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Parasram Arora
White लिखने को मेरे पास बहूत कुछ था लेकिन क्या करता मेरी कलम को गवारा नही था ©Parasram Arora कलम क़ी विवशता
कलम क़ी विवशता
read moreParasram Arora
White ज़िंदगी क़ी रोजमर्रा क़ी सलामती के लिए हमने मदद क़ी उम्मीद से कई सरमायेदारों के घरपे दस्तक दीं थी लेकिन हर बार खाली हाथ लौटना पढ़ा हमें इस हिदायत औऱ दुत्कार के साथ"आगे बडो ' ©Parasram Arora "आहे बडो '
"आहे बडो '
read moreRajni Vijay singla
ए खुदा तेरी खिदमत मे मेरी कलम है मेहरबानी ! आसमा वाले तू और मैं ही हूं वरना कलम का भी कोई दावेदार आ जाता ©Rajni Vijay singla तू और तेरी कलम
तू और तेरी कलम
read moreGeetkar Niraj
White दिल टूटने पर हमनें, कलम उठा लिया। उठता हथियार तो नजारा कुछ और होता मेरी जान। ©Geetkar Niraj #sad_qoute #geetkarniraj #sad_shayari #हथियार #कलम
#sad_qoute #geetkarniraj #sad_shayari #हथियार #कलम
read moreroyal_shetkari
Unsplash बाप माझा शेतकरी जगाचा कैवारी ढग येई वारा येई 🌱 काय करील तो बिचारी सांगा तुम्ही कसा आहे दिनदूबळा शेतकरी 🌽 ©royal_shetkari #leafbook बाप माझा शेतकरी जगाचा कैवारी ढग येई वारा येई 🌱 काय करील तो बिचारी सांगा तुम्ही कसा आहे दिनदूबळा शेतकरी 🌽
#leafbook बाप माझा शेतकरी जगाचा कैवारी ढग येई वारा येई 🌱 काय करील तो बिचारी सांगा तुम्ही कसा आहे दिनदूबळा शेतकरी 🌽
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Unsplash गंध मातीचा आता पुरता गुदमरला आहे चिखल होऊन त्याचा शेतकरी रूतला आहे पीकाचं सोनं होता होता राहीलं सर्वत्र कुजका खच पडला आहे 🌾 आली दसरा दिवाळी तरीही पावसानं सांगता घेण्यास नकार दिला आहे दारी तोरणं कसं लावू ह्या विवंचनेत बळीराजा ग्रासला आहे 🌱 पुढचं पीकं घेण्याआधी जमीन सुकलं का..ह्या विचारात पडला आहे ©royal_shetkari गंध मातीचा आता पुरता गुदमरला आहे चिखल होऊन त्याचा शेतकरी रूतला आहे पीकाचं सोनं होता होता राहीलं सर्वत्र कुजका खच पडला आहे 🌾 आली दसरा दिवाळी
गंध मातीचा आता पुरता गुदमरला आहे चिखल होऊन त्याचा शेतकरी रूतला आहे पीकाचं सोनं होता होता राहीलं सर्वत्र कुजका खच पडला आहे 🌾 आली दसरा दिवाळी
read moreलेखक 01Chauhan1
पहली मोहब्बत की वो बातें..... हम तुम जब मिले थे पहली बार याद है हमें वो है एक पुरानी बात छुप-छुपकर तुम्हें देखना वो हसीन ख्वाब वो पास हो कर भी दुर थे कितनी हसीन भी वो पहली मुलाक़ात कहने से हम भी थोड़े थे हिचकिचाते उसे खोने से हम भी तो डर जाते दिल को हमने अब तक है संभले पहली मोहब्बत की वो बातें..... नजरें मिलते-जुलते थे हम दोनों के आस-पास बैठ जाते हम भी कभी जाके दोनों का मिलने-जुलने का ही वक्त होता था हमें देख कर वो पलकें झुकाए करते थे कई सालों तक हम दोनों साथ-साथ रहें उस के नाम हमने हरके पन्ने पर लिखें उस के लिखें नाम आज भी मौजूद है वो पेड़ अब तक कटे नहीं है पहली मोहब्बत की वो बातें.... मैंने उसे फिर से खोजना चाहा पा लूं एक बार उस की झलक इतना चाहा सब जगह तलाश की उस की मौजूदगी फिर एक दिन मिली उस की सहेली हमें वो शायद पहचान नहीं पाई उस के भाई के साथ हमने कभी वक्त बिताई नाम ही केवल याद है जो फिर मिलेंगे नहीं पहली मोहब्बत की वो बातें...... ©लेखक 01Chauhan1 मेरी कलम
मेरी कलम
read moreअनिल कसेर "उजाला"
Unsplash कलम की बात निराली है, तंगहाल में भी दिवाली है। धन-दौलत से क्या करना, ग़मों को करती खाली है। सुख से जो हैं सूख जाते, लाती उनमें हरियाली है। भूली-बिसरी यादों की ये, करती सदा रखवाली है। दुख-दर्द की फसल काट के, जीवन में भरती ख़ुशहाली है। ©अनिल कसेर "उजाला" #Book कलम
#Book कलम
read moreGhumnam Gautam
कभी ये नाव जैसी हैं, कभी पतवार जैसी हैं किनारा हैं कभी ये और कभी मझधार जैसी हैं इन्हें बस खेलने का तुम कोई सामान मत समझो कलम-सी लड़कियाँ ये सब खुली तलवार जैसी हैं ©Ghumnam Gautam #लड़कियाँ #कलम #तलवार #ghumnamgautam
#लड़कियाँ #कलम #तलवार #ghumnamgautam
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