Find the Best चौपाई Shayari, Status, Quotes from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about'रामायण में कितनी चौपाई है', 'रामायण चौपाई in hindi', 'रामायण जी की चौपाई', गड़बड़ रामायण की चौपाई, राधेश्याम रामायण की चौपाई,
Khushi Kandu
(चौपाई) राग द्वेष प्रभु हर तुम लीजै, अपनी कृपा वर मुझे दीजै। मैं अधम मैं निरा अभिमानी, मेरी विनती सुनिए जानी।। ©Khushi Kandu #चौपाई #khushikandu #krishna #Radha भक्ति सागर राधा कृष्ण के भजन Kalki Hinduism
#चौपाई #khushikandu #Krishna #Radha भक्ति सागर राधा कृष्ण के भजन Kalki Hinduism
read morePushpvritiya
अश्रु सुनियो धीरज धरना, प्रेम कठिन पर पार उतरना | पग-पग काँटें हैं यह माना, मेल विरह का ताना-बाना || हर ले मन की दुविधा सारी, आशा ज्योत जलाकर न्यारी | बाँधी है जब नेहा ऐसी , भय शंका तब बोलो कैसी || @पुष्पवृतियाँ . . ©Pushpvritiya #चौपाई अश्रु सुनियो धीरज धरना, प्रेम कठिन पर पार उतरना | पग-पग काँटें हैं यह माना, मेल विरह का ताना-बाना ||
#चौपाई अश्रु सुनियो धीरज धरना, प्रेम कठिन पर पार उतरना | पग-पग काँटें हैं यह माना, मेल विरह का ताना-बाना ||
read morePushpvritiya
हिय की मारी सोच अकिंचन, पिय जी झूठ बँधाय गयो मन.....!! @पुष्पवृतियाँ ©Pushpvritiya #चौपाई वैरागी मन तुम बिन प्रीतम, पीर न जाने किन् विध् हो कम...! कस्तूरी मृग बन कर साजन, तोहे ढूँढ़े भटके वन वन......!! विरहिन देह जलन जागे है, अग्नि सरीखा जल लागे है.....!
#चौपाई वैरागी मन तुम बिन प्रीतम, पीर न जाने किन् विध् हो कम...! कस्तूरी मृग बन कर साजन, तोहे ढूँढ़े भटके वन वन......!! विरहिन देह जलन जागे है, अग्नि सरीखा जल लागे है.....!
read moreMantra Mahima Neeraj Shukla
Mantra Mahima Neeraj Shukla
श्री रामचरितमानस की इस चौपाई का प्रतिदिन पाठ करने से सभी विपत्तियों का नाश होकर सुख की प्राप्ति होती है। Mantra Mahima Neeraj Shukla #विपत्तिनाशक #सुखप्राप्ति #मंत्र #साधना #रामायण #चौपाई #उपाय #टोटके #नोजोटो #वायरल
read morevinay vishwasi
नौ दिन का नवरात्रि मनाओ। सब मिलकर अब भजन सुनाओ। माँ दुर्गा की करो आरती। माँ ही तो जीवन सँवारती। #चौपाई #नवरात्रि #विश्वासी
Asha Giri
मेरी कविताएँ होती हैं निराली, समझता है वही,जिसकी बुद्धि हो तीक्ष्ण वाली। गौर फरमाना हर पंक्तियों में ,शिक्षा मिलेगी अपार। मिलेगा ज्ञान कूट-कूट कर,करने लगोगे हमसे प्यार।। चौपाई जैसा कि शब्द से विदित है। इसमें चार चरण होते हैं। यह एक सम मात्रिक छन्द है। प्रत्येक चरण में 16-16 मात्राएँ होती हैं। हर दो-दो पंक्तियों में समान तुक होगा। चौपाई में लय का विशेष ध्यान रखना है। साधारण शब्दों में कहें तो इसकी ताल धिन धिन - धिन धिन... धिन धिन - धिन धिन लय का यह पैटर्न बना रहना चाहिए। एक उदाहरण: जीवन को अपनाना सीखो
चौपाई जैसा कि शब्द से विदित है। इसमें चार चरण होते हैं। यह एक सम मात्रिक छन्द है। प्रत्येक चरण में 16-16 मात्राएँ होती हैं। हर दो-दो पंक्तियों में समान तुक होगा। चौपाई में लय का विशेष ध्यान रखना है। साधारण शब्दों में कहें तो इसकी ताल धिन धिन - धिन धिन... धिन धिन - धिन धिन लय का यह पैटर्न बना रहना चाहिए। एक उदाहरण: जीवन को अपनाना सीखो
read moreJyoti Diwan
इस दिल से भी पूछो कभी फुरसत अगर मिल जाए तो हम वार देंगे सब कुछ तब तुम एक बार को सुनो तो चौपाई जैसा कि शब्द से विदित है। इसमें चार चरण होते हैं। यह एक सम मात्रिक छन्द है। प्रत्येक चरण में 16-16 मात्राएँ होती हैं। हर दो-दो पंक्तियों में समान तुक होगा। चौपाई में लय का विशेष ध्यान रखना है। साधारण शब्दों में कहें तो इसकी ताल धिन धिन - धिन धिन... धिन धिन - धिन धिन लय का यह पैटर्न बना रहना चाहिए। एक उदाहरण: जीवन को अपनाना सीखो
चौपाई जैसा कि शब्द से विदित है। इसमें चार चरण होते हैं। यह एक सम मात्रिक छन्द है। प्रत्येक चरण में 16-16 मात्राएँ होती हैं। हर दो-दो पंक्तियों में समान तुक होगा। चौपाई में लय का विशेष ध्यान रखना है। साधारण शब्दों में कहें तो इसकी ताल धिन धिन - धिन धिन... धिन धिन - धिन धिन लय का यह पैटर्न बना रहना चाहिए। एक उदाहरण: जीवन को अपनाना सीखो
read moreShailendra Rajput
जय हनुमान ज्ञान गुण सागर। जय कपिसतिय लोक उजागर।। ©Shailendra Rajput #हनुमंचलिसा #चौपाई
Nasamajh
जीवन एक रस धारा है सूख इसका किनारा है... मन इसका माँझी है तन उसका साझी है ।। चौपाई जैसा कि शब्द से विदित है। इसमें चार चरण होते हैं। यह एक सम मात्रिक छन्द है। प्रत्येक चरण में 16-16 मात्राएँ होती हैं। हर दो-दो पंक्तियों में समान तुक होगा। चौपाई में लय का विशेष ध्यान रखना है। साधारण शब्दों में कहें तो इसकी ताल धिन धिन - धिन धिन... धिन धिन - धिन धिन लय का यह पैटर्न बना रहना चाहिए। एक उदाहरण: जीवन को अपनाना सीखो
चौपाई जैसा कि शब्द से विदित है। इसमें चार चरण होते हैं। यह एक सम मात्रिक छन्द है। प्रत्येक चरण में 16-16 मात्राएँ होती हैं। हर दो-दो पंक्तियों में समान तुक होगा। चौपाई में लय का विशेष ध्यान रखना है। साधारण शब्दों में कहें तो इसकी ताल धिन धिन - धिन धिन... धिन धिन - धिन धिन लय का यह पैटर्न बना रहना चाहिए। एक उदाहरण: जीवन को अपनाना सीखो
read more