कहना। वरना डल झील के शिकारों पर मोहब्बत तनहा कैसे बैठेगी। या कौन पियेगा कहवा । चांदनी रात में श्वेत निर्मल पहाड़ पे चांद क्यों देखेगा कोई। जब तुम न होगी साथ उसे चिढ़ाने को। एक बेदाग हुस्न लिए धड़कनों का गीत हो जाना तुमने सीखा है कहां से पत्थर को मोम बनाना। कोई जादू है, तो हो मगर अच्छा लगता है। तुम,तुम्हारा साथ,और ये एहसास बस सच्चा लगता है। ऐसा लगता है कि अब फिर से सुबह हो रही है। ऐसा लगता है कि फिर से शाम सुकून लाई है। सहमी सहमी सी उम्मीदों को हौंसला मिल रहा है। जैसे नन्हे परिंदे को नया घोंसला मिल रहा है। सुबह शबनम की बूंद में जैसे तारे समाए हों, सुदूर अंधेरे सागर में किसी कश्ती पे बैठे मछुआरे ने दिया जलाया हो, अपनी तनहाई को बांटने के लिए। जैसे ऑफिस की एक चाय बांट लेती है , तुम्हारे साथ मेरी खुशी। मैं भी बांटना चाहता हूँ तुमसे जिंदगी अपनी। घर की दहलीज पे दिखता है मुझसे शुभ्र कलश। और तेरे पांव में महावर भी। खनकते कंगनों की बीच तेरे पायलों का गीत है, और तेरी छोटी सी नाक नहीं आती बीच में, जब अधर एकसार हो रहे होते है। मेरी आंखों पे तेरा चेहरा और मेरे घर के खुले दरवाजे पे परदा झूल गया है।। ©निर्भय चौहान #SunSet Vandan sharma katha(कथा) mahi singh करम गोरखपुरिया
#SunSet Vandan sharma katha(कथा) mahi singh करम गोरखपुरिया
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किस कदर बेखबर है वो मुझसे, एक साया है मगर साथ कब से। ढूंढने की कोशिश में उलझा हूँ, जाने कहाँ खो गई है वो हमसे। अरसा हुआ, उसके चेहरे पर मुस्कान, खिला नहीं कोई गुलाब भी कब से। सवालों का पिटारा है मेरे दिल में, पर पूछने की इजाजत नहीं उससे। नज़रों से सवाल कर जाती है, अब नज़र मिलती नहीं मेरी उससे। देखकर मेरे बगल से गुजर जाती है, सोचता हूँ, सजा दूँ बालों में गजरे। कैसी बेताबी है, उसे क्या ख़बर, देख ले इश्क़, जो मिल जाए नज़रे। किस कदर सब्र का चोला पहना, इसी हाल में जी रहा 'अभय' कब से। ©theABHAYSINGH_BIPIN किस कदर बेखबर है वो मुझसे, एक साया है मगर साथ कब से। ढूंढने की कोशिश में उलझा हूँ, जाने कहाँ खो गई है वो हमसे। अरसा हुआ, उसके चेहरे पर मुस
किस कदर बेखबर है वो मुझसे, एक साया है मगर साथ कब से। ढूंढने की कोशिश में उलझा हूँ, जाने कहाँ खो गई है वो हमसे। अरसा हुआ, उसके चेहरे पर मुस
read moreनवनीत ठाकुर
White जहाँ थम गई है ये दुनिया सारी, हम वहाँ से एक नया सफर बनाएंगे। खुदा के करम से ऐसी उड़ान होगी, आसमां के पार निशां छोड़ आएंगे। तेरे सवालों का जवाब देंगे वक्त से, आज नहीं तो कल तुझे दिखाएंगे। हमारे ख्वाब और इरादे इतने बुलंद, कि हर सितारे को छूकर आएंगे। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर जहाँ थम गई है ये दुनिया सारी, हम वहाँ से एक नया सफर बनाएंगे। खुदा के करम से ऐसी उड़ान होगी, आसमां के पार निशां छोड़ आएंगे। तेर
#नवनीतठाकुर जहाँ थम गई है ये दुनिया सारी, हम वहाँ से एक नया सफर बनाएंगे। खुदा के करम से ऐसी उड़ान होगी, आसमां के पार निशां छोड़ आएंगे। तेर
read moreBanarasi..
न छुपाओ नज़रे तुम मुझसे जानम।" 🌹 #nazm #hindipoetry #IndianLiterature #romanticnazm #LoveUnfolded #feelingsinwords #heartfeltpoetry UljhanA
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