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नवनीत ठाकुर
आज तो बस देखना है उनके लबों का रंग, हम सवाल रखते हैं, वो जवाब क्या देते हैं। अब हमें देखना है, वो कहां तक निभाते हैं, हम सवाल रखते हैं, वो जवाब क्या लाते हैं। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर आज तो बस देखना है उनके लबों का रंग, हम सवाल रखते हैं, वो जवाब क्या देते हैं। अब हमें देखना है, वो कहां तक निभाते हैं, हम सवाल
#नवनीतठाकुर आज तो बस देखना है उनके लबों का रंग, हम सवाल रखते हैं, वो जवाब क्या देते हैं। अब हमें देखना है, वो कहां तक निभाते हैं, हम सवाल
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ज़ख़्म गहरे हैं, फिर भी चेहरे पे शिकन नहीं, हमने खुद को समझा है, कोई ज़रूरत नहीं। दर्द छुपाकर जीते हैं, सुकून में रहते हैं, जिनसे उम्मीदें थीं, उनसे कोई शिकायत नहीं। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर ज़ख़्म गहरे हैं, फिर भी चेहरे पे शिकन नहीं, हमने खुद को समझा है, कोई ज़रूरत नहीं। दर्द छुपाकर जीते हैं, सुकून में रहते हैं, जिन
#नवनीतठाकुर ज़ख़्म गहरे हैं, फिर भी चेहरे पे शिकन नहीं, हमने खुद को समझा है, कोई ज़रूरत नहीं। दर्द छुपाकर जीते हैं, सुकून में रहते हैं, जिन
read moreKuldeep KumarAUE
White आज कल के लोग दूसरों से लेना बहुत अच्छी तरह जानते हैं पर देने के लिए महीना बता देते हैं ©Kuldeep KumarAUE #good_night आज कल के लोग दूसरों से लेना बहुत अच्छी तरह जानते हैं पर देने के लिए महीना बता देते हैं #kuldeepkumaraue
#good_night आज कल के लोग दूसरों से लेना बहुत अच्छी तरह जानते हैं पर देने के लिए महीना बता देते हैं #kuldeepkumaraue
read moreनवनीत ठाकुर
दोस्ती गर की तो साथ छोड़ा नहीं कभी, हम वो परिंदे हैं जो उजड़ी हुई शाखों पर घरौंदे बनाते फिरते हैं। हाथ जो पकड़ ले, तो फिर उसे छोड़ते नहीं। दूरी बेशक हो, साथ का एहसास, कम कभी होने देते नहीं।" ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर दोस्ती गर की तो साथ छोड़ा नहीं कभी, हम वो परिंदे हैं जो उजड़ी हुई शाखों पर घरौंदे बनाते फिरते हैं। हाथ जो पकड़ ले, तो फिर उसे छो
#नवनीतठाकुर दोस्ती गर की तो साथ छोड़ा नहीं कभी, हम वो परिंदे हैं जो उजड़ी हुई शाखों पर घरौंदे बनाते फिरते हैं। हाथ जो पकड़ ले, तो फिर उसे छो
read moreनवनीत ठाकुर
"जहां से सब छोड़ देते हैं उम्मीदें सारी, हम वहां से नई शुरुआत करते हैं। जिस शाख से पत्ते भी झड़ जाएं सारे, हम वहीं से उड़ान भरते हैं । ©नवनीत ठाकुर "जहां से सब छोड़ देते हैं उम्मीदें सारी, हम वहां से नई शुरुआत करते हैं। जिस शाख से पत्ते भी झड़ जाएं सारे, हम वहीं से उड़ान भरते हैं ।
"जहां से सब छोड़ देते हैं उम्मीदें सारी, हम वहां से नई शुरुआत करते हैं। जिस शाख से पत्ते भी झड़ जाएं सारे, हम वहीं से उड़ान भरते हैं ।
read moreneelu
White मेरी नानी अक्सर कहा करती थी लोगों को पता ही नहीं क्या नहीं कहते हैं.. ..... शब्दों का अपमान किसी का सम्मान नहीं हो सकता हैं.. ©neelu #life_quotes #मेरी नानी #अक्सर कहा करती थी लोगों को पता ही नहीं क्या नहीं कहते हैं.. ..... शब्दों का #अपमान किसी का #सम्मान नहीं हो #सकता