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Ek villain
वर्क फ्रॉम होम संस्कृत में नए लोगों को दफ्तर से लौटा आने के बाद मिलने वाला समय भी छीन लिया इसके चलते दुनिया भर के काम का जिस शिफ्ट खत्म होने के बाद भी दफ्तर के हर वक्त उपलब्ध रहने का दावा लोगों की कई समस्याओं से रूबरू करा रहे अपने हिस्से का समय ना मिलना मानवी अधिकार छीन जाना जैसे लग रहा है कि वह बजे की कई देशों में लाइट दो नेट कानून बनाया जाए इसी साल बेल्जियम में ही कानून लागू हुआ जिसके अनुसार काम काम घंटे खत्म होने के बाद एक कर्मचारी एक अपने बॉस के फोन कॉल या संदेश का जवाब देना जरूरी नहीं है फ्रांस इटली जर्मनी फ्रांस को भी और आज भी काम कर चुके हैं हालांकि शुरुआती दौर में स्वागत हुआ है कि इससे बचा जा सकेगा इससे उनके मन को सुकून मिलेगा लेकिन उनके उनके दफ्तर में लगे अब आम बात हो गई है घर के दायरे तक सीमित हम लोग से लगने वास्ता सही से सुधर जीवनशैली सब कुछ बिगड़ रहा है यही राइट द नोटिस के नेट की प्रधानों के माता-पिता व इन देशों में 10th का समय खत्म होने के बाद कोई अधिकारी अपने कर्मचारियों का कॉल ईमेल या टेक्स्ट संदेश भेजकर बेवजह तनाव में नहीं डालेगा ©Ek villain #खुद से जुड़ने की दरगाह #patience
Hasanand Chhatwani
मन्नतें पूरी हो या ना हों ... दरगाहें नहीं बदली जातीं .. #मन्नत #दरगाह #
mere_alfaaz
मन्नते पूरी हो ना हो दरगाहें नहीं बदली जाती ❤️ #मन्नत #दरगाह #बदलना
Hasanand Chhatwani
मेरे मुर्शद की दरगाह से ऊँची और कोई दरगाह नहीं। यहाँ आने वाले सवाली कभी खाली नहीं जाते मेरे मुर्शद की दरगाह से ऊँची और कोई दरगाह नहीं। यहाँ आने वाले सवाली कभी खाली नहीं जाते
Hasanand Chhatwani
मेरे मुर्शद की दरगाह से ऊँची और कोई दरगाह नहीं। यहाँ आने वाले सवाली कभी खाली नहीं जात
Anupama Jha
दरगाह तुम जाते नही, मंदिर में सिर झुकाते नही, फिर कौन सा धागा है मन्नत का जो गांठ तुमने बाँधा था वो आज़तक खुलता नही.... #गांठ#दरगाह#मन्नत #YQDidi
Parasram Arora
दरगाह... होती हैँ इबादत के लिये पर ये वो दरगाह थी जहाँ सिर्फ इश्क़ की इबादत कों मुक़्क़मल किया जाता है ये वो दरगाह थी जहाँ इश्क की रूहे आकर कुछ पल ठहरती थी गले मिलती थी और फिर अंधेरों में लुप्त हो जाती थी पर कइ लोग नही जानते कि इश्क़ और इबादत दोनों एक दुसरे के पूरक है और उनके शाब्दिक अर्थ भी विरोधाभासी नही है ©Parasram Arora इबादत इश्क़ और दरगाह