Find the Latest Status about चौपाई from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, चौपाई.
Gopal Lal Bunker
वीरगति ~~~~~ माँ माटी पर जीवन वारे। बेटे मरकर जग को तारे।। कर्ज दूध का खूब चुकाने। खून बहाते मौत ठिकाने।। *** वीर बड़े पाते हैं सद्गति। प्राण वार लेते हैं चिर यति।। देकर तन आहुति खुश होते। खुद हँस जाते हैं जन रोते।। *** भाव प्रेम का भर जीते हैं। लेकर जीवन जब आते हैं।। मान मौत को सुख मरते हैं। अमृत वीर गति का पीते हैं।। *** चाह छोड़ मन की जीते हैं। चाह वतन की धव मरते हैं।। देव धरा के बन आते हैं। देव धरा को फिर जाते हैं।। *** @ गोपाल 'सौम्य सरल' #वीरगति #वतन #कोराकाग़ज़ #glal #yqdidi #चौपाई #चौपाई_छंद
Bharat Bhushan pathak
भाषण मारे लाओ राशन। क्यों करतीं ये इतना शासन।। जब -जब माँगें बढ़ियाँ खाना। जी-भर देतीं क्यों ये ताना। कहें जब भी पास तो आओ। कह दे जाकर सब्जी लाओ।। कर लें चाहे कोई बहाना। इनको कुछ भी नहीं सुहाना।। जब भी चाहो अच्छा खाना। प्रशंसा की तब पुल बनाना।। जब -जब कहते तुम हो सुन्दर। कहती क्या है चलता अन्दर।। जासूसों की लगती नानी। कहीं नहीं क्या इनका सानी।। लिखी हुई है इसको जैसे। मत सोंचें सब ऐसे-वैसे।। चाहा लिख दूँ मैं चौपाई। कर दी शब्दों की रोपाई।। हम कवियों में कितना पावर। उखड़ गये कितनों के टावर।। ना कवियों से लेना पंगा। हो जाएगा भरदम दंगा।। व्यंग्य हमारे होते घातक। धो दें हम जन्मों के पातक।। ©Bharat Bhushan pathak #भाषणमारेलाओराशन#चौपाईछंद
vinay vishwasi
राम नाम है सबसे पावन, जग में है सबसे मनभावन। राम नाम जिसमें बस जाता, दुख संकट भी पास न आता। राम रसायन जो भी पीता, निर्भय होकर के वह जीता। राम नाम ऊर्जा का वाहक, राम नाम चिंता का दाहक। राम काज में जो लग जाता, वह ही भक्त परम फल पाता। राम नाम को जपने वाले, होते हैं जी बहुत निराले। #चौपाई_छंद #श्रीराम #विश्वासी
Bharat Bhushan pathak
कंस नाम हुआ एक राजा। पाप कर्म था जिसका काजा।। कहना ईश्वर यही बताए। ना माने जो उसे सताए।। नाम देवकी बहना उसकी। कष्ट न पाए देख जिसकी।। वसुदेव से देवकी ब्याही। इच्छित वर था जैसे चाही।। कंस बहन को लेकर जाए। रे मूरख तू किसे बिठाए।। हुई आकाशवाणी सुनकर। सोच रहा था माथा धुनकर।। आठवाँ गर्भ जो बहना का। आया बनके मेरा हन्ता।। सैनिकों से तभी कह डाला। बाँधो या तुम दे दो हाला।। ना वो मारे कहा कंस को। डाल कैद में मिटा अंश दो।। सातों गर्भ उजाड़ा जिसने। सता रखा सन्तों को उसने।। बहुत आठवां खोजा मूरख। कहते जिनको सबके पूरक।। कारा में वो ढूँढे जिसको। कहाँ गया क्या पता किसी को।। नंदगाँव में आए कृष्णा। मन में सबके दर्शन तृष्णा।। जोगी वेष धर शंभु आए। देख रूप प्रभु भी मुस्काए।। बोलो बाँके बिहारी लाल की जय जय जय श्री राधे🙏🌹🙏 ©Bharat Bhushan pathak #कंसनामहुआएकराजा#श्रीकृष्ण_जन्माष्टमी#कृष्णा#कान्हा#चौपाई_छंद
Bharat Bhushan pathak
कंस नाम हुआ एक राजा। पाप कर्म था जिसका काजा।। कहना ईश्वर यही बताए। ना माने जो उसे सताए।। नाम देवकी बहना उसकी। कष्ट न पाए देख जिसकी।। वसुदेव से देवकी ब्याही। इच्छित वर था जैसे चाही।। कंस बहन को लेकर जाए। रे मूरख तू किसे बिठाए।। हुई आकाशवाणी सुनकर। सोच रहा था माथा धुनकर।। आठवाँ गर्भ जो बहना का। आया बनके मेरा हन्ता।। सैनिकों से तभी कह डाला। बाँधो या तुम दे दो हाला।। ना वो मारे कहा कंस को। डाल कैद में मिटा अंश दो।। सातों गर्भ उजाड़ा जिसने। सता रखा सन्तों को उसने।। बहुत आठवां खोजा मूरख। कहते जिनको सबके पूरक।। कारा में वो ढूँढे जिसको। कहाँ गया क्या पता किसी को।। नंदगाँव में आए कृष्णा। मन में सबके दर्शन तृष्णा।। जोगी वेष धर शंभु आए। देख रूप प्रभु भी मुस्काए।। बोलो बाँके बिहारी लाल की जय जय जय श्री राधे🙏🌹🙏 ©Bharat Bhushan pathak #कंसनामहुआएकराजा#श्रीकृष्ण_जन्माष्टमी#कृष्णा#कान्हा#चौपाई_छंद
Bharat Bhushan pathak
कंस नाम हुआ एक राजा। पाप कर्म था जिसका काजा।। कहना ईश्वर यही बताए। ना माने जो उसे सताए।। नाम देवकी बहना उसकी। कष्ट न पाए देख जिसकी।। वसुदेव से देवकी ब्याही। इच्छित वर था जैसे चाही।। कंस बहन को लेकर जाए। रे मूरख तू किसे बिठाए।। हुई आकाशवाणी सुनकर। सोच रहा था माथा धुनकर।। आठवाँ गर्भ जो बहना का। आया बनके मेरा हन्ता।। सैनिकों से तभी कह डाला। बाँधो या तुम दे दो हाला।। ना वो मारे कहा कंस को। डाल कैद में मिटा अंश दो।। सातों गर्भ उजाड़ा जिसने। सता रखा सन्तों को उसने।। बहुत आठवां खोजा मूरख। कहते जिनको सबके पूरक।। कारा में वो ढूँढे जिसको। कहाँ गया क्या पता किसी को।। नंदगाँव में आए कृष्णा। मन में सबके दर्शन तृष्णा।। जोगी वेष धर शंभु आए। देख रूप प्रभु भी मुस्काए।। बोलो बाँके बिहारी लाल की जय जय जय श्री राधे🙏🌹🙏 ©Bharat Bhushan pathak #कंसनामहुआएकराजा#श्रीकृष्ण_जन्माष्टमी#कृष्णा#कान्हा#चौपाई_छंद
writer girl
जब तक है जिंदगी... तब तक है नाम... जिंदगी ख़तम तो... नाम भी ख़तम। ©writer girl #चौपाई
नागेंद्र किशोर सिंह ( मोतिहारी, बिहार।)
सीता राम चरित अति पावन। मधुर सरस अरु अति मनभावन।। पुनि पुनि चितये ही सुनये सुनाए। हिय की प्यास बुझत न बुझाए।। मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सु दसरथ अजीर बिहारी।। सिया राम मय सब जग जानी। करहूं प्रणाम जोरी जुग पाणी।। विश्वनाथ मम नाथ पुरारी। त्रिभुवन महिमा विदित तुम्हारी।। ©नागेंद्र किशोर सिंह ( मोतिहारी, बिहार।) # चौपाई