Find the Latest Status about sandeep poonia from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, sandeep poonia.
samandar Speaks
Unsplash तुम आए और चले भी गए ,पल भर भी दीदार कर न सके मेरी जागी जागी आंखे थी,तुम भीड़ में ठीक से दिख न सके ये आना भी क्या आना था,ये पागल दिल बेकरार रहा मैं खुद ही रोती हंसती रही,तुमको न जरा एहसास रहा हसरत थी आंखों में रख लूं पर वक्त वफ़ा तो कर न सका तुम आए और चले भी गए ,पल भर भी दीदार कर न सके कल ही तो वादे कर के गए,कल ही दिखलाए थे सपने कल बच्चों से कुछ बातें की,अम्मा को हंसाए थे तुमने अब आज ये तुमको हो क्या गया,एक दिन भी करार कर ना सके तुम आए और चले भी गए ,पल भर भी दीदार कर न सके तुम आए और चले भी गए ,पल भर भी दीदार कर न सके मेरी जागी जागी आंखे थी,तुम भीड़ में ठीक से दिख न सके राजीव ©samandar Speaks #camping Satyaprem Upadhyay Internet Jockey Radhey Ray Sandeep L Guru Mukesh Poonia
#camping Satyaprem Upadhyay Internet Jockey Radhey Ray Sandeep L Guru Mukesh Poonia
read moresamandar Speaks
White Upon the soil where silent tears do fall, A hero stands, though mortal he no more. Manish, the name that echoes duty's call, In Rajauri's shadow, his valor soared. For freedom's light, he faced the darkest night, A beacon strong against the vile attack. His courage burned, a flame so fierce, so bright, A shield for kin, though he shall not turn back. O Gopalganj, your son now rests in peace, His sacrifice a tale the winds shall weave. Though grief does swell, let pride in hearts increase, For such a soul, this earth can scarce conceive. Though he departs, his legacy shall stay, A martyr's light to guide our destined way. ©samandar Speaks #sad_quotes Satyaprem Upadhyay Internet Jockey Mukesh Poonia Sandeep L Guru मनीष शर्मा
#sad_quotes Satyaprem Upadhyay Internet Jockey Mukesh Poonia Sandeep L Guru मनीष शर्मा
read moresamandar Speaks
she was... Upon the threshold stands her patient gaze, Her shadow stretched by sun's unyielding might, A beacon through the summer’s scorching haze, She waits for me, her heart my guiding light. Her sari clings, dampened by the day’s heat, Yet still she smiles, though weary from her chore, The noon’s harsh rays bow down before her feet, Her love transcends what time or toil can score. A jug of water rests within her hand, Cool respite offered as my steps draw near, No words are said, yet I can understand, In her soft eyes, a world of love appears. O mother, framed against the summer's glare, Your tender watch, no heat could e’er impair. ©samandar Speaks #lightning Radhey Ray Sandeep L Guru Satyaprem Upadhyay Mukesh Poonia Anant
#lightning Radhey Ray Sandeep L Guru Satyaprem Upadhyay Mukesh Poonia Anant
read moresamandar Speaks
Unsplash दीवारों पे आज भी निशान है गुजरे हुए लम्हों का, कुछ धुंधली सी तस्वीरें, कुछ खामोश कहकसों का। वो कागज की कश्तियां, बरसात के पानी में, वो हंसी के पल, जो छूट गए ज़िंदगानी में। स्कूल की वो गली, वो मैदान याद आता है, जहां ख्वाब बुनते थे, वो आसमान याद आता है। कभी लड़ते, कभी हंसते, और दोस्ती निभाते, आज उन चेहरों के साये भी गुमनाम नजर आते वो क्लास की खिड़की, जहां से बाहर झांकते थे, खुद के ख्वाबों में खोए, दुनिया को ताकते थे। आज भी लगता है, वो सब पल वहीं ठहर गए, और हम वक्त के साथ, न जाने कहां बिखर गए। गुजरी सड़कों पर चलना अब सपना सा लगता है, जहां हर मोड़ पर बचपन हमें अपना सा लगता है। पर वो साथी, वो ठिकाने, अब कहीं खो गए हैं, वो आवाजें, वो अफसाने, अब धुंधले हो गए हैं। चाहे जितना लौटूं, वो रास्ते नहीं मिलते, वो गलियां नहीं मिलती, वो किताबी बस्ते नहीं मिलते बस यादों का एक खजाना है, जो दिल में बसता है, और गुजरा हुआ हर पल, कहीं अंदर सिसकता है। वक्त की परछाइयों में ढूंढते हैं अपने साये, वो जगहें, वो लोग, जो कभी लौटकर ना आए। पर इस दिल के कोने में,उनका निशान बाकी है फिर से लौटेंगे हमराह ,उनका एहसास बाकी है राजीव ©samandar Speaks #camping Radhey Ray Sandeep L Guru Satyaprem Upadhyay Mukesh Poonia मनीष शर्मा
#camping Radhey Ray Sandeep L Guru Satyaprem Upadhyay Mukesh Poonia मनीष शर्मा
read moresamandar Speaks
Unsplash रिश्तों की डोर उलझे, तो टूट जाती है, जुड़ने का फ़न यहाँ किसे आता है? हर शख़्स यहाँ अपने ग़म में डूबा है, दूसरे के दर्द को कौन सहलाता है? मुलाक़ातें अब चेहरों तक सीमित हैं, दिल का रास्ता कोई कहां बनाता है? वादे क़समें सब बातें लगती हैं झूठी, रिश्ता निभाने का वक़्त कौन लाता है? जो सबसे क़रीब था जहां से दूर हो गया, यादों के साये से आदमी दिल बहलाता है। राजीव ©samandar Speaks #Book Radhey Ray Satyaprem Upadhyay Sandeep L Guru Mukesh Poonia मनीष शर्मा
#Book Radhey Ray Satyaprem Upadhyay Sandeep L Guru Mukesh Poonia मनीष शर्मा
read moresamandar Speaks
White मेरी माँ मेरी यादों के चिलमन में आज भी मेरी माँ है, मुझमें ज़िंदा हर पहलू में शामिल मेरी माँ है। रातभर चाँद से गुफ़्तगू करती रोज़, ये मेरी आंखें अब भी रोशन मेरी आंखों में रहती, मेरी माँ है। ढूँढ़ता हूँ उसे मै फ़ज़ा के रास्तों पर हर नई सुबह का पहली तारीख, मेरी माँ है। मेरे कतरे कतरे देते झलकी उसके इल्म की, मेरी घर के हर कोने में दिखती, मेरी माँ है। छोड़ ग़ई है दूर मुझे गुमनाम सी मंजिल पर पर आज भी उसकी आहट कहती,मेरी माँ है। राजीव । ©samandar Speaks #sad_dp Mukesh Poonia Radhey Ray मनीष शर्मा Sandeep L Guru bewakoof
#sad_dp Mukesh Poonia Radhey Ray मनीष शर्मा Sandeep L Guru bewakoof
read moresamandar Speaks
White चलो लौट कर फिर से अपने गांव को गांव बनाते हैं, कभी बरगद तो कभी नीम की छांव को फिर सजाते हैं। जहां सुबह की पहली किरण मिट्टी को महकाती थी, शाम को गांव की गालियां खूब संग संग शोर मचाती थीं चलो फिर से यादों का सुंदर चौपाल सजाते हैं, चलो टीम टीम तारों संग सपने नए सजाते हैं जहां बैलगाड़ी की चर चर इक,नई धून सजाती थी, खेतों कि परछाई हर दिन नया सवेरा लाती थी। चलो लौट कर माटी से फिर नाता वहीं बनाते हैं, चलो उम्मीदों के आंगन में दीए वहीं जलाते हैं नदी किनारे ठंडा पानी कल कल अब भी बहता है पगडंडी का कंकड़ अब भी ठोकर निहारा करता है चलो फिर से पत्थर संग ठोकर का खेल रचाते हैं खिली हुई सरसों के संग मधुमास फिर लाते हैं मंदिर के घंटे की आहट से अंगड़ाई ले उठते थे घर दुआर के राहों पे बेखौफ लड़ाई करते थे चलो लौट कर सन्नाटे को गांव से छोड़ के आते हैं, फिर गायों को घुमाते हैं और लंबी दौड़ लगाते हैं, वहां पेड़ हमारे साथी थे, और आसमान भी अपना था, तोते, कुत्ते,भालू,बंदर खेल तमाशा अपना था कभी नीम तो कभी बरगद की छांव वहीं बनाते हैं, चलो लौट कर फिर से अपने गांव को गांव बनाते हैं। राजीव ©samandar Speaks #love_shayari Satyaprem Upadhyay Mukesh Poonia Radhey Ray मनीष शर्मा Sandeep L Guru
#love_shayari Satyaprem Upadhyay Mukesh Poonia Radhey Ray मनीष शर्मा Sandeep L Guru
read moresamandar Speaks
Unsplash आईना मुझसे मेरे वक़्त का हिसाब मांगता है, अक्स पे बेजान अदावत का जवाब मांगता है। धूल चेहरे पे, या ख़्वाबों में भटकती है कहीं, हर परत मुझसे छुपे राज़ का नक़ाब मांगता है। वो जो गुज़रा है कभी ख़्वाब सा लम्हा बनकर, अब वही बीते हुए लम्हों का हिसाब मांगता है। जिनको देखा था ख़ुदा का ही करम समझ कर, वो मेरा टूटता ईमान बेहिसाब मांगता है। आईने के उस पार मैं भी कहीं ग़ुम सा हूँ, और वो मुझसे मेरी रौशन किताब मांगता है। सोचता हूँ कि ये आवाज़ है दिल की या वक़्त, हर सदा जैसे मुक़द्दर का मिज़ाज मांगता है। ख़ुद को पहचान सकूँ, इतनी भी मोहलत दे दे, ये जहाँ मुझसे हर एक हाल का जवाब मांगता है। Rajeev ©samandar Speaks #library Mukesh Poonia Anant Radhey Ray Sandeep L Guru bewakoof
#library Mukesh Poonia Anant Radhey Ray Sandeep L Guru bewakoof
read moresamandar Speaks
करेले पुकार, गूंजे रोज चीत्कार हमनी के दुख से बचाव मोरे लोगवा। बंग जमिनिया पे, जिंनगी जहर भइल, कबले पीड़ा के सीही बंद रखी होठवा। जलल मंदिरवा, टूटल घर-दुवारवा नयन से बहे रोज खून के ई धारवा धरम के बेटवा बंधुवा त बनी गइल, कब सुध लीही, अब दुनिया जहाँनवा छिन गइलन सपना, टूट गइलन आस सारा, खूनवा से रंगल जाता मोर इतिहासवा कबले असही चुप रहब,कबले ई दुख सहब आंखी खोल विश्व बंधु,देख चित्कारवा हमनि का रोवतानी, तोहरो जगावती बानी इंसानियत के दियरी झूठहि जरावत बानी एकता के अलख कैसे मुर्दाघाटे लेके बढ़ी पल पल बेटी सब के आगी में जरावत बानी करे ले पुकार, गूंजे रोज चीत्कार, धरम के दीप जलाव मोरे लोगवा। बंग जमिनिया पे, हरियाली फेर लेके आव दुख के ई बदरी हटाव मोरे लोगवा। राजीव ©samandar Speaks Radhey Ray Internet Jockey Mukesh Poonia Samima Khatun Sandeep L Guru Hinduism
Radhey Ray Internet Jockey Mukesh Poonia Samima Khatun Sandeep L Guru Hinduism
read moreMan ki baat
Rakesh Srivastava Mukesh Poonia Krisswrites Sandeep L Guru #MR.India success मोटिवेशनल कोट्स
read more