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Ghanshyam Ratre

जुदाई के गम

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Jay Shri Ram

बुआ के लिए शायरी 2025 नया साल बुआ के लिए शायरी

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Krisswrites

फरीदाबाद के बीके अस्पताल के बाहर कई दिनों धरना पर बैठे हैं बाबा चाहते हैं की छोटी-मोटी बीमारियों के लिए ना किया जाए दिल्ली रेफर

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Kuldeep KumarAUE

#good_night आज कल के लोग दूसरों से लेना बहुत अच्छी तरह जानते हैं पर देने के लिए महीना बता देते हैं #kuldeepkumaraue

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White आज कल के लोग दूसरों से लेना बहुत अच्छी तरह जानते हैं पर देने के लिए महीना बता देते हैं

©Kuldeep KumarAUE #good_night आज कल के लोग दूसरों से लेना बहुत अच्छी तरह जानते हैं पर देने के लिए महीना बता देते हैं #kuldeepkumaraue

Bobby(Broken heart)

परमात्मा हर जीव के लिए कुछ ना कुछ इंतजाम कर देते हैं

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Rahul Varsatiy Parmar

#foryoupapa जिंदगी खुद के लिए जियो समाज के लिए नही #

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सुबह के 5 बज चुके है तो

जमाने ए बंदिश

खैर एक खयाल एक गजल देखिए
रातों की नींद से (अदावत/ दुश्मनी) हो गई है
हमे भी ज़माने के रिवाजों से (कदूरत/ नफरत) हो गई है
ज़माने- ए- बंदिश में कैद है (आबरू/ इज्जत) ) हमारी
अब खुद को ही खामोश कर रही है खामोशी हमारी
(मशगूल-ए- महफिल /मिलना जुलना)
 नही है रही अब फितरत हमारी
मशरूफ-ए-बेरुखी जिंदगी खुद से हमारी
हिदायत-ए -दिल है की मुखातिब हो ज़माने से
क्यों हया-ए- आबरू  खौफ से गुजरे जिंदगी हमारी

(मशरूफ/व्यस्त,) (बेरुखी/नाराजगी,)( हिदायत/ सलाह ,) (मुखातिब/ सामना,) (हया ए आबरू/ शर्म) ,(खौफ/ डर) 

इस गजल का सीधा सा मतलब है 4 लोगो क्या कहेंगे  इसे बेफिकर होकर जियो
निर्मला पुत्र सिद्धांत परमार

©Rahul Varsatiy Parmar #foryoupapa जिंदगी खुद के लिए जियो समाज के लिए नही #

Nurul Shabd

गणेश शर्मा 'विद्यार्थी'

चलो चाय पीते हैं!!! #Tea #HindiPoem #hindipoetry #hindikavita कविताएं कविता हिंदी कविता

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घुट-घुटकर यूँ तो रोज, हमी जीते हैं।
बस बहुत हो चुका, चलो चाय पीते हैं।।

          जीवन में मुश्किल रोज, नयी आती हैं।
           नदियाँ भी तट पर मैल, बहा लाती हैं।
             दिन भर दिमाग में ऊँच-नीच चलती है।
             दुनिया की तब हर एक बात खलती है।
          ऐसे  ही  कितने  साल  यहाँ  बीते हैं।
              बस बहुत हो चुका, चलो चाय पीते हैं।।

अदरक-इलायची संगति कर दी जाती।
जब गर्म चाय कुल्लड़ में भर दी जाती।
कर देता है मदहोश  चाय का प्याला।
न्यौछावर इस पर  कई-कई मधुशाला।
यूँ ही  हम  छोटे - बड़े  घाव  सीते हैं।
बस बहुत हो चुका, चलो चाय पीते हैं।

             इससे बढ़कर फल, फूल, नहीं मेवा है।
             इससे   बढ़कर  दूसरी   नहीं  सेवा  है।
             इससे  बढ़कर  के  पुण्य  नहीं दूजा है।
            इससे बढ़कर कुछ अन्य नहीं पूजा है।
              क्यों अब तक सबके चाय-पात्र रीते हैं?
              बस बहुत हो चुका, चलो चाय पीते हैं।।

©गणेश शर्मा 'विद्यार्थी' चलो चाय पीते हैं!!!

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person

famous youtuber and motivational speaker kuchh pane ke liye kuchh khona padta hai कुछ पाने के लिए कुछ खोना पड़ता हैं जिंदगी में कामयाबी क

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neelu

#life_quotes जो #हम #कहने के लिए #भी #नहीं #कहते हैं

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White फायदा क्या है उन बातों का जो हम....
जो हम कहने के लिए भी नहीं कहते हैं

©neelu #life_quotes जो #हम #कहने के लिए #भी #नहीं #कहते हैं
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