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बुद्धराज गवळी

#दिल की खल

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उन्हे हमारी मोहब्बत
समझ नहीं आती
और हमे इजहार 
करना नहीं आता
साथ तो रहते है हम
इक दुसरे के दिल का
हम ढूंडते है पता.....

बुद्धराज गवळी #दिल की खल

Sankalp Shukla{योगी}

एक जख्म है जो खल रहा......... #कविता

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एक जख्म है, जो खल रहा ।
एक  दर्द  मुझ में  पल  रहा ।
ख्वाइशों की अर्थी पर लेटा ।
मेरा दिल अकेला ,जल रहा ।

ना किसी ने,चीखें सुनी और ।
ना ही कोई ,,नजदीक आया ।
कहने को ,,सब  साथ थे पर ।
मैं कब से ,,अकेला चल रहा ।

किससे करते हम शिकायत ।
सब तकदीर का ये खेल था ।
जिसको पूजा भगवान जैसे ।
जब वो ही मुझको छल रहा । एक जख्म है जो खल रहा.........

Mahi Walmiki

समुंद्र को ये बात खल गई #शायरी

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H.s

माना मेरी कमी खल रही होगी ........

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माना मेरी कमी खल रही होगी ...लेकिन मेरे फरजो से ज्यादा इंपॉर्टेंट न थी तेरी होली !!
happy holi माना मेरी कमी खल रही होगी ........

Sachin Ratnaparkhe

तेरी कमी सी खल रही है। #lastqouteof2019

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2020 में जाते-जाते इतना ही कहूंगा,
अगर 'तुम' साथ चलती तो अच्छा रहता।

अलविदा 2019👋👋 तेरी कमी सी खल रही है।

#lastqouteof2019

ADARSH SAHU

आदमी को स्वयं खल रहा है आदमी

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"आदमी को स्वयं खल रहा है आदमी"

आदमी को स्वयं खल रहा है आदमी।
बिन  जलाएं स्वयं जल रहा है आदमी॥

चाहु ओर घेरे निराशा पड़ी है।
जीवन में आई ये कैसी घड़ी है? 
सभी को सभी सुख चुभ रहा है।
 कोई किसी का भी दिखता नहीं है।।
हर तरफ दिल में है अब  आगजनी़।
आदमी को स्वयं खल रहा है आदमी॥

 मन में कहीं शांति टिकती नहीं है।
भाव संवेदना आज दिखती नहीं है॥
सिसकती गली है कंपाता डगर है।
न जाने!  किसकी लगी ये नज़र है॥
कहीं दिखती नहीं प्रेम की कोठारी।
आदमी को स्वयं खल रहा है आदमी॥

अब समय है विकट गिरती यह लपट।
कौन है इसको बुझाए है प्रश्न!  यह सबसे विकट॥
सारी मानवता बिखरी जा रही जब।
कोई दिखता नहीं जो संभाले इसे अब॥
प्रेम आनंद से  भिगोये जो सारी जमीं।
 आदमी को स्वयं खल रहा है आदमी॥

आओ सब मिल विचारे नया कुछ सवारे।
 मिटाये जलन अब अपने मन को बुहारें॥
करें प्रेम सबसे और सभी को सवारे।
अपना यह जीवन जनहित में वारे॥
तभी मुस्कुराएगा ये शमां और खिल-खिलाएगी जमी।
आदमी को स्वयं खल है रहा आदमी॥
 बीन जलाए स्वयं जल रहा है आदमी॥ आदमी को स्वयं खल रहा है आदमी

Nir@j

#आपकी नाराज़गी खल रही है। #आपकी_कमी_सही_जाये_ना #nirajnandini

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आपकी नाराज़गी अब मुझे, बहुत खल रही है।
मेरे दिल में अब कुछ, बेचैनी सी पल रही है।
मेरी गुजारिश है आपसे की, आप ख़फ़ा न हों।
मेरी जिंदगी अब, आपकी याद में चल रही है। #आपकी नाराज़गी खल रही है। #आपकी_कमी_सही_जाये_ना  
#nirajnandini

Praveen Jain "पल्लव"

विश्वास की कमी खल रही है #nojotohindi #कविता

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Dharmraj Singh

बस इतनी सी बात समुंदर को खल गई #विचार

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Karan Anuragi

मैदान में उतारा ना तो खल बलि मचा देगा #सस्पेंस

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