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samandar Speaks
White अब घर घर में ये आग फैलाई जाएगी चुनावी,साल है,अदावत,सबसे निभाई जायेंगी सबको जमातों कौमों फिरको में बाटकर आग लगा कर घरों में आग से बुझाई जायेगी वतन के रहनुमाओं को मोहरों कि शकल देकर झूठी हमदर्दी से मुहब्बत दिखाई जायेगी मुफ़्त कि रोटियां बंटेगी घर गिरवी रख कर इस कदर हमारे कल कि बोली लगाई जायेगी झंडो तले बंटेगी नवजवानों कि जवानी फिर से पैर तोड़ कर आसमानों की अदा सिखाई जाएगी अब घर घर में ये आग फैलाई जाएगी चुनावी,साल है अदावत सबसे निभाई जायेंगी राजीव ©samandar Speaks #diwali_wishes अंजान Satyaprem Upadhyay मनीष शर्मा Poonam bagadia "punit" Sandeep L Guru
#diwali_wishes अंजान Satyaprem Upadhyay मनीष शर्मा Poonam bagadia "punit" Sandeep L Guru
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Unsplash ग़म और भी है मगर खुलासा कौन करे हर बात में मुस्कुरा देता हूं तमाशा कौन करे हर ज़ख़्म को दिया है चुपी का नाम मैंने बेवजह दर्द अपना किसी से साझा कौन करे जो दिल में चुभते हो सवालात शब भर उनपे सहर के गुनाहों का इशारा कौन करे जिन राहों पर उजालों का डर समाया हो उनमें अंधेरों के खौफ को नुमाया कौन करे तक़दीर जब लिखी है सियाही से बेरंग हीं फिर ख़्वाब के सुरज का दिखावा कौन करे जो लोग ख़ुद सौदाई हो, ग़फ़लत के बाजारों का उनसे यार ए वफ़ा का अब दावा कौन करे राजीव ©samandar Speaks #library अंजान Satyaprem Upadhyay Radhey Ray Poonam bagadia "punit" Internet Jockey
#library अंजान Satyaprem Upadhyay Radhey Ray Poonam bagadia "punit" Internet Jockey
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White Now let no prayers for peace take root in thee, Nor blessings sweet of joy be sought in plea. For life, a sentence wrought in sin's cruel chain, No pardon's touch shall cleanse the scar of pain. Who slew the soul, and who the guilty be? Speak truth, and let the veil of doubt now flee. This stormy path, where winds of sorrow blow, Leaves hearts entangled, weighed by heavy woe. A whisper calls from depths of longing's sea, A voice that cries for lost humanity. From stone-cold hearts, the echoes now are still, Yet justice cries: "Condemn the silent ill." Let shadows fade, and let the truth take form, To calm the tempest raging in the storm. RAJEEV ©samandar Speaks #sad_quotes Sandeep L Guru Radhey Ray Siddharth singh Anant अंजान
#sad_quotes Sandeep L Guru Radhey Ray Siddharth singh Anant अंजान
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White चलो देखो चलो देखो, उस आदमी को, जो हर सुबह सूरज संग जागता है, सपनों की गठरी कंधे पर लादे, हर शाम ख्वाबों के साथ हारता है। चूल्हा जलाने की दौड़ में, अपने अरमान जलाता है, रोटी की हर गोलाई में, जिंदगी का गोल घुमाता है। उसके पांव में छाले हैं, पर कदमों में थकान नहीं, आंखों में उम्मीद बाकी है, चाहे हाथों में सामान नहीं। हर दर से वो लौट आता है, पर खुदा से शिकवा नहीं करता, गम के बादलों को चीर कर, अपने हिस्से की धूप बुनता। दुनिया जिसे नाकामी कहती है, वो उसे सब्र कह जाता है, हर दिन की छोटी जीतों में, अपनी पूरी जिंदगी लगा जाता है। चलो देखो, उस आदमी को, जो हार के भी मुस्कुराता है, ज़िंदगी के इस संग्राम में, हर पल खुद को आज़माता है। उसके संघर्ष में एक दर्शन है, हर दर्द का एक पैगाम है, कि गिरकर भी चलना सीख लो, क्योंकि यही तो असल इम्तिहान है। राजीव ©samandar Speaks #Sad_Status Siddharth singh Anant अंजान Mukesh Poonia Samima Khatun
#Sad_Status Siddharth singh Anant अंजान Mukesh Poonia Samima Khatun
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White तलाशे-इश्क़ में हर ग़म गले लगाया जाए, ख़ुशी के नाम पर क्यों दिल को भरमाया जाए? सवाल करते हैं ये पल जो चुपचाप हैं, जवाब देना हो तो ख़ुद से निभाया जाए। नज़र के सामने हर शै है धुंधली सी क्यूं, हक़ीक़तों को कभी दिल से सजाया जाए। जो वक़्त बहता गया रोकने से कब रुका, नदी के संग चलो, साहिल बनाया जाए। हयात एक पहेली, सुलझती कम मगर, ख़ुदा के नाम पर क्यों खेल रचाया जाए? राजीव - ©samandar Speaks #good_night Internet Jockey Mukesh Poonia Satyaprem Upadhyay Radhey Ray अंजान
#good_night Internet Jockey Mukesh Poonia Satyaprem Upadhyay Radhey Ray अंजान
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White ज़िंदगी की तहरीरें हर पन्ने पर लिखा, पर पढ़ा नहीं, ज़िंदगी की तहरीर कोई समझा नहीं। कभी बहारों में खिला फूल बन गए, कभी पतझड़ में भी दरख़्त झुका नहीं। इक ख़्वाब क्या, के ख़ुद को भूल गए, ख़ुद को पाया, तो कोई अपना रहा नहीं। ग़म के दरिया में अक्सर डूबते रहे, साहिल मिला भी, तो किनारा सजा नहीं। ख़्वाब आंखों में हर रोज़ जागते रहे, पर तक़दीर का लम्हा कभी मिला नहीं। राहें लंबी हैं, मंज़िलें धुंधली सी, कोई राहगीर भी साथ चला नहीं। हर घड़ी ने सबक़ तो सिखाया मगर, जिनसे फिर से उठें वो सबक़ मिला नहीं। ज़िंदगी बस यूं ही कटती जाती है, चाहे हंस लो, मगर दर्द छुपा नहीं। ©samandar Speaks #good_night Internet Jockey Mukesh Poonia Satyaprem Upadhyay Radhey Ray अंजान
#good_night Internet Jockey Mukesh Poonia Satyaprem Upadhyay Radhey Ray अंजान
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White कतकी पूनम की धवल यामिनी कतकी पूनम की धवल यामिनी, नीली चादर पर बिछी चांदनी। शीतल किरणों का मृदुल स्पर्श, करे मन को स्निग्ध अमरता अर्पण। बहे मंद-मंद पवन का गीत, लेकर लहरों का मीठा संगीत। कांपे पत्तों पर चाँदी सी धार, ज्यों थिरके मन का कोई विचार। तारों की मद्धम मुस्कान देख, सुध-बुध भूले नील गगन के मेख। नीरवता बोले नीरव भाषा, रात की गोद में सोये आशा। चमके अम्बर के नील कटोरे, चंदा बरसाए शीतल चंदोरे। कतकी पूनम की यह यामिनी, मधुर रागिनी सी सजी चांदनी। ©samandar Speaks #love_shayari Gautam Kumar Mukesh Poonia Radhey Ray खामोशी और दस्तक अंजान
#love_shayari Gautam Kumar Mukesh Poonia Radhey Ray खामोशी और दस्तक अंजान
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White मन खफा है, गुमशुदा है, ग़म का साया है, अजनबी-सा कोई दर्द, बेवजह भीतर पला है। राहें भी चुप हैं, मंज़िलें धुंधली, कदम रुक-रुक से, जैसे कोई थका कारवां। आसमान बेरंग है, सितारे कहीं खो गए, चाँदनी भी अब अंधेरों में घुल गई है। अश्क हैं, मगर बहते नहीं, जख्म हैं, पर दिखते नहीं, जैसे कोई राज़ छुपा है, सांसों की खामोशी में। खुशियां अधूरी, सपने बेमानी, हर चाहत जैसे खो गई ज़िंदगी की भीड़ में। रूह में शोर है, मन की परतों में ख़ामोशी, सवालों की कैद में कोई जवाब नहीं मिलता। शायद ये ग़म ही मेरा हमसफ़र है, या खामोशियों में बसी एक उलझन, लेकिन कहीं… धुंध के उस पार एक किरण बाकी है। Rajeev ©samandar Speaks #good_night Gautam Kumar Mukesh Poonia Radhey Ray खामोशी और दस्तक अंजान
#good_night Gautam Kumar Mukesh Poonia Radhey Ray खामोशी और दस्तक अंजान
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