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Stories related to poem on autumn season in hindi

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Varun Gowda

water problems in Summer season #Life

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Rina

इक _अल्फाज़@air

Anchal

#autumn #SAD

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Bhawana Pathak

#autumn

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qais majaz,pheonix

#autumn #Poetry

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Autumn दो कदम जो साथ आप चल गए हैं!
ज़िन्दगी के रंग ही बदल गए हैं!
महताब बनकर अंधेरों को निगल गए हैं!
इक अर्से से पथरीली थी राहें,
अब राह के पत्थर पिघल गए हैं!
खुशनुमा,खूबसूरत ये बहार ऐसे ना थी!
आज से पहले धड़कने बेकरार ऐसे ना थी!
मोहबत से नफरत की गिरी जो दिवार ऐसे ना थी!
साँसे ये मुश्क बार ऐसे ना थी!
बाम से चाँद का आज दीदार हो गया!
हर सितारा करता है इशारा
तुम्हें प्यार हो गया!
इश्क़ से रूह का श्रंगार हो गया!
आईने में अक्स मेरा रुख ए यार हो गया!
नाम उनका लिखा ही था फ़िर खुमार हो गया!
दबे लफ्ज़ो में इकरार हो गया!
रानाईयो का नूर वो हुआ के दिल मेरा खो गया!
क़ैस आज उनकी यादो में गिरफ्तार हो गया!
हिंदी में हो या उर्दू में नाम आने लगा है उनका गुफ़्तगू में!
पहलु में उनके लगता है हम हैं सुकूँ में!
उनकी तमन्ना उनका ज़िक्र हर आरज़ू में!

इस ज़िन्दगी के रंग बदले हैं
जबसे दो कदम आप साथ चले हैं

Khud se roz jhagadta tha
mai Pehle tere jaisa tha

किसे यकीं था फीकी ज़िन्दगी में रंग हो जाएंगे
जो जुदा थे कभी किसी रोज़ संग हो जाएंगे
आता नहीं यकीं मुझे हैरान है दिल भी
ऐसे मंज़र देख कर हम दंग हो जाएंगे

©qais majaz, आईना #autumn

qais majaz,pheonix

#autumn #SAD

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Autumn Itna jo aazma rahi hai duniya
Koyla zarur kohinoor banega

Kitni hi talkhiyo se
Rang ud gaye hai titliyo ke

Ae qais abhi aur imtehan se aguzarna hai tujhe.
In kaanto bhari rah pe chalkar hi ubharna hai tujhe
ज़िन्दगी ने ये कौन सा रंग दे दिया है
मांगे थे रंग मुकद्दर ने रंज दे दिया है

परवाने जल गए हैं बुझा हुआ दिया है
शायद किसी ने दुआ में कुछ कह दिया है

शाख से परिंदा उदास है
दिल में एक हूक है इक यास है
तिजोरी रह गई खज़ाने लुट गए हैं
शाख से गुल भी तो टूट गए हैं
हर सम्त ख़ाक ए ख्वाब का धुँआ है
फलक तक क्यों जाती नहीं दुआ है
उकता के ज़िन्दगी से ग़म अपना लिया ख़ुशी से
तन्हा ही रहा महफ़िल से कहा कुछ न किसी से
भंवर आए बहुत उतरा ही नहीं कश्ती से
जाने कहाँ गया गुमशुदा रहता है बस्ती से
हर कोई सुनाने उसे लगे
ज़हर भरे सारे निशांने उसे लगे
वो भी खुद को आज़मा गया
जब अपने आज़माने उसे लगे
क्या करोगे पढ़कर अफसुर्दा एक शायरी को
आबदीदा हो जाओगे जब कभी खोलोगे डायरी को
हैं उसी वीराने में कहीं रहता होगा तहखाने में
किसी ने कसर ना छोड़ी 
इस ज़माने में दिल को देहकाने में
अब रहने दो जाने भी दो
तुम्हारी आँखें भी भार आएँगी उसे मनाने में

©qais majaz, आईना #autumn

Punnu

Autumn ये जो "काश" है ना...
मेरी ज़िन्दगी इसी के आस पास
घूमती रहती है....
काश ये मिल जाता काश वो मिल जाता...
काश ये ना करती काश वो ना करती....
काश ऐसा ना हुआ होता काश वैसा ना हुआ होता....
सोच रही हूँ अपना नाम बदल कर "काश" रख लूँ

©Punnu #autumn

Gokul Sharma

#autumn #Poetry

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Shreya Rao

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