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Tripti varma
White एक पक्षी 🐦भी अपने बच्चे🐥 को तब तक ही दाना🍡 लेकर देता है जब तक बच्चे 🐥के पंख न निकल आए हों पंख आते ही पक्षी अपने बच्चों को उड़ना🕊️ सीखा देती है । 🤷 ©Tripti varma #जीवन की सीख
HARSH369
इस मन कि व्यथा किसे सुनाऊं कोई साथ नही मेरे सुनने को..! इस मन कि व्यथा..! सीधा हूं भोला हूं, प्यारा हूं, जग से न्यारा हूं ना नौकरी है, ना ही कोई रोजगार है, अपने आप से ही हारा हूं.. इस मन कि व्यथा..! कोई प्रेम से पुकारने वाला नही, कोई प्यार करने वाला नही, हर रूह मे मेरे लिये कोई जगह नही तपस्या मे बैठा हूं किसी ने ढंग से पुकारा नही, इस मन कि व्यथा..किसे सुनाऊं कोई समझने वाला नही..!! ©HARSH369 #मन की व्यथा
HARSH369
मन कि व्यथा मन ही जाने, ना तुम जान सको न मैं जानू क्या मन करवाये क्यू करवाये ये मन ना तुम जान सको ना हि मैं जानू.. बेधड़क बोलता हूं,बेखौफ बोलता हूं रिस्तो के बन्धन को कान्टों पर तोलता हूं जिसके पास जितना पैसा, उसी कि सरकार है बाकि बेकारो के लिये बेकार परिवार है,..! बाकि ये सब क्यूं बनाया भगवान ने ना तुम जान सके ना हि मैं जानू..! मन की व्यथा..मन हि जाने..!! ©SHI.V.A 369 #मन की व्यथा..!! #कविता मन की
Nirmal Choudhary
जीवन में कभी हार मत माने आखिर तक उम्मीद लगाए रखो खुद से सफलता तुम्हारे पीछे खुद आएगी ©Nirmal Choudhary जीवन की सच्चाई
Alok Verma "" Rajvansh "Rasik" ""
जीवन की अंतिम इच्छा का, परित्याग करूं मैं क्या, इस पावन धरा पर मैं भी, आज अंतिम पग धारू मैं क्या, हृदय गति है मध्यम मध्यम, ऐसी भयानक पीड़ा में, शूल धसा हृदय प्रीत में, अमृत पीकर करूं मैं क्या जीवन की अंतिम इच्छा का, परित्याग करूं मैं ........! जीवन की अन्तिम......!
Pragya Amrit
मुस्कान रहे तो नसीब में, तस्वीरों में सब मुस्काते। दिलबर रहे तो करीब में, पीरों में वो कब हर्षाते।। #व्यथा
BS NEGI
निज मन की मौन व्यथायें भी मसिपथ पर भारी पड़ती हैं । अनकही वेदना निर्धन की आ कभी सृजन से लड़ती हैं। ©BS NEGI मौन व्यथा
मुसाफिर
प्रेम की परिभाषा प्रेम ज्यादतर एक तरफा होता है, अगर प्रेम दो तरफा हो तो, वह संसार की सबसे खुबसूरत पल या कहें तो जीवन में मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है। ज्यादातर साहित्यकार का मानना है कि प्रेम की शुरूआत दो तरफा ही होती है, ओर एक तरफा प्रेम कुछ होता ही नहीं है प्रेम दोनों तरफा हमेशा होता है किसी में कम किसी में ज्यादा, कोई स्वतंत्र तो कोई बंदिश में रहता है। कृष्ण और राधा का प्रेम के बारे में सब जानते है, लेकिन उनका प्रेम अद्भुत, सार्वकालिक था, और है भी। एक समय जब कृष्ण राधा को छोड़ कर जा रहें थे, तो कृष्ण ने रोते रोते कहाँ कि हे राधे! मैं तेरा अपराधी हूं क्योंकि मैं जा रहा हूं। तब राधा ने मुस्कुरा कर कहाँ कि जा रहें हो कोई बात नहीं। तब कृष्ण ने अपनी बंसी जिससे सबसे ज्यादा प्रेम करते थे उन्होंने उठाकर उसे राधा को दे दिया। राधा ने पुछा क्यों? तो कृष्ण ने कहाँ कि यह हमारे तुम्हरे रिश्ते की पहचान है। राधा ने पुछा इसका मैं इसका क्या करूंगी, तब कृष्ण ने कहाँ कि जब तुम्हें मेरी याद आए तो इसको बजा देना, मैं आ जाऊंगा। तब राधा ने कहाँ कि यह बांसुरी कभी नहीं बजेगी। कृष्ण ने पुछा क्यों? तब राधा ने कहाँ कि तुमने कहाँ जब याद आयेगी तब बजा लेना, लेकिन याद उसको किया जाता है जिसको कभी भुला हो ओर मैं तुमको एक पल, एक क्षण भी भुल नहीं सकती, तो याद आने का कोई सवाल ही नहीं उठता है ओर यह बांसुरी कभी नहीं बजेंगी। ©मुसाफिर #जीवन की सीख