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Waris pilibhiti
धरती तो चूहे खोदते हैं मुझे तो आसमान फाड़ना है ये खड़ा तेरे सामने तेरा बाप उखाड़ ले क्या उखाड़ना है. Mohd Waris Ansari क्या उखाड़ना है
gulshan yadav
Pankaj Nishad
writer ar official
गुस्सा गुस्सा कह कर और गुस्सा ना दिलाओ मुझको मै खुद जनता हूं , अच्छे बुरे का फ़र्क ना बताओ मुझको और बेटा तेरेको जो उखाड़ना है उखाड़ ले ले तेरे सामने खड़ा हूं, हिम्मत है तो हाथलगाओ मुझको गुस्सा गुस्सा कह कर और गुस्सा ना दिलाओ मुझको मै खुद जनता हूं , अच्छे बुरे का फ़र्क ना बताओ मुझको और बेटा तेरेको जो उखाड़ना है उखाड़ ले ले त
Shyam Pratap Singh
गर तू खंजर उठाएगा तो उस खंजर को तोड़ देंगे हम। फौलादी ये जिगरा है आंखे दिखाई तो फोड़ देंगे हम।। कभी एहसास तुझे ना होगा जो तेरा अंजाम होगा। कब्र खुदेगी तेरी और तू लाश पड़ा शमशान होगा।। तेरी हर कथनी करनी का अब कहर तुझी पर ढाएगा। अब पीओके में अपना तिरंगा लहर लहर लहराएगा।। तू जन्नत का दीदार करेगा तो जन्नत भी पहुंचा देंगे। मौत भी सुन कर कांप उठे ये मन्नत भी पहुंचा देंगे।। मौत भी तेरी कांप उठेगी कान खोलकर सुन लो तुम। मौत बुलाती है अब तुमको कब्रगाह को चुन लो तुम।। ©Kavi Shyam Pratap Singh आतंकवाद को खुली चुनौती .... जो उखाड़ना है उखाड़ ले .... जिस दिन हम भारतवासियों ने तुझे उखाड़ा ,,, तो सूखे पत्ते भी नहीं उगेंगे ..... 🇮🇳🇮🇳🇮🇳
ehsanphilosopher
वो कहते है -- आज़ादी की लड़ाई में होते तो उखाड़ लेते। हम कहते हैं -- अभी उखाड़ के दिखाइए - गरीबी,लालच, क्रुरता... को। उखाड़ना
अशेष_शून्य
.....!! जो जनता पोषित करने वाली सत्ता को पोषित करना जानती है । उसे "लोकतंत्र" की दी हुई उस शक्ति को याद रखना चाहिए ; जो शोषित करने वाली सत्ता
मुखौटा A HIDDEN FEELINGS * अंकूर *
Maa MY FIRST poetry on MOM HOPE YOU LIKE माँ क्या है? माँ नूर है,हूर है माँ बेटे का गुरूर है। माँ दीप है,रूप है,धूप है। माँ नदी है,रती है सती है। माँ मन है,धून है, जूनून है। माँ दूर है,पास है,एहसास है। माँ अस्ल है,नस्ल है,वस्ल है। माँ प्यार है,व्यवहार है,संसार है। माँ सागर है,साहिल है,सैलाब है। माँ मंजिल है,रास्ता है,वास्ता है। माँ दौलत है,हसरत है,इनायत है। माँ चाहत है,आदत है,मोहब्बत है। माँ इबादत है,इज्ज़त है,इजाजत है। माँ सजदा है,मेहताब है,आफताब है। माँ अभेद्य है,अखंड है,प्रचंड है। माँ शब्द का अंत नही, माँ तो अनंत है। ~अंकुर (Dear Comrade) माँ क्या है? माँ नूर है,हूर है माँ बेटे का गुरूर है। माँ दीप है,रूप है,धूप है। माँ नदी है,रती है सती है। माँ मन है,धून है, जूनून है। माँ द