Find the Latest Status about दिमागी चोट from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, दिमागी चोट.
दीप चन्नाल
चोट लगी है जिसके दिल पर वो खुद के घाव सहलाता रह पूछ ना ले कोई वजह दर्द की वो हस कर अपने गम को छुपाता रहा ©दीप चन्नाल चोट लगी है जिसके दिल पर #AloneInCity love quotes quotes loves quotes a love quotes
चोट लगी है जिसके दिल पर #AloneInCity love quotes quotes loves quotes a love quotes
read moreBheem Bheemshankar
दिल मे मेरे बसने वाला किसी दोस्त का प्यार चाहिए ना दुआ💖 ना खुदा ना हाथों मे कोई तलवार चाहिए💞 मुसीबत मे किसी एक प्यारे साथी का हाथों मे हाथ चाहिए कहूँ ना मै कुछ💯 समझ जाए वो सब कुछ दिल मे उस के अपने लिए ऐसे जज़्बात चाहिए💥 उस दोस्त के चोट लगने पर हम भी दो आँसू बहाने का हक़ रखें💢 और हमारे उन आँसुओं को पोंछने वाला उसी का रूमाल चाहिए मैं तो तैयार हूँ💫 हर तूफान को तैर कर पार करने💔 ©Bheem Bheemshankar #DryTree दिल मे मेरे बसने वाला किसी दोस्त का प्यार चाहिए ना दुआ ना खुदा ना हाथों मे कोई तलवार चाहिए मुसीबत मे किसी एक प्यारे साथी का हा
#DryTree दिल मे मेरे बसने वाला किसी दोस्त का प्यार चाहिए ना दुआ ना खुदा ना हाथों मे कोई तलवार चाहिए मुसीबत मे किसी एक प्यारे साथी का हा
read moreबेजुबान शायर shivkumar
हुस्न-ओ-इश्क़ का संगम देर तक नहीं रहता, कोई भी हसीं मौसम देर तक नहीं रहता | लौट जाओ रस्ते से तुम नए मुसाफ़िर हो, प्यार का सफ़र हमदम देर तक नहीं रहता | ऊँचे ऊँचे महलों की दास्ताँ ये कहती है, क़हक़हों का ये आलम देर तक नहीं रहता | दिल किसी का टूटे या घर किसी का जल जाए, बेवफ़ा के दिल को ग़म देर तक नहीं रहता | हो सके तो चाहत की चोट से बचे रहना, वर्ना ज़ख़्म पर मरहम देर तक नहीं रहता | क्यों ग़ुरूर करते हो जा के तुम बुलंदी पर, शोहरतों का ये परचम देर तक नहीं रहता | कौन जाने कब किस पर ज़िंदगी ठहर जाए | कोई रुस्तम-ए-आज़म देर तक नहीं रहता || ©बेजुबान शायर shivkumar हुस्न-ओ-इश्क़ का संगम देर तक नहीं रहता, कोई भी हसीं मौसम देर तक नहीं रहता | लौट जाओ रस्ते से तुम नए मुसाफ़िर हो, प्यार का सफ़र हमदम देर त
हुस्न-ओ-इश्क़ का संगम देर तक नहीं रहता, कोई भी हसीं मौसम देर तक नहीं रहता | लौट जाओ रस्ते से तुम नए मुसाफ़िर हो, प्यार का सफ़र हमदम देर त
read moreMahesh Patel
a-person-standing-on-a-beach-at-sunset सहेली.... एक ही मुलाकात में. इतनी गहरी चोट दे दी. कि आज तक वह जख्म भर नहीं रहा.. लाला..... ©Mahesh Patel सहेली... चोट... लाला...
सहेली... चोट... लाला...
read morePraveen Jain "पल्लव"
Unsplash पल्लव की डायरी नजाकत खोट दिलो मे डाल रही है सोहरत की गारंटी लेकर मोहब्बते अब दौलतों में नहा रही है थम गया इश्क का पागलपन नजरिया दिलो का बदल रहा है महंगा हो गया दिल लगाना गरीबो पर सितम प्यार ढहा रहा है दिल भर जाने पर हर्जाना करोड़ो पर जा रहा है मालामाल हो चला इश्क बाजारबाद के इस दौर में चोट सच्चा प्यार खा रहा है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #lovelife चोट सच्चा प्यार खा रहा है
#lovelife चोट सच्चा प्यार खा रहा है
read moreAnjali Singhal
White "नज़र कहाँ से आए जब नज़र में ही आप समाए! नज़र की ये चोट है गहरी आपकी प्रीत ही शायद इसे भर पाए!!" ©Anjali Singhal "नज़र कहाँ से आए जब नज़र में ही आप समाए! नज़र की ये चोट है गहरी आपकी प्रीत ही शायद इसे भर पाए!!" #AnjaliSinghal #nojoto
"नज़र कहाँ से आए जब नज़र में ही आप समाए! नज़र की ये चोट है गहरी आपकी प्रीत ही शायद इसे भर पाए!!" #AnjaliSinghal nojoto
read moretheABHAYSINGH_BIPIN
White बार-बार कोशिशें की मैंने, हर बार चोट मैं खाता हूँ। फिर भी हिम्मत है इतनी, जीत की कसम मैं खाता हूँ। लक्ष्य नए नहीं, ये संकल्प है, मेहनत से मैं ना घबराता हूँ। हुंकार भरूंगा फिर से मैं, संकल्प का फल मैं पाता हूँ। वचन ही मेरा शस्त्र बना, हर कदम पर धार लगाता हूँ। हिम्मत मेरी कभी ना टूटे, महादेव का ध्यान लगाता हूँ। पक्की करती जीत मेरी, जब ईश्वर का गुण गाता हूँ। लक्ष्य से परे नहीं अस्तित्व मेरा, संघर्षों का मैं आदि हूँ। थकूंगा नहीं बिना जीत के, विजयी विश्व का वासी हूँ। ©theABHAYSINGH_BIPIN #बार-बार कोशिशें की मैंने, हर बार चोट मैं खाता हूँ। फिर भी हिम्मत है इतनी, जीत की कसम मैं खाता हूँ। लक्ष्य नए नहीं, ये संकल्प है, मेहनत से
#बार-बार कोशिशें की मैंने, हर बार चोट मैं खाता हूँ। फिर भी हिम्मत है इतनी, जीत की कसम मैं खाता हूँ। लक्ष्य नए नहीं, ये संकल्प है, मेहनत से
read moreनवनीत ठाकुर
तूफ़ान आए तो मेरा हौसला देखो, डूबता हूँ, उभरता ज़रूर हूँ। गिरकर फिर से खड़ा, तूफ़ानों से लड़ने का तरीका, ढूंढता ज़रूर हूँ। राहें कठिन हो, फिर भी रुकता नहीं , गिरते हुए भी खुद को सम्भालता हूँ, हार नहीं मानता कभी, हर हाल में जूझता ज़रूर हूँ। हर चोट ने मेरी पहचान बनाई है, जो गिरा, उसने उठने की कहानी सुनाई है। राख से उगने की आदत है मुझमें, जलकर भी खुद को जलाता ज़रूर हूँ। मुश्किलें मुझसे हार मान जाती हैं, मेरे इरादे हर मोड़ पर मुस्कुराते हैं। ज़िंदगी के हर तुफ़ान को मैंने देखा है, पर ख़ुद को हर बार आज़माता ज़रूर हूँ। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर तूफ़ान आए तो मेरा हौसला देखो, डूबता हूँ, उभरता ज़रूर हूँ। गिरकर फिर से खड़ा, तूफ़ानों से लड़ने का तरीका, ढूंढता ज़रूर हूँ।
#नवनीतठाकुर तूफ़ान आए तो मेरा हौसला देखो, डूबता हूँ, उभरता ज़रूर हूँ। गिरकर फिर से खड़ा, तूफ़ानों से लड़ने का तरीका, ढूंढता ज़रूर हूँ।
read moreनवनीत ठाकुर
सूरज हूँ, हर शाम ढलता ज़रूर हूँ, पर हर सुबह फिर से जलता ज़रूर हूँ। जितनी बार गिरा हूँ, उतनी बार सीखा हूँ, हर चोट ने मुझे और सशक्त किया, ज़रूर हूँ। राहें कांटों से भरी हों, फिर भी चलता हूँ, तक़दीर खुद की बदलता ज़रूर हूँ। दूरियाँ चाहे जितनी बढ़ें मुझसे, वो मेरी मंज़िल, फिर भी मेरे कदमों तक पहुँचता ज़रूर हूँ। लहरों से डरकर मैं किनारे नहीं बैठता, तूफ़ान से भी टकराता ज़रूर हूँ। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर सूरज हूँ, हर शाम ढलता ज़रूर हूँ, पर हर सुबह फिर से जलता ज़रूर हूँ। जितनी बार गिरा हूँ, उतनी बार सीखा हूँ, हर चोट ने मुझे और सश
#नवनीतठाकुर सूरज हूँ, हर शाम ढलता ज़रूर हूँ, पर हर सुबह फिर से जलता ज़रूर हूँ। जितनी बार गिरा हूँ, उतनी बार सीखा हूँ, हर चोट ने मुझे और सश
read more