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Shaliny Bhaskar
White आहत हृदय की व्यथा को कैसे कहें।। हंसे जो जोर से,तो पीड़ा होती है जोर जोर की ।। ©Shaliny Bhaskar व्यथा #
व्यथा #
read morePRITI Choudhary
White इस दुनिया मे कोई अपना और पराया नहीं मेरे भाई सब आपके सोच के ऊपर निर्भर करता हैं कि आप किसे क्या समझते हैं ©Biraj Choudhary #Sad_Status जीवन की सच्चाई यही है दोस्त
#Sad_Status जीवन की सच्चाई यही है दोस्त
read moreShekhar Yadav
घर से निकलो, दुनिया देखो, क्यूँ फसे हो राहगीरों में, त्यागो और सत्य अहिंसा को पहचानो । ©Shekhar Yadav जीवन की खोज??
जीवन की खोज??
read moreShekhar Yadav
shekhar yadav ©Shekhar Yadav नारी का वर्तमान इस्थिति!
नारी का वर्तमान इस्थिति!
read morePraveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी हालातो का ठीकरा हम लक के हवाले छोड़ देते है सफलता हमारे खुद की होती असफलता रव के हवाले छोड़ देते है बहकाते रहते ज्योतिष ग्रहों की चाल को जीवन से जोड़ देते है हाथों की लकीरो को पढ़ कर उपायों की फेरिस्ट खड़ी कर देते है संकेतो का है ये विज्ञान डराकर,दुविधाओं में फंसा कर जातक को आतंकित करते रहते है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #HandsOn ग्रहों की चाल को जीवन से जोड़ देते है
#HandsOn ग्रहों की चाल को जीवन से जोड़ देते है
read moreGovind Dendor
Unsplash जीवन की एक सच्चाई ये भी है तुम्हारी बुराई वही करेगा जिसको तुमने भला किया होगा।।🫀 ©Govind Dendor #snow जीवन की यही सच्चाई है
#snow जीवन की यही सच्चाई है
read moreAbhilasha Pandey
Unsplash दो अलग अलग आत्माओं की एकल व्यथा को जानकर समझने के प्रयास में अवलोकित करने पर, मुझे लगा कि संसार में अधिकतर दुख एक से हैं उन्हें सौपने वालों की अवस्था उन्हें सहकर पुन: किसी में स्थानांतरित कर देने वालों की अवस्था के समानुपाती है,, _अभिलाषा "स्नेह" .. ©Abhilasha Pandey #एकल व्यथा
#एकल व्यथा
read moreSatish Kumar Meena
a-person-standing-on-a-beach-at-sunset जीवन की कीमत पहचानो,, बिन कारण कोई नहीं खोता।। सोना चांदी और पैसे से, जीवन का तौल नहीं होता। ©Satish Kumar Meena जीवन की कीमत
जीवन की कीमत
read morePraveen Jain "पल्लव"
a-person-standing-on-a-beach-at-sunset पल्लव की डायरी बस्तुओं के साथ साथ कीमत अपनी सब आँक रहे है कर्तव्यों की कुर्बानी देकर लाभ हानि का गणित लगा रहे है रिश्ते सब स्वाहा हो गये इस बाजारवाद के दौर में घुटन भरी है सुबह और शाम अवसाद में सब जा रहे है हद हो गयी पागलपन की धनकुबेर बनकर भी उत्साह उमंग जीवन में नही पा रहे है अपनेपन की चाहत ही दिलो को जिंदा रखती है एक दुसरो पर मर मिटने से ही बगिया जीवन की खिलती है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #SunSet बगिया जीवन की खिलती है
#SunSet बगिया जीवन की खिलती है
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