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Rit Pandey
देश एवं देश के लोगों के प्रति संवेदनशील होना ही, सबसे बड़ी आपदा का ' मरकज ' (केंद्र) हैं! मरकज
Amit Kumar
लोग नये साल में बहुत कुछ नया मांगेंगे 😍 पर मुझे तो वही आपका पुराना साथ चाहिए 👫 ❤ Happy new year 2020 #🎉Happy New Year Happy New year 2020 बिहार
KD Yadav
कभी इंसानो को कभी इंसानियत को मार देते हैं, झुककर सजदों में अपनों को ही मार देते हैं, किस पीर, अली या किसी आयात ने कहा है क्या? कत्ल करो, गर प्यार दिलों में जिंदा रहे तो खुदा भी जन्नत दान देते हैं...।। (मेरे अल्फ़ाज 07/04/2020) (✍️KD Yadav) #मरकज #जमाती
Dinesh Soni
पत्थर उनपर बरसाये तुमने, जो तुम्हे बचने आये थे उनसे कैसा धर्म निभाया तुमने जो धर्म निभाने आये थे खुदा के रहम को ठुकराकर जानते हो क्या चक गये बंदे भेजे उसने हिफाजत को तुम उन्ही पे थूक गये ये फरिश्ते तोह फिर आयेंगे, इनमे खुदाई जिन्दा है, पर तुम्हारे अमानवीय व्यव्हार से, आज इनसनियत शर्मिंदा हैं. ~दिनेश सोनी #मरकज #इंसानियत #जाहिल
spirituality_spilled_by_doctor
"हमारे तालीम़ी इरादे, तालीम़ी इरादे नही। करोबारी इरादे हैं।" #तालीमी इरादे-education system #nojoto#nojotoquotes
संगीत कुमार
मरकज क्या ये सर्कस है। कैसा ये हरकत है।। मानव के बीच दहस्त है। राष्ट्र के लिए ये नफरत है।। मरकज क्या ये सर्कस है ।।। जग शांत रहा मरकज विष फैला दिया। जग सोया था विष घोल दिया।। मरकज कैसा मरकज है ,लोगों के बीच नफरत है। मरकज क्या ये सर्कस है।। लोग दहशत से घर सोया था। मरकज ने दिल दहला दिया।। दिल्ली शासन क्या सोया था। मरकज मे जब लोग हुए सिरकत। मरकज क्या ये सर्कस है।। देश का दुश्मन क्यों बना। सब दूर से इक्ट्ठा क्यों हुआ।। जब लौकडाउन में सब घर बैठा था। सब लोग इक्ट्ठा क्यों हुआ।। मरकज क्या ये सर्कस है।।। मरकज क्या ये सर्कस है। कैसा ये हरकत है।। मानव के बीच दहस्त है। राष्ट्र के लिए ये नफरत है।। मरकज क्या ये सर्कस है ।।। जग शांत रहा मरकज
Rajesh Raana
माँ मुफ़लिसी ने क्या खूब तालिम हासिल करवाई है, छत नही थी , माँ ने तारे गिना , गिनती सिखाई है । - राजेश " राणा " © मुफलिसी की भी अपनी जिम्मेदारी थी । #maa #माता #तारे #तालीमी #माँ
Rajendra Kumar Ratnesh
बौद्ध , महावीर , अशोक की धरा पर , नालंदा , विक्रमशिला , राजगीर सा उपहार मिलेगा । गंगा , कोशी , कमला , सोन तट पर , भ्रमण को पूरा बिहार मिलेगा ।। कुंवर , राजेन्द्र , दिनकर की मिट्टी में, एक सभ्य व्यवहार मिलेगा । मधुर भाषा , वैदिक गाथा , गाते पूरा बिहार मिलेगा ।। खेतों में सोना , बागों में बिछौना , अन्न , पुष्प फलों का बौछार मिलेगा । पर्व त्योहारों में पकवान , मिष्ठान खाने को पूरा बिहार मिलेगा। पक्षियों का कलरव , चरवाहे सर्व , ललित गोधुली का बहार मिलेगा । पकड़ते मछुआरे , मछली सवेरे , डूबे - उफनते बाढ़ में बिहार मिलेगा। दर - दर भटकते , ठोकरें खाते , गरीब , युवा , बेरोजगार मिलेगा । अवसरों की आकांक्षा लिये , मुकाम पाने को पूरा बिहार मिलेगा। झुग्गी - झोपरियों में , शहर के गलियों में । भूखे , नशेड़ी , बिमार मिलेगा । चाह लिए जो आये मानवता की , जरुर उसे पूरा बिहार मिलेगा ।। -राजेंद्र कुमार मंडल रामविशनपुर , सुपौल, बिहार ©Rajendra Kumar Ratnesh बिहार