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Parasram Arora
परफेक्ट वर होता ही नहीं और न परफेक्ट वधू होती है एक बार शादी हो जाए...... तो और कोई किसी क़े लिए नहीं बना है और मानलो कोई हमारे लिए बना भी हो तो इस धरती पर सात अरब लोगों मे उसे ढूंढ़ना कितना कठिन है क़ि ताउम्र उसे ढूँढ़ते रह जाएंगे. और ज़ब तक हम उसे ढूंढ लेंगे जीवन हमारे हाथ से निकल जाएगा और हो सकता है जिसे हमने अपने लिए परफेक्ट समझा है हो सकता है वो भी किसी परफेक्ट की तलाश मे हो और क्या करेँगे तब ज़ब हम उसकी कसौटी पर खरे नहीं उतरे? ©Parasram Arora परफेक्ट वर वधू.......
परफेक्ट वर वधू.......
read moreAnuj Ray
नव वर-वधू को विवाह के मंडप में, हजारों हजारों शुभाशीष एक ही दिन में, दे करके चले जाते हैं लोग, शायद इसीलिए खुशी खुशी विवाहित ज़िंदगी बिताते हैं लोग। ©Anuj Ray # नव वर-वधू को...
# नव वर-वधू को... #कविता
read moreVINOD VANDEMATRAM
राजस्थान पत्रिका में बधाई संदेश, शोक, व्यावसायिक सहित सभी प्रकार के विज्ञापनों के लिए संपर्क करें: विनोद त्रिवेदी निखार पब्लिसिटी पालोदा। मो: 9929794894 ©VINOD VANDEMATRAM #vTp राजस्थान पत्रिका
Aaradhana Anand
“भारतस्य प्रतिष्ठे द्वे संस्कृतं संस्कृतिस्तथा” यानी भारत की दो प्रतिष्ठायें हैं पहली संस्कृत व दूसरी संस्कृति..... “संस्कृताश्रिता संस्कृति:” यानि भारत की संस्कृति संस्कृतभाषा पर ही आश्रित है। चित् तरंगिणी पत्रिका
चित् तरंगिणी पत्रिका
read moreAaradhana Anand
करके साधु की हत्या , मिला कौन सा मान । कुकर्मो से मानव न सुधरे , कैसे बसा ये अभिमान ।। नमन करो तो ज्ञान मिले , मिले धर्म का ध्यान । साधु की हत्या करे जो, न हो कभी कल्याण ।। मानव की बुद्धि भ्रष्ट हुई , यहां पापी बने महान । दुनिया मे हाहाकार मचा , ये ही कर्मो का परिणाम ।। चित् तरंगिणी पत्रिका
चित् तरंगिणी पत्रिका
read moreAaradhana Anand
चित् तरंगिणी पत्रिका दिव्य शब्द संग्रह खाली है सडक लेकिन ,मोड बहुत है । दिखती है साफ सुथरी लेकिन , जोड बहुत है ।। चित् तरंगिणी पत्रिका
चित् तरंगिणी पत्रिका
read moreAaradhana Anand
"कीमती है सिक्के, ईमान सस्ता है.. यहां रिश्तों का मतलब ही मतलब का रिश्ता है...!!! चित् तरंगिणी पत्रिका
चित् तरंगिणी पत्रिका
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