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हिंदुस्तानी
White बर्बाद होने के और भी रास्ते थे न जाने मुझे मोहब्बत का ही ख्याल क्यों आया ©Pyari si Aahat #ख्याल क्यों आया
#ख्याल क्यों आया
read moreShashi Bhushan Mishra
तूफ़ान बनके आया बंगाल में कहर, दिखता है तबाही में रीमाल का असर, उजड़ी है कई बस्ती उखड़े हजारों पेड़, कुदरत के सामने हुआ विज्ञान बेअसर, विकराल हवाएं थीं बारिश भी बेशुमार, आए हैं इसकी जद में देखो कई शहर, गर्मी से तप रहा है बेहाल हुआ जीवन, मौसम की त्रासदी से अवाम पुर-असर, लू की चपेट लील गई हैं कई जानें, यह नौतपा का रौद्र रूप कैसे हो बसर, हम कैद घरों में ही रहने को हुए बेबस, सुनसान पड़ी सड़कें गमगीन दोपहर, गुंजन थे बदनसीब सुबह देख ना सके, गर्दिश भरी रातों का होता नहीं सहर, ---शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज उ•प्र• ©Shashi Bhushan Mishra #तूफ़ान बनके आया#
SANJAY SAHA
White पहले के दिन अच्छे थे जब हम बच्चे थे साइकिल चलाकर घुमते थे सारा गांव रुकते थे वही पर जहां मिलें छाव पगडंडी के रास्ते से चलते थे रात को डायनोमो से लाईट जलाते थे । ©SANJAY SAHA #bike_wale कहा चले
#bike_wale कहा चले #शायरी
read moreहिमांशु Kulshreshtha
White मैने वक्त को कहा रुक जा उन लम्हों में जो कभी मेरे थे चल वापिस उन घड़ियों में जिन्हें फिर जीना चाहता हूं एक और जिंदगी... कुछ भूल सुधारनी है बिगड़ी बातें संवारनी है वक्त ने कहा.. एक चक्र है वक़्त कभी रुक नहीं पाता पर जो चाहो तुम तो, बस यादें दे सकता हूं वक्त बदल गया लोग बदल गए बस जो नहीं बदला तो वो है यादें....!! ©हिमांशु Kulshreshtha मैंने कहा...
मैंने कहा... #कविता
read moreहिमांशु Kulshreshtha
आया जो नूर हुस्न पे अदा आई, ग़ुरूर आया वफ़ा तो आयी नहीं आई पर्देदारियां हज़ारों आफ़तें ले कर उस पर ये शबाब आया....!! ©हिमांशु Kulshreshtha आया जो...
आया जो... #शायरी
read moreKUNWA SAY
White कहा से हुनर लेके आई बा दिला तोड़के follow kare ©KUNWA SAY #GoodMorning कहा से हुनर लेके आई बा दिला तोड़के
#GoodMorning कहा से हुनर लेके आई बा दिला तोड़के
read moreदक्ष आर्यन
वो जमाना खूब था उसमे थी खुशियाली दिखती पहले अख़बार बिकते थे अब बस खबरे बिकती झूठी वाली खबरों का झूठा सा मायाजाल है झूठ सहारे देश चले सच दिखता फटेहाल है अंधभक्तों की नगरी है और यहाँ का चौपट राजा है हर पांच साल बस यही रहे ये लोगो का तकाज़ा है रोजगार घटा महंगाई बढ़ी रूपया गिरता घड़ी घड़ी हर बार वोट के नाम पर जनता से होती धोखा धड़ी अब गाँव तक शहरों के नेताओं का लगाव आया है लगता मेरे शहर मे फिर से चुनाव आया है गरीब की टूटी थाली मे फिर से पुलाव आया है लगता है मेरे शहर मे फिर से चुनाव आया है ©दक्ष आर्यन #election लगता है मेरे शहर मे फिर से चुनाव आया है
#election लगता है मेरे शहर मे फिर से चुनाव आया है #मोटिवेशनल
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