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gaTTubaba
words...... लगा था उसको खोकर आया हूँ तबसे खुदको भी खोकर आया हूँ आइना तोड़कर आया हूँ या आँखें छोड़कर आया हूँ कागज़ कमाकर लाया हूँ या जेब गँवाकर आया हूँ मोती लेकर आया हूँ या समंदर देकर आया हूँ ©gaTTubaba words...... लगा था उसको खोकर आया हूँ तबसे खुदको भी खोकर आया हूँ आइना तोड़कर आया हूँ या आँखें छोड़कर आया हूँ
words...... लगा था उसको खोकर आया हूँ तबसे खुदको भी खोकर आया हूँ आइना तोड़कर आया हूँ या आँखें छोड़कर आया हूँ
read moreSumitGaurav2005
White मुस्कान से अपनी करता हूँ किल। स्माइल से ही जीत लेता हूँ दिल। इसे एटीट्यूड इगो ना समझना, ये है अपना ओरिजिनल स्टाइल! ✍🏻सुमित मानधना 'गौरव'😎 ©SumitGaurav2005 मुस्कान से अपनी करता हूँ किल। स्माइल से ही जीत लेता हूँ दिल। इसे एटीट्यूड इगो ना समझना, ये है अपना ओरिजिनल स्टाइल! ✍🏻सुमित मानधना 'गौरव'😎 #S
मुस्कान से अपनी करता हूँ किल। स्माइल से ही जीत लेता हूँ दिल। इसे एटीट्यूड इगो ना समझना, ये है अपना ओरिजिनल स्टाइल! ✍🏻सुमित मानधना 'गौरव'😎 S
read moreTARUN KUMAR VIMAL
White मै मलतब से दोस्ती नहीं रखता, बस दोस्ती से मतलब रखता हूँ ©TARUN KUMAR VIMAL #Thinking मै मलतब से दोस्ती नहीं रखता, दोस्ती से मतलब रखता हूँ #feiendship #frindship #friends #tarun_kumar_vimal #tarunkumarvimal
#Thinking मै मलतब से दोस्ती नहीं रखता, दोस्ती से मतलब रखता हूँ #feiendship #frindship #friends #tarun_kumar_vimal #tarunkumarvimal
read moreHarsh Dubey
White एल्बम से, डायरी से, ग़ज़ल से व याद से बे दख़्ल कर रहा हूँ तुम्हें जायदाद से मिक़दार को बढ़ाने में मे यार गिर गया लज़्ज़त ख़राब हो गयी फ़स्लों की, खाद से हम में जो रब्त था वो बहुत दर्दनाक था होता है जैसे ज़ख़्म का रिश्ता मवाद से मैं वो हूँ जिसका क़र्ज़ से होता गुज़र बसर तुम वो हो जिसका काम चले हैं मफ़ाद से अपनी मुराद होगी किसी और की हयात हम देखते रहेंगे खड़े ना - मुराद से मातम मना रहे हैं यहाँ शाइरी से हम ढांढस बंधा रहे हैं हमें लोग दाद से ©Harsh Dubey एल्बम से, डायरी से, ग़ज़ल से व याद से , बे दख़्ल कर रहा हूँ तुम्हें जायदाद से !! urdu poetry love poetry for her sad urdu poetry hindi poet
एल्बम से, डायरी से, ग़ज़ल से व याद से , बे दख़्ल कर रहा हूँ तुम्हें जायदाद से !! urdu poetry love poetry for her sad urdu poetry hindi poet
read moreAnukaran
White बदला नहीं हूँ, बस थोड़ा सहम गया हूँ, रुका नहीं हूँ, बस थोड़ा थक गया हूँ। continue... ©Anukaran #Thinking बदला नहीं हूँ, बस थोड़ा सहम गया हूँ, रुका नहीं हूँ, बस थोड़ा थक गया हूँ। continue...
#Thinking बदला नहीं हूँ, बस थोड़ा सहम गया हूँ, रुका नहीं हूँ, बस थोड़ा थक गया हूँ। continue...
read moreF M POETRY
White जब भी लगता है चाँद को देखूँ.. तेरे चेहरे को देख लेता हूँ.. यूसुफ़ आर खान.... ©F M POETRY #तेरे चेहरे को देख लेता हूँ...
#तेरे चेहरे को देख लेता हूँ...
read moreनवनीत ठाकुर
सूरज हूँ, हर शाम ढलता ज़रूर हूँ, पर हर सुबह फिर से जलता ज़रूर हूँ। जितनी बार गिरा हूँ, उतनी बार सीखा हूँ, हर चोट ने मुझे और सशक्त किया, ज़रूर हूँ। राहें कांटों से भरी हों, फिर भी चलता हूँ, तक़दीर खुद की बदलता ज़रूर हूँ। दूरियाँ चाहे जितनी बढ़ें मुझसे, वो मेरी मंज़िल, फिर भी मेरे कदमों तक पहुँचता ज़रूर हूँ। लहरों से डरकर मैं किनारे नहीं बैठता, तूफ़ान से भी टकराता ज़रूर हूँ। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर सूरज हूँ, हर शाम ढलता ज़रूर हूँ, पर हर सुबह फिर से जलता ज़रूर हूँ। जितनी बार गिरा हूँ, उतनी बार सीखा हूँ, हर चोट ने मुझे और सश
#नवनीतठाकुर सूरज हूँ, हर शाम ढलता ज़रूर हूँ, पर हर सुबह फिर से जलता ज़रूर हूँ। जितनी बार गिरा हूँ, उतनी बार सीखा हूँ, हर चोट ने मुझे और सश
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