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Shadab "AAZMAISH"
#OpenPoetry मैं उसको क्या लिखूं, एक स्याह, स्याही लिख दूं? मैं बेवफ़ा लिखूं, या बाप की जाई लिख दूं? वो मुझको छोड़ गई, उसकी थी एक मजबूरी मैं उस मजबूरी को, एक लफ्ज़ में 'शादी' लिख दूं? شاداب آزمائش #स्याह
Rajesh Kumar
आज आसमान का रंग स्याह हो चला है। मानो कह रहा हो;जो जला है वही शमा है। फिक्र है तुझे तो दूर से ही दूरियों को देख क्योंकि सूरज नही तो समझ ले शाम हो चला है। #स्याह
Avinash Jha
मूक वो खड़ा देखता रहा लड़की वो जो दूर खड़ी थी अश्कों से वो डूबी पड़ी थी, तंग शायद वो भी अपने जीवन से थी पटरी पर तभी तो वो बढ़ रही थी, लड़ रहा था उसका अंतर्मन अब भी सामने मौत जो चली आ रही थी क़दम लड़खड़ा रहे थे उसके सांसों की इक्छा जाग्रित अब भी थी. परेशान वो ख़ुद भी हुआ था हैरान वो ख़ुद से हुआ पड़ा था मौत किसकी आज आनी थी, अंतर्द्वंद में फ़सा उसका मन बेचारा था रूबरू हो सच से मौका ये मिला था, देखने को सच खड़ा वो इंतेज़ार में धूल गई हसरतें उसकी एक पल में, झटके से सच छूट गया उसके हाथों से लौट गई लड़की देख सच को सामने से. ©avinashjha स्याह सच
Vikas Dhaundiyal
किसको आजकल इस बात की परवाह है कि ज़मीर किसका कितना हुआ स्याह है बस सबसे हीं ये मिलती सलाह है कि आँखें बंद रखो जहाँ देखो होता गुनाह है #स्याह #गुनाह
Divya Prakash Singh
कौन कहता है, कौन कहता है! तन्हा रहना मुश्किल है। हमनें तो स्याह राते भी तन्हा गुजारीं हैं॥ #NojotoQuote स्याह रातें #nojoto
Divya Prakash Singh
वो आये भी तो, पूर्णिमा के चाँद की चाँदनी की तरह। फिर अमावस्या की लंबी, अंधेरी रात छोड़ गये।। #NojotoQuote स्याह रातें #nojoto
Pramod Pandey
स्याह अंधेरी सी हवाओं की सहेली वो रात मुझे मिलती नहीं जिसके आग़ोश में दोनो बैठे बुझी -बुझी सी राख में इक चिंगारी धूंडा करते वो रात अब मुझे मिलती नहीं वो रात जिसके स्याह सन्नाटे में कुछ शब्द बुनते वहीं बैठे थे वो रात मुझे अब मिलती नहीं मैं खोजता हूँ ख़ुद को और ख़ुद में कहीं तुमको इस सफ़र में एक रश्मि बिंदु देखने की कोशिश करता दिन के उजाले चकाचौंध कर देते है छीन लेते है जुगनुओं का सारा प्रकाश भर देते हैं बेइंतहा न ख़त्म होने वाला शोर मै रात की तनहाइयों की गुफ़्तगू सोचता हूँ मै सोचता हूँ जुगनुओं का मद्धम आलोक स्याह का मौन मै जनता हूँ तुम्हें पाना शांत होना है चकचौध नहीं, व्यग्रता नहीं मुझे वो रात नहीं मिलती जिसके आग़ोश में दोनो बैठे….. ©Pramod Pandey स्याह मौन #citylights