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Shivam K Anand
मैं टूट कर जहाँ बिखर जाऊ काश वहाँ की हवा तेरे शहर जाती हो #wayward
Shivam K Anand
प्रेम रूपी वृत पर मैं स्पर्श रेखा मात्र हूँ जो केवल उसकी परिधि छु सकता है , उसके केन्द्र को नहीं #wayward
Shivam K Anand
चाँद , आता है हर रात मेरी खिड़की पे मुझसे बातें करने और मैं चुरा लेता हूं उसका एक छोटा सा हिस्सा हर बार और एक दिन होता है यूं कि पुरा चाँद होता है मुझमें जिसे लोग अमावस की रात कहते हैं । #wayward #moon
Shivam K Anand
चार दीवारी से बनें किसी मकान में जब श्वास लेता है प्रेम, बनते हैं कुछ रिश्ते, बुने जाते हैं कईं ख्वाब, कुछ के पुरे होने और कुछ टूट के जाने के लिये और लिखी जाती है इन यादों की जब एक किताब जिसे रखा जाता है सहेजकर किसी दराज में तब, तब वो चार दीवारी से बना मकान बन जाता है , घर। #wayward #home
Shivam K Anand
प्रेम के दो आखीर... "राधा और मीरा" दोनों ने प्रेम की दो परिभाषा स्थापित कि। एक कृष्ण कि आत्मा उसका गौरव है तो दूसरा कृष्ण कि भक्ति उसका संगीत, राधा बांसुरी कि धुन है तो मीरा उस धुन को सार्थक करने वाले बोल। कृष्ण कि छवि को सम्पूर्ण करने वाले दो पूरक। ये दोनो एक हीं होती तो क्या होता? प्रेम का स्तर क्या होता? #wayward #love #devine
Shivam K Anand
मेरे लिखे हर शब्द में तुम निहित हो, तुमने हीं तो दिये हैं ये सारे शब्द मुझे। मैं चाह कर भी तुम्हे अपने शब्दों से अलग नही कर सकता जैसे अलग नही किया जा सकता विज्ञान को आध्यात्म से #wayward #tum #quote
wayward tum quote
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वो- सुना है तुम प्रेम उधार देते हो मैं- हाँ, मगर ब्याज चक्रवृधि होगा #wayward #love #quote
Shivam K Anand
तुम गंगा की एक धारा सी , मैं बना किनारे घाट प्रिये क्षणभंगुर है अपना ये मिलन , फिर बिरह की बस रात प्रिये उस मिलन में कुछ. तुम कहना , कुछ सुन लेना मेरी बात प्रिये तुम गंगा की एक धारा सी , मैं बना किनारे घाट प्रिये तुम शीतल,निश्च्छल,पावन हो , मैं कठोर शब्द का भांन प्रिये तुम रुद्र भी हो शिव तांडव सा , मैं बस उस शिव का ध्यान प्रिये तुम गंगा की एक धारा सी , मैं बना किनारे घाट प्रिये हर सागर में है तुम्हारा घर , मेरा बस एक स्थान प्रिये तुम इन्द्रधनुष,तुममें जीवन , मैं मौंन,निशब्द,निष्प्राण प्रिये तुम गंगा की एक धारा सी , मैं बना किनारे घाट प्रिये #wayward #poem #love #time
wayward poem love time
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एक परिंदा है मेरे कमरे कि खिड़की पर, ना उड़ता है और ना हीं कमरे में आता है। पता नहीं चाहता क्या है। शायद , उलझा हुआ है समझ नहीं पा रहा , प्रेम में क्या सही है। रिहाई या फिर कैद हो जाना। #wayward #bird #love #freedom #prison