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prachi dixit

# पेड़ लगाओ पेड़ बचाओ

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भटकता रहेगा तू मुसाफिर की तरह

यहाँ बस विरान सा हो जाऐगा  धीरे -धीरे सारा जहाँ। # पेड़ लगाओ पेड़ बचाओ

Vikas Yadav

पेड़ बचाओ पेड़ लगाओ #Knowledge

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मैं पेड़ हूँ,,
सड़क के किनारे वाला
खौफ़ में जी रहा हूँ 
बुलडोजर खड़ा है 
सड़क चौड़ी हो रही है..!!
         —Vकास



















न

©Vikas Yadav पेड़ बचाओ पेड़ लगाओ

J P Lodhi.

#सुनहरा समय*

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ये सर्द सुनहरी सुबह है, और .                                         .शाम बनेगी सुहानी।
 हौसलों से लिखते हम अपनी सफलता की कहानी।
वक्त आया है सुनहरा,करे हम साकार सपने अपने।
तजुर्बा दे गए गुजरे जमाने,कैसे आएंगे अब जमानें।
संभल जाओ वक्त बदलो,कहो खुद से हार न माने।
 हम समय के साथ चलते है,मिलाकर कंधे से कंधा।
सुनहरी सुबह के जैसा बनाएंगे हम स्वर्णिम भविष्य। #सुनहरा समय*

Parasram Arora

सुनहरा अवसर

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उम्र का  कद कितना  लघु   हैँ 
फिर भी हम  शर्ते   बांधे  चले  जाते हैँ 
सीमाएं  तय  किये  जाते  हैँ 
 न हम  खुद से  न  खुदा से प्रेम कर पाते हैँ 
औऱ  हर  पल  व्यर्थ   गवा  देते हैँ 
जबकि हर पल हर क्षण 
खुशिया  बटोरने  का हमें  पूरा  अवसर  देता  हैँ 
लेकिन हर  बार  हम  चूकते  चले जाते हैँ सुनहरा  अवसर

Vishnu K Keshri

सुनहरा मार्ग #विचार

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Saurabh Raj Sauri

सुनहरा वक़्त #Shayari

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जीत का जश्न मनाने दो उनको ,अगला ताज़ हमारा होगा
बल्ला बोलेगा शर्मा जी का,तब तगड़ा वार हमारा होगा
जुगनू चमकेंगे धरा पर एक दिन 
देखना सब वो चमकता,सुनहरा वक़्त हमारा होगा

©Saurabh Raj Sauri सुनहरा वक़्त

Anit kumar kavi

सुनहरा भारत

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भारत का इतिहास सुनहरा होता यहां पर ना मजहबी झगड़ो का झमेला होता अजी सब मिलकर रहते भाईचारे से इस भारत में सिर्फ राम राज का डेरा होता । सुनहरा भारत

Vikas sharma

सुनहरा ख़्वाव #शायरी

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।। सुनहरा ख़्वाव ।।

सुरूर ये कैसा है तेरे इश्क़ का मेरे हमनवां
बिखरकर भी रहते  है संवरे संवरे से हम

ग़ुम हैं आँखों की भूल-भुलैया में जब से
राह में हैं अपनी,लगते है फिर भी खोय खोय से हम

सही-ग़लत में अब फ़र्क नही,अब सब सही जो है
वहीं है हम,फिर क्यूँ यूँ लगते हैं इतने बदले बदले से हम

जैसे पारस के स्पर्श से लोहा सोना होता है
तुमको पाकर,लगते हैं इतने निखरे निखरे से हम

जानता हूँ वो ही अपना नही है, इस भरे जहान में
जितना भी सोचें उनको,है उतने ही उलझे उलझे से हम

जिस दिन देख ले वो ,नज़र उठा के हमें
कितनी ही रातों के, लगते हैं रत-जगे से हम

@विकास

©Vikas sharma सुनहरा ख़्वाव

Tanushri jain

सुनहरा अवसर #अनुभव

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